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    बरेली: चायपत्ती और लड्डू में जानलेवा रंग, 28 खाद्य नमूने फेल; FSD ने दो को 'असुरक्षित' घोषित किया

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 07:00 AM (IST)

    बरेली में खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच में चायपत्ती और लड्डू समेत 28 खाद्य नमूने फेल पाए गए। दो नमूनों को जानलेवा रंग के कारण 'असुरक्षित' घोषित किया गया। विभाग मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।

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    जब्‍त माल को दिखाते खाद्य विभाग के अ‍धि‍कारी

    जागरण संवाददाता, बरेली। त्योहार के मौसम में बाजारों में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से चलाए गए विशेष अभियान की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। विभाग ने सितंबर माह में शहर व देहात के विभिन्न बाजारों से खाद्य सामग्री के नमूने एकत्र किए थे। 19 नवंबर को प्राप्त हुई लैब रिपोर्ट के अनुसार कुल 28 नमूने फेल हुए हैं, जिनमें से दो खाद्य सामग्री को मानव स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित घोषित किया गया है।

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    खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त पुनीत श्रीवास्तव के मुताबिक मीरगंज के नेहरू नगर शाही स्थित राकेश मिठाई वाले की दुकान से लिए गए बूंदी लड्डू के नमूने में अत्यधिक मात्रा में रंग पाया गया है। नियमों के अनुसार लड्डू में रंग की मात्रा 100 पीपीएम या पार्टिकल पर मिलियन से अधिक नहीं होनी चाहिए, लेकिन जांच में यह मात्रा लगभग 240 पीपीएम तक पहुंच गई। यह मानक से करीब ढाई गुना अधिक है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए सीधा खतरा पैदा कर सकता है।

    इसी प्रकार फतेहगंज पश्चिमी के इकबाल किराना स्टोर से लिए गए हामिदा कलर मसाला चाय के नमूने को भी असुरक्षित घोषित किया गया है। इसमें भी निर्धारित सीमा से अधिक रंग का उपयोग किया गया है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक माना जाता है। विभाग के अनुसार चाय की पत्तियों में मिलाए जाने वाले सिंथेटिक रंग लंबे समय तक सेवन करने पर स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।

    लैब से जारी रिपोर्ट में कई अन्य नमूने अधोमानक श्रेणी में पाए गए हैं। शहर के सीबीगंज स्थित गौतम मार्केट में गुप्ता स्वीट्स से लिए गए बेसन लड्डू के नमूने में इस्तेमाल किया गया तेल निम्न स्तर का पाया गया। इसी तरह सीबीगंज की जयंती गुप्ता की दुकान से लिए गए आटे का नमूना भी मानक पर खरा नहीं उतरा। नवाबगंज के गणपत स्वीट से लिए गए पेड़ा के नमूने में फैट की मात्रा कम मिली।

    वहीं शहर के डेलापीर चौराहे पर स्थित धीरज स्वीट्स से लिए गए पनीर के नमूने में भी फैट की मात्रा मानक से कम पाई गई। इनके अलावा खोया, बर्फी, बेसन, भुजिया, नमकीन, लड्डू, मिठाइयों और तेलीय खाद्य पदार्थों से जुड़े कई अन्य नमूने भी जांच में फेल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश नमूनों में मिलावट, कम फैट, घटिया तेल, रंग और गुणवत्ता में कमी पाई गई है।

    खाद्य सुरक्षा विभाग ने सभी दुकानदारों और खाद्य उत्पादकों को चेतावनी जारी की है कि इस प्रकार की मिलावट व घटिया गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ बेचने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग जल्द ही इन मामलों में नोटिस जारी करने की तैयारी कर रहा है।

    मिल्क पाउडर के भरे नमूने

    खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से जांच का कार्य लगातार जारी है। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय गोयल ने बताया कि विभाग की टीम बाजारों में खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रही है। आंवला तहसील के बल्लिया बाजार में टीम ने स्किम्ड मिल्क पाउडर का नमूना संदेह के आधार पर संग्रहित किया। इसे जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।

     

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