चौंकाने वाला खुलासा! तंबाकू से लेकर सीमेंट तक, इन 4 फर्मों ने ऐसे किया ₹15 करोड़ का टैक्स घोटाला
₹15 करोड़ का ITC फ्रॉड: बरेली में श्री श्याम ट्रेडर्स समेत 4 बोगस फर्मों ने फर्जी कागजात पर ₹15 करोड़ से अधिक का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) हड़पा। यह संगठित टैक्स फ्रॉड कई सालों तक चला। राज्य कर विभाग ने सभी फर्मों पर FIR दर्ज कर दी है और उनके पंजीकरण रद्द कर दिए हैं।
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प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, बरेली। जिले में बोगस फर्म बनाकर करोड़ों रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) हड़पने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। टैक्स चोरी के यह मामले इतने संगठित तरीके से किए गए कि कई फर्में वर्षों तक सक्रिय रहीं और विभाग को भनक तक नहीं लगी। अब जब परत दर परत खुलासा होने लगा, तो राज्य कर विभाग ने न सिर्फ एफआइआर कराई है, बल्कि पूरे प्रकरण की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआइटी) का भी गठन कर दिया गया है।
सबसे बड़ा धोखाधड़ी का मामला श्री श्याम ट्रेडर्स का सामने आया है, जिसकी फर्म एक जुलाई 2021 को पंजीकृत की गई थी। तंबाकू कारोबार के नाम पर यह फर्म जीएसटी के सेक्टर–7 में करीब चार साल तक सक्रिय रही और इस अवधि में 13 करोड़ रुपये से अधिक का आइटीसी क्लेम कर डाला। विभागीय सूत्रों के अनुसार फर्म ने कागजों पर भारी-भरकम व्यापार दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किया, जबकि जमीन पर इसका कोई वास्तविक कारोबार नहीं था।
जांच में जब गड़बड़ियां पकड़ में आईं, तो विभाग ने इसके पंजीकरण को रद्द कर दिया। इसके अलावा फर्म से जुड़े खातों, लेन-देन और बयानों की भी गहन जांच की जा रही है। राज्य कर विभाग के अपर उपायुक्त ग्रेड-1, आशीष निरंजन ने बताया कि बोगस फर्म बनाकर कारोबार करने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। बरेली जिले में अब तक पकड़े गए चारों मामलों में एफआइआर दर्ज कर दी गई है और जांच आगे बढ़ रही है। साथ ही बरेली जोन के अन्य जिलों में पकड़े गए बोगस फर्म के मामलों में भी त्वरित कार्रवाई की जा रही है।
एसआइटी की एंट्री, अब बड़ी मछलियों पर गिरेगी गाज
विभाग को आशंका है कि ये फर्में किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं, जो फर्जी बिलिंग, कागजी खरीद और बिना माल उठाए करोड़ों का आइटीसी क्लेम कर रहा है। इसी वजह से एसआइटी बनाई गई है, जो फर्जी फर्मों के संचालकों, जुड़े ब्रोकरों, अकाउंटेंटों और संभावित सहयोगियों की भूमिका की जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही और बड़े खुलासे संभव हैं।
केस-एक
कन्हैया इंटरप्राइजेज के नाम से जिले में फर्म का पंजीकरण 15 मार्च 2023 को कर दिया गया। गारमेंट का फर्जी व्यापार दिखाकर इसने करोड़ों के कारोबार का दावा किया। मामला पकड़ में आने तक इस फर्म ने 1.78 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम कर लिया। इसके बाद 20 अप्रैल 2024 को इसे कैंसल किया गया। वहीं 27 अगस्त 2025 को इस मामले में केस दर्ज कराया गया।
केस - दो
विजय ट्रेडर्स फर्म का पंजीयन छह दिसंबर 2्र023 को किया गया। खाद्य उत्पाद बनाने के नाम पर इसका संचालन शुरू हुआ। करीब 10 महीने के अंदर फर्जी कारोबार दिखाते हुए कंपनी ने 1.3 करोड़ रुपये का आइटीसी क्लेम कर लिया। जांच में मामला पकड़ में आया तो 15 सितंबर 2025 को इसे कैंसल कर दिया गया।
केस - तीन
जिले में एफएस ट्रेडर्स ने 15 जनवरी 2024 में पंजीयन प्राप्त किया। फर्म ने सीमेंट कारोबार दिखाते हुए कागजी कोरम पूरा करना शुरू कर दिया। फर्म ने कुल सवा 27 लाख रुपये का आइटीसी क्लेम कर दिया तो मामला पकड़ में आया। ऐसे में चार सितंबर को इसका पंजीयन निरस्त किया गया।

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