'...भगवान वो दिन फिर न दिखाए', 15 साल पहले भी जल रहा था बरेली; याद कर सहम जाते हैं लोग
बरेली में 2010 में हुए दंगों की यादें आज भी लोगों के दिलों में ताजा हैं। मौलाना तौकीर के भड़काऊ भाषण के बाद दंगाइयों ने गुद्दड़बाग और कई बाजारों को जला दिया था। पीड़ितों ने बताया कि उनके घरों और दुकानों को लूटा गया और जला दिया गया जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ।

बातचीत-
हम शहर से बाहर थे, शाम साढ़े चार बजे सूचना मिली कि दुकान में तोड़फोड़ करने के बाद आग लगा दी गई है। उस वक्त हमारा 10 से 15 लाख का नुकसान हुआ था।
राहुल पाल
दंगाइयों ने हमारा पूरा घर जला दिया था। बच्चों के जो दस्तावेज जले, वह आज तक पूरे नहीं बन पाए हैं। वो दिन भगवान किसी को दोबारा न दिखाए।
सुषमा सक्सेना
हमारा बैग के रोल का गोदाम था। शहर में जब दंगा शुरू हुआ तो इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह इतना भयानक रूप ले सकता है। मेरा पूरा गोदाम फूंक दिया गया।
नरेंद्र मौर्य
हम तो कुछ ही दिनों पहले मकान में आए थे, दंगा होने से कुछ देर पहले घर से निकले। इसी बीच घर में दंगाई घुसे। उन्होंने परिवार के लोगों पर हमला कर दिया।
वीएस सक्सेना।
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