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    CBSE Result 2021 : पास होने के बाद मेधावियों का छलका दर्द, बोले- भले ही पापा आप नहीं है... लेकिन हम पूरे कर रहे आपके ख्वाब

    By Ravi MishraEdited By:
    Updated: Sat, 31 Jul 2021 01:57 PM (IST)

    CBSE Result 2021 जिंदगी के पहले पड़ाव की तरह होती हैं बोर्ड परीक्षाएं। प्रदर्शन अच्छा.. तो नामचीन विश्वविद्यालय और कालेजों में एडमिशन की राहें आसान महसूस होने लगती है। पूरे साल की कड़ी मेहनत से मेधावी मंजिलों को हासिल कर भी लेते है

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    CBSE Result 2021 : पास होने के बाद मेधावियों का छलका दर्द

    बरेली, जेएनएन। CBSE Result 2021 : जिंदगी के पहले पड़ाव की तरह होती हैं बोर्ड परीक्षाएं। प्रदर्शन अच्छा.. तो नामचीन विश्वविद्यालय और कालेजों में एडमिशन की राहें आसान महसूस होने लगती है। पूरे साल की कड़ी मेहनत से मेधावी मंजिलों को हासिल कर भी लेते है, लेकिन कोविड संक्रमण के दौर में मुश्किलों का सामना करते हुए मेधावियों को मानसिक प्रहार भी सहने पड़े। जब उनके सिर से पिता का हाथ ही उठ गया। बरेली के इन मेधावियों ने पिता को खोने के बाद भी ख्वाब पूरा करने के लिए अपना मनोबल को कम नहीं होने दिया। अब स्वजनों को उनपर गर्व है।

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    पिता की थी तालीम....तुम पढ़ते रहना

    बोर्ड की परीक्षाएं सिर पर ही थीं कि कोविड ने पिता को अपनी कैद में ले लिया। अब तो परीक्षा की तैयारी को भूल जहन में पिता के अच्छे स्वास्थ्य की कामना के अलावा कुछ नहीं आ रहा था। स्टेट बैंक कालोनी निवासी शरद गुप्ता फनसिटी में मेनेजर थे। 10 मई को तबियत बिगड़ी तो जांच कराई, जिसमें कोविड पाजिटिव होने की पुष्टि हुई। तुरंत उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। इधर मानस गुप्ता के सामने एक तरफ परीक्षाओं की चिंता दूसरी ओर पिता को खोने का डर। अस्पताल में भर्ती होने के दौरान पिता सिर्फ एक ही बात कहते कि तुम पढ़ते रहना हम तो ठीक हो जाएंगे। यह समय निकल गया तो परीक्षा वापस नहीं आएंगी। लेकिन, कोविड काल ने परीक्षाओं को तो रद करा दिया लेकिन मानस से उसके पापा को छीन लिया। शुक्रवार को जारी हुए कक्षा 12वीं के रिजल्ट में मानस ने 98.2 अंक प्राप्त कर पिता की सीख को जाया नहीं होने दिया।

    खुशी सिर्फ पिता के सपने को पूरा करने का...

    अर्चना रेजिडेंसी के अनिरूद्ध सक्सेना जीआरएम स्कूल में पढ़ते हैं। 12वीं के नतीजों में 93.2 फीसद अंकों के साथ उन्होंने अपने पिता रजनीकांत के सपने काे भी पूरा किया। स्कूल में शिक्षकों के पैर छूते अनिरूद्ध की आंखों में आंसू थे। लेकिन चेहरे पर खुशी, क्योंकि उन्हाेंने कोविड संक्रमित पिता रजनीकांत के आखिरी वक्त में भी जिंदगी में अच्छे प्रदर्शन का वादा किया था। उन्होंने कहा कि खुशी सिर्फ इतनी है कि पिताजी का कहना हुआ मैंने पूरा कर दिया। अस्पताल में बीमारी के दौर में उन्होंने कहा था कि मेरा सपना है कि तुम नब्बे फीसदी से ऊपर अंक लाना। अब उनके पिता इस दुनिया में नहीं है, लेकिन शुक्रवार को रिजल्ट देखकर अपने पिता को याद करके उनकी आंखों में पानी भर आया।

    दुखों के पहाड़ पर भारी पड़ा जज्बा

    बचपन से लेकर अब तक मां ने यही दुआएं दीं कि तुम कभी दुखों से न हारों। लेकिन जनवरी में खुद मां ही जिंदगी से जंग हार गई। माधवराव सिंधिया पब्लिक स्कूल में कक्षा बारहवीं के छात्र कार्तिक जोशी की मां का इसी वर्ष जनवरी में आकस्मिक निधन हो गया। जिससे हर कोई हतप्रभ रह गया। उस समय विद्यालय में प्री बोर्ड की परीक्षाएं चल रहीं थी। कार्तिक ने इस हृदय विदारक घटना के बाद भी अपना अध्ययन गंभीरता से जारी रखा। मां की दुआओं का असर रहा कि उन्होंने 86.8 फीसदी अंक प्राप्त कर सफलता हासिल की। अब वह दुखी परिवार के लिए रिजल्ट के जरिये खुशियां लेकर आए हैं।

    परीक्षा वाले दिन ही सिर से उठ गया पिता का साया

    माधवराव सिंधिया पब्लिक स्कूल के कक्षा बारहवीं के छात्र सफल तिवारी ने साबित किया कि हर चुनौती का सामना करते हुए चलते रहना ही जीवन है। भौतिकी की प्रयोगात्मक परीक्षा के दिन ही उनके सिर से पिता का साया उठ गया, लेकिन वह विद्यालय आये और परीक्षा में शामिल हुए। मेहनत के सतत प्रयासों की बदौलत शुक्रवार को 12वीं की परीक्षा परिणाम में उन्होंने 71.2 अंक प्राप्त कर सफलता प्राप्त की। अब वह हिम्मत हारकर पीछे हटने वालों के लिए प्ररेणा बन चुके हैं।