भूल जाइए गाड़ी बेचना या रिन्यू कराना! बार-बार चालान कटाने वालों पर चला 'डिजिटल हंटर'
बरेली में बार-बार चालान कटवाने वालों पर 'डिजिटल हंटर' चलाया गया है। अब ऐसे लोगों के लिए गाड़ी बेचना या रिन्यू कराना मुश्किल होगा। यह कार्रवाई यातायात ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
कमलेश शर्मा, जागरण, बरेली। शहर के प्रमुख चौराहों लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से बार-बार वाहनों के चालान हो रहे हैं, लेकिन वाहन स्वामी उसका भुगतान नहीं कर रहे हैं। यातायात पुलिस ने ऐसे 5,000 वाहनों की सूची परिवहन विभाग को भेजी है। परिवहन विभाग ने इन सभी वाहनों को ब्लैकलिस्टेड कर दिया है।
वाहन पंजीकरण का नवीनीकरण कराने और गाड़ी स्थानांतरित नहीं हो सकेंगे। लंबित चालान जमा कराने के बाद ही इसकी प्रक्रिया आरंभ हो सकेगी। परिवहन विभाग की ओर से सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर लगवाए जा रहे हैं। इसका फायदा यह हो रहा है कि चौराहों और हाईवे पर लगे सीसीटीवी कैमरों से यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर आनलाइन चालान कर दिए जा रहे हैं।
वाहनों के चालान तो बहुतायात में हो रहे हैं, लेकिन लोग चालान का भुगतान नहीं कर रहे हैं। यातायात पुलिस ने ऐसे ही पांच हजार वाहनों की सूची परिवहन विभाग को भेजी है, जिनका तीन बार से अधिक चालान हो चुका है। इनमें कई वाहनों के लिए 50 बार से अधिक चालान किए जा चुके हैं।
यातायात पुलिस की ओर से इस तरह की सूची पहले भी परिवहन विभाग को जाती रही है, लेकिन नोटिस भेजकर खानापूरी कर दी जाती थी। इस बार आरटीओ ने इन वाहनों को ब्लैकलिस्टेड कर दिया है। परिवहन विभाग ने प्रवर्तन कार्रवाई में नियमों का बार-बार उल्लंघन करने वाले वाहनों पर अब और सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
ग्राम पंचायत स्तर पर चिह्नित होंगे दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए प्रवर्तन कार्रवाई और लोगों को जागरूक करने के लिए परिवहन विभाग की ओर से एक जनवरी से सड़क सुरक्षा माह मनाने की तैयारी की जा रही है। बरेली के लिए राहत की बात यह है कि प्रदेश स्तर पर जारी की गई रैकिंग में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के मामले में शीर्ष यानि 75वें स्थान पर है।
बदायूं 64वें और शाहजहांपुर 63वें स्थान पर है, हालांकि पीलीभीत की स्थिति संतोषजनक नहीं हैं। समाज को जागरूक कर दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए परिवहन विभाग ने ग्राम सड़क सुरक्षा समिति का नवाचार शुरू किया है। मंडल की 4017 ग्राम पंचायतों में ग्राम सड़क सुरक्षा समितियां गठित कर जनांदोलन का रूप दिया जा रहा है। अब तक 23,000 स्वयं सेवकाें को इसमें जोड़ा जा चुका है।
संख्या 40,000 तक पहुंचाने की कार्ययोजना बनी है। यह समितियां दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र चिह्नित करेंगी। यह ब्लाक, तहसील, जिला समिति के माध्यम से मंडलीय समिति तक पहुंचेगा। दस हजार रुपये तक में होने वाले सुधारात्मक कार्य तो ग्राम पंचायत स्तर से करा लिए जाएंगे, लेकिन 10 हजार से अधिक के सुधारात्मक कार्यों के लिए बजट उपलब्ध कराया जाएगा।
यातायात पुलिस की ओर से बार-बार चालान होने वाले वाहनों की मिली सूची में शामिल पांच हजार वाहनों को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर जनांदोलन छेड़ने के लिए नवाचार आरंभ किया गया है। हर गांव में ग्राम सड़क सुरक्षा समितियां बनाई जा रही हैं। दुर्घटनाओं के छोटे-बड़े कारणों को चिह्नित कर वहां सुधारात्मक कार्य कराए जाएंगे। समाज में जागरूकता लाकर ही सड़क हादसों में असमय होने वाली मौतों को टाला जा सकेगा।
- प्रणव झा, आरटीओ प्रवर्तन
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