मीट फैक्ट्री में काम कर रहे 27 कश्मीरियों का होगा पुलिस वेरिफिकेशन, सुरक्षा एजेंसियों ने दिए इनपुट
बरेली की मारिया फ्रोजन और रहबर फूड इंडस्ट्री में तैनात 27 कश्मीरी सुरक्षा गार्डों का वेरिफिकेशन शुरू। L.I.U. ने J&K पुलिस को भेजी लिस्ट। दिल्ली ब्लास्ट इनपुट पर जाँच। राजौरी कनेक्शन और सिक्योरिटी कंपनी के मालिक पर पुलिस की पैनी नजर। गड़बड़ी मिलने पर होगी सख्त कार्रवाई।
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प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, बरेली। मीट फैक्ट्री मारिया फ्रोजन व रहबर फूड इंडस्ट्री के कश्मीरी कनेक्शन की जांच शुरू हो गई है। फैक्ट्री में काम करने वाले 27 कश्मीरियों के वेरिफिकेशन के लिए एलआइयू ने उनकी लिस्ट लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस को भेजी है। 48 घंटे के भीतर उनका पूरा सत्यापन हो जाएगा। यदि सत्यापन के दौरान कोई भी गड़बड़ी मिलती है। पुलिस संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करेगी। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि आखिर मीट फैक्ट्रियां इन लोगों से ही अपनी कंपनी की सुरक्षा क्यों करा रही थीं।
दिल्ली ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से मिले इनपुट पर लोकल पुलिस ने जांच शुरू की। पता चला कि मारिया फ्रोजन और रहबर फूड इंटडस्ट्री में 27 कश्मीरी लोग सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर रहे हैं। इसमें से 17 कश्मीरी सुरक्षा गार्ड मारिया फ्रोजन और 10 कश्मीरी सुरक्षा गार्ड रहबर फूड इंडस्ट्री में लगे हैं।
एलआइयू की टीमों ने और गहन जानकारी जुटाई तो सामने आया कि यह सभी कर्मचारी सिक्योर सिक्योरिटी सर्विस कंपनी के माध्यम से फैक्ट्री में तैनात किए गए थे। इस सिक्योरिटी कंपनी ने भी खुद को पिछले वर्ष ही बरेली में पंजीकृत कराया है। चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि इस सिक्योरिटी कंपनी को संचालित करने वाला भी कबीर भी कश्मीरी है। वह करीब 10-12 साल पहले यहां पर आया था।
इसके बाद पिछले वर्ष उसने अपनी सिक्योरिटी कंपनी खोल ली। इसी कंपनी के माध्यम दोनों ही मीट फैक्ट्रियों में कश्मीरियों को तैनात किया गया है। पुलिस ने सभी 27 कर्मचारियों की लिस्ट को जम्मू-कश्मीर पुलिस को भेज दिया है। वहां से सत्यापन होने के बाद सटीक जानकारी आ सकेगी।
सबसे ज्यादा कर्मचारी राजौरी जिले के
पुलिस ने जब दोनों फैक्ट्रियों से कश्मीरी कर्मचारियों की लिस्ट मांगी तो सामने आया कि इन 27 कश्मीरियों में से 20 लोग ऐसे हैं जो जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले से हैं। बाकी के सात कर्मचारी अन्य जिलों के हैं। एक ही जिले से इतने कर्मचारी होने पर भी पुलिस के मन में सवाल कौंध रहा है।
यह हैं दोनों कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी
मारिया फ्रोजन में काम करने वाले कश्मीरियों में राजौरी जिले के मुहम्मद मरूफ, सराफ मिर्जा, ताहिर मुहम्मद, नाजिक अली नाज खान, अशरफ खान, रज्जाक अहमद, मुहम्मद इश्तियाक, मुहम्मद इरफान, मुहम्मद शाबिर, मुहम्मद शकील, वकार अहमद, मुहम्मद जरीफ, और जहीर खान हैं। इसी के साथ पुंच जिले के तारिक हुसैन, अबरार खान और मुहम्मद जमील हैं।
वहीं, रहबर फूड इंडस्ट्री में काम करने वालों में राजौरी जिले से मुहम्मद शफीक, मुहम्मद अशरत, मुहम्म्द शाकिब, मुहम्मद शफीक, ताहिर मुहम्मद और राहेल अहमद हैं। इसी तरह से पुंच जिले के अयाज अहमद, मुहम्मद शाकिब खान, गुलफराज अहमद, और रियाज अहमद हैं
बाहरी व्यक्तियों के भर्ती करने का क्या है नियम
पुलिस के मुताबिक, जब भी किसी कंपनी में कोई बाहरी व्यक्ति काम करने आता है तो संबंधित कंपनी या फैक्ट्री उसका पुलिस सत्यापन कराती है। यदि उस कंपनी में थर्ड पार्टी (किसी तीसरे व्यक्ति) के माध्यम से उन्हें कंपनी में रखा जाता है तो उस व्यक्ति की पूरी जिम्मेदारी होती है जिसने कंपनी में भर्ती कराया है। ऐसे में उस थर्ड पार्टी को ही सभी कर्मचारियों का सत्यापन कराना होता है।
जो भी लोग किसी अन्य प्रदेश से हमारे यहां काम करने आए हैं ऐसे सभी लोगों का सत्यापन कराया जा रहा है। यदि सत्यापन में कोई मामला पकड़ में आता है तो मामले में कार्रवाई की जाएगी।
- अजय साहनी, डीआइजी।
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