ब्लैक स्पाट पर 'जानलेवा लापरवाही'! बरेली की सड़कों पर साइन बोर्ड से टला नहीं खतरा, स्थायी सुधार के लिए करोड़ों का बजट अटका
बरेली की जानलेवा सड़कों पर 45 ब्लैक स्पाट चिह्नित। ₹1 करोड़ का बजट मिलने के बावजूद PWD ने केवल साइन बोर्ड लगाए, स्थायी सुधार कार्य शुरू नहीं। हादसों में कमी के बावजूद बड़े खतरे बरकरार। अधिकारी बोले- टेंडर प्रक्रिया जारी। सड़क सुरक्षा की स्थायी उपेक्षा।
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ब्लैक स्पाट पर लगा साइन बोर्ड
कमलेश शर्मा, जागरण, बरेली। जानलेवा सड़कों पर सुधारात्मक कार्य कराने के लिए हर महीने निर्माण कराने वाली संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देश जारी किए जाते हैं। शासन से इसके लिए बजट का भी आवंटन किया गया है। नवदिया झादा ब्लैक स्पाट पर स्थायी सुधारात्मक कार्य जरूर हो रहा है, लेकिन चिह्नित अन्य ब्लैक स्पाटों पर साइन बोर्ड, क्रैश बैरियर लगाकर और रोड साइनेज लगवाकर दायित्वों की इतिश्री कर ली गई है। स्थायी सुधारात्मक कार्य अभी शुरू ही नहीं हो सके हैं। जबकि नए ब्लैक स्पाट चिह्नांकन की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है।
जिले में सड़कों की स्थिति सुधरी है। राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्यमार्ग और जिला मार्गों पर वाहनों की रफ्तार बढ़ गई है। जगह-जगह अवरोध, अंधा मोड़ और संकेतांक की कमी से दुर्घटनाओं में असमय लोगों की जान चली जाती है। जिले में पिछली साल अक्टूबर में 118 सड़क दुर्घटनाएं हुईं थी, जबकि इस साल अक्टूबर में 66 दुर्घटनाएं हुईं। इन सड़क दुर्घटनाओं में 44.1 प्रतिशत की कमी आई है। पिछली साल हादसों में 63 लोगों की जान गई थी, जबकि इस वर्ष मृतकों की संख्या 34 रही, इसमें 46 प्रतिशत की कमी आई है।
जनवरी से लेकर अक्टूबर तक की बात करें तो पिछली साल 969 दुर्घटनाओं में 402 लोगों की जान गई थी। जबकि इस साल 769 दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या 359 रही है। बार-बार जिन स्थानों पर दुर्घटनाएं होती रही हैं ऐसे 45 स्थानों को ब्लैक स्पाट चिह्नित कर एनएचएआइ, लोक निर्माण बैठक में इन ब्लैक स्पाटों को समाप्त कराने के निर्देश तो जारी किए गए, लेकिन लोक निर्माण विभाग को बजट ही नहीं मिल सका है। संकेतक जरूर लगवा जा रहे हैं, लेकिन स्थायी इंतजाम नहीं हो पा रहे हैं।
सुधारात्मक कार्यों की बात करें तो शीशगढ़ धनेता मार्ग पर गोकिलपुर गांव के पास सड़क किनारे साइड में रिफ्क्लेटर पाेल लगवाए गए हैं। इसी मार्ग पर बसाई गांव के पास संकेतांक लगवा दिया गया है। आनंदपुर गांव के पास बीच में सड़क की पेंटिंग कराई गई है। दुनका में मोड़ के पास संकेतांक लगवा दिए गए हैं। लोक निर्माण विभाग ने छोटे-मोटे काम तो करा दिए हैं, लेकिन स्थायी कार्य अभी तक शुरू ही नहीं हुए हैं।
इधर, सड़क दुर्घटनाओं के आधार पर नए दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र चिह्नित किए जाने लगे हैं, जबकि पहले से चिह्नित स्थलों पर अभी सुधारात्मक कार्य नहीं हो सके हैं। लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड को आठ ब्लैक स्पाट पर सुधारात्मक कार्य के लिए दस-दस लाख के हिसाब से 80 लाख रुपये, जबकि निर्माण खंड को दो ब्लैक स्पाट को सही कराने के लिए बीस लाख रुपये मिल चुके हैं। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि टेंडर निकाला गया है, जल्द ही धरातल पर कार्य आरंभ कराया जाएगा।
ब्लैक स्पाट सुधारात्मक कार्य के लिए एनएचएआइ, पीडब्ल्यूडी, आरईएस को जिम्मेदारी दी गई है। मंडल के चारों जिलों के अधिकारियों से ब्लैक स्पाट पर सुधारात्मक कार्य कराने के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक कार्ययोजना मांगी गई है। स्टेट रोड सेफ्टी के अंतर्गत बजट की डिमांड की जाएगी। आगामी तीन दिसंबर को होने वाली मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इसे शामिल किया जाएगा।
- प्रणव झा, आरटीओ प्रवर्तन
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में मिले निर्देशों के क्रम में चिह्नित ब्लैक स्पाट पर अल्पकालिक सुधारात्मक कार्य करा दिए गए हैं। 10 ब्लैक स्पाट पर स्थायी सुधारात्मक कार्य कराने के लिए शासन से बजट मांगा गया था। एक करोड़ रुपये का बजट प्राप्त हो चुका है। टेंडर कराए जा रहे हैं, प्रक्रिया पूर्ण होते ही गुणवत्ता के साथ सुधारात्मक कार्य पूर्ण कराया जाएगा।
- भगत सिंह, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग
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