बरेली में DIG-SSP के इस बड़े दांव ने बदल दिया पूरा गेम, वरना दंगे की आग में जल जाता शहर
बरेली में जुमे की नमाज के बाद उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया और दंगा भड़काने की कोशिश की जिसे पुलिस ने विफल कर दिया। आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर के ऐलान के बावजूद अनुमति न मिलने पर भी लोग इस्लामिया मैदान में एकत्र हुए। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए भीड़ को खदेड़ा पथराव करने वालों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जागरण संवाददाता, बरेली । शहर में जुमे की इबादत करने वालों और मौलाना के साथ ज्ञापन देने वाले की भीड़ में ऐसे उपद्रवी भी शामिल थे, जो पुलिस को निशाना बनाकर अपनी ताकत दिखाना चाहते थे। यही वजह रही जब भी पुलिस ने भगाने की कोशिश की तो वे हमलावर होकर वार करने लगे।
सड़कों और गलियों में पुलिस को आवाज देकर बुलाना, इशारा करके चैलेंज करना, पत्थरबाजी करना, अनुरोध करने के बाद पुलिस के सामने नारेबाजी करना और पुलिस कार्रवाई की वीडियो बनाकर दबाव बनाने की कोशिश थी, जिससे कि वे खुलेआम मनमानी कर पाएं। इसे थामने में डीआइजी अजय कुमार साहनी और एसएसपी अनुराग आर्य की सख्ती बरतने की रणनीति काम आ गई, वरना शहर दंगों की आग में जल जाता। पुलिस की सख्ती से उपद्रवियों का दंगा करने के षडयंत्र कामयाब नहीं हो पाया।
आइएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर के इस्लामिया मैदान में एकत्र होकर ज्ञापन देने के ऐलान के बावजूद पुलिस प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। यह जानकारी होने बावजूद बड़ी संख्या में लोग एकत्र होना शुरू हो गए। अधिकांश लोग नमाज अदा करने के बाद अपने घरों में लौट गए, जिसके बाद उपद्रवियों ने कहीं ''आइ लव मुहम्मद'' के बैनर पोस्टर दिखाकर हंगामा किया तो कहीं धार्मिक नारेबाजी करके पुलिस को उकसाना शुरू कर दिया।
पुलिस ने दिखाई सख्ती
पुलिस प्रशासन के समझाने के बावजूद जब भीड़ नहीं मानी तो पुलिस ने सख्ती दिखाकर उनके घर भेजने की कोशिश की, लेकिन इस बार उपद्रवियों ने पुलिस को निशाना बनाकर हमला करना शुरू कर दिया। शहर में सबसे पहले बिहारीपुर पुलिस चौकी क्षेत्र में मस्जिद के पास पुलिस पर भीड़ हमलावर होने लगी तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इसके बाद नौमहला मस्जिद में नमाज अदा करने आए अधिकांश लोगों को शांतिपूर्ण ढंग से निकाल दिया गया, लेकिन दोपहर साढ़े तीन बजे भीड़ एक साथ पहुंची और नारेबाजी करने लगे, जिससे वहां पर अफरातफरी मच गई।
भीड़ को आक्रामक होता देखकर पुलिस ने लाठीचार्ज करके उनको वहां से खदेड़ दिया। इसके बाद उपद्रवियों ने कोतवाली के सामने हंगामा करना शुरू कर दिया। पुलिस ने समझाने की कोशिश लेकिन उपद्रवी नहीं माने। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज करके भगाना चाहा तो उन लोगों ने पत्थरबाजी करना शुरू कर दिया, जिसमें दो पुलिस कर्मी चोटिल भी हो गए। श्यामगंज चौराहा के पास उपद्रवियों की भीड़ नहीं हटी तो पुलिस कप्तान अनुराग आर्य खुद मौके पर पहुंचे।
पत्थर फेंकने लगे आरोपित
कप्तान ने वहां से हटाने की कोशिश की तो आरोपित पत्थर फेंकने लगे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। भीड़ पुराना शहर की ओर चली गई। कश्मीर की तर्ज पर शहर में पुलिस पर सुनियोजित हमला करके योगी की पुलिस को हतोत्साहित करना था। डीआइजी और एसएसपी की उपद्रवियों के सख्ती से निपटने की रणनीति ने शहर में दंगा होने से बचा लिया।
अगर ये उपद्रवी इसी तरह बेकाबू होकर बाजारों या अन्य किसी मुहल्ले में कोई घटना कर देते तो शहर में दंगा होने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। बरेली में योगी की पुलिस पर हमला करके सीधे मुख्यमंत्री के इकबाल को चुनौती देने की कोशिश को सख्ती बरतकर शांत कर दिया गया।
जिले में इस्लामिया मैदान में होने वाले कार्यक्रम की अनुमति नहीं थी। पुलिस ने रोककर समझाया तो अधिकांश लोग चले गए। कुछ उपद्रवी तत्वों ने हंगामा करने का प्रयास किया तो उनसे सख्ती से निपटा गया। पुलिस पर पथराव दिया गया। बड़ी संख्या में लोगों की पहचान हो चुकी है। कुछ लोगों को गिरफ्तार करने के साथ ही पूछताछ की जाएगी। कुछ पुलिस कर्मी घायल हुए हैं, उनका मेडिकल कराकर इलाज कराया जाएगा। कैमरों, आइसीसीसी के माध्यम से की गई वीडियोग्राफी से पथराव करने वाले लोगों को हिरासत में लिया गया, जो भी लोग इसमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल हुए, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी तरह की अफवाह पर भरोसा न करें। -अनुराग आर्य, एसएसपी
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