क्या ₹48 लाख का ठेका सिर्फ दिखावा? बरेली रेलवे जंक्शन पर ई-रिक्शा और टैंपो के अवैध कब्जे से यात्रियों की आफत
48 लाख के राजस्व के बावजूद बरेली जंक्शन पर अवैध कब्जा जारी! रेलवे के अधिकारी अवैध पार्किंग और टेंपो वालों की मनमानी पर आँखें मूंदे हैं। जाम के कारण कर्मचारियों की ड्यूटी और यात्रियों का सफर दोनों प्रभावित हो रहे हैं। नरमू ने उच्चाधिकारियों से जल्द कार्रवाई की मांग की है।
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बरेली जंक्शन पर लगी वाहनों की भीड़
जागरण संवाददाता, बरेली। जंक्शन पर टैंपो और ई-रिक्शा वालों के साथ बस चालक यहां दिन आने वाले हजारों यात्रियों के लिए परेशानी का सबब न बनें, इसके लिए रेलवे ने तीन साल के लिए करीब 48 लाख रुपये का ठेका तो दे दिया लेकिन अवैध पार्किंग अब तक नहीं हट सकी है। ऐसे में बड़ी संख्या में टैंपो और ई-रिक्शा वाले जंक्शन के प्रतिबंधित एरिया में दिनभर कब्जा जमाए रहते है। इसे अक्सर वहां लंबा जाम भी लग जाता है। इसकी वजह से कई बार यात्रियों की ट्रेन तक छूट जाती है।
इसे लेकर रेलवे के कई उच्चाधिकारियों तक शिकायतें भी की गईं, लेकिन मनमानी करने वाले चालकों पर अब तक शिकंजा नहीं कसा जा सका है। जंक्शन पर हर दिन दिल्ली-लखनऊ ट्रैक पर 110 यात्री ट्रेनों का आवागमन होता है। इनके जरिये तकरीबन 30-40 हजार यात्रियों का हर दिन ही आवागमन होता है। जाहिर है कि इतनी बड़ी तादाद में जब लोगों की आवाजाही होगी तो वहां टेंपो, ई-रिक्शा वालों के साथ कार व बाइक पार्किंग की व्यवस्था भी होनी चाहिए। जंक्शन पर रेलवे ने तीन साल के लिए करीब 48 लाख का ठेका भी दिया है।
इसमें सभी के रेट निर्धारित है कि किस वाहन के लिए कितने समय के लिए कितनी फीस वसूल की जानी है लेकिन दिक्कत ये आ रही है कि यहां बड़ी तादाद में ई-रिक्शा और टेंपो वाले की मनमानी यहां आने वाले यात्रियों के लिए सिरदर्दी का सबब बनी हुई है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जंक्शन के जिस एरिया में पार्किंग के लिए जगह निर्धारित की गई है, वहां इक्का-दुक्का ही वाहन खड़े नजर आएंगे।
वहीं स्टेशन के मेन गेट से लेकर पार्किंग के लिए प्रतिबंधित एरिया तक में घुसकर टेंपो वाले सवारियों को भरते और उतारते हर दिन ही देखते जा सकते हैं। इस ओर रेलवे के अधिकारी भी कोई ध्यान नहीं दे रहे। जबकि ठेकेदार की ओर से कई बार शिकायतें रेलवे के उच्चाधिकारियों तक की जा चुकी है, लेकिन इस पर शिकंजा कसने के लिए इंतजाम अब तक नहीं हो सके हैं। जबकि तमाम यात्रियों का कहना है कि कई बार जाम की वजह से उनकी ट्रेन तक छूट जाती है। टैंपो वाले सवारियों के साथ जबरदस्ती और अभद्रता करते भी अक्सर नजर आ जाते हैं
नरमू के पदाधिकारियों ने खोला मोर्चा
कोरल मोटर से जंक्शन तक लगने वाले ई-रिक्शा, आटो, बस, ट्रक एवं ठेले वालों के साथ दुकानदारों की वजह से भी जाम की स्थिति पैदा होती है। इसे लेकर नरमू के पदाधिकारियों का कहना है कि उससे रेल कर्मचारी एवं उनके परिवारों के साथ यात्रियों को आवागमन में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई लोगों की कई बार ट्रेन भी छूट जाती है। इतना ही नहीं, कई रेल कर्मी ड्यूटी पर पहुंचने में लेट हो जाते है। इसे लेकर नरमू के पदाधिकारियों ने जीआरपी, आरपीएफ, एसएसपी आदि को शिकायत की कर कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा इस मामले को लेकर मीटिंग भी की। इसमें शाखा सचिव राजेश दुबे, अध्यक्ष मुशारफ खान, कोषाध्यक्ष सुशील आरोरा, बीआर सिंह, महेश चंद्र, कमलेश उपाध्याय, मनोज कुमार, चमन सिंघ, केशव गिरी , राजेश कुमार आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।
जंक्शन का बाहरी हिस्सा चौकी क्षेत्र में आता है। जो एरिया जीआरपी के पास है, वहां से टैंपो और ई-रिक्शा वालों को खदेड़ दिया जाता है। जल्द ही फिर से अभियान चलाकर इस दिक्कत से निजात दिलाया जाएगा।
- एसके वर्मा, थानाध्यक्ष, जीआरपी
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