'वर्मा' सरनेम की महिला सिपाहियों को निशाना बनाता था राजन, फिर 'अपना घर' बनाने के नाम पर करता था कांड
यूपी के बरेली में पुलिस ने आठवीं पास एक ऐसे शातिर को गिरफ्तार किया है जिसे वर्मा सरनेम वाली महिला सिपाहियों को निशाना बनाया। उन्हें शादी का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी कर ली। राजन वर्मा कोई छोटा-मोटा फर्जीवाड़ा करने वाला व्यक्ति नहीं था। सोशल मीडिया पर उसके एक दो नहीं बल्कि कई फोटो वर्दी संग वायरल हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, बरेली। पुलिस की गिरफ्त में आया शातिर राजन वर्मा भले ही आठवीं पास था, लेकिन महिला कांस्टेबलों को अपने जाल में फंसाकर उनसे करोड़ों रुपये की ठगी करने में माहिर था। वह सिर्फ वर्मा सरनेम वाली महिला सिपाहियों को तलाशता।
पहले उनसे दोस्ती करता और बाद में शादी का झांसा देकर उनके साथ संबंध बनाता। महिला सिपाहियों से ''अपना घर'' बनाने के नाम पर ठगी करता। कहता था कि शादी से पहले अपना घर होगा तो शादी के बाद उसी में प्रवेश करेंगे। एक साथ जीवन गुजारने के सपने दिखाकर वह उनके नाम से लोन कराता और फिर सभी रुपये लेकर फरार हो जाता।
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ की तो पता चला कि वह वर्मा सरनेम की महिला सिपाहियों को इसलिए फंसाता था, ताकि वह शादी के झांसे में आसानी से आ जाएं और किसी भी तरह का सवाल उनके मन में न उठे। कुछ महिला कांस्टेबल ने तो अपने परिवार वालों को भी राजन के बारे में बता दिया था। एक ही जाति होने की वजह से वह भी मान गए थे। आरोपी राजन वर्मा जानता था कि कई बार एक जाति नहीं होने की वजह से महिला सिपाही उसके झांसे में नहीं आएगी।
अगल-अलग थानों में हुई प्राथमिकी से यह बात स्पष्ट हो गई कि आरोपित सभी महिलाओं को जमीन खरीदकर अपना मकान बनाने के नाम पर बहलाता था। किसी से उसने सात लाख तो किसी से आठ लाख रुपये का लोन कराया। बरेली की महिला कांस्टेबल से भी आरोपी ने लखनऊ में जमीन खरीदने के नाम पर 6.30 लाख रुपये का लोन कराया था। जब उसे लगता कि उसकी हकीकत अब सामने आ गई तो वह फरार हो जाता और महिला कांस्टेबलों से बात करना बंद कर देता था।
अगल-अलग थानों में हुई प्राथमिकी
अभी तक पांच थानों में आरोपित के विरुद्ध प्राथमिकी लिखी जा चुकी हैं। कई मामले ऐसे भी आरोपित ने स्वीकारें हैं जिसमें कोई शिकायत नहीं हो सकी। पुलिस के अनुसार, आरोपित महिला कांस्टेबलों से जमीन के नाम पर जो भी रुपये ठगता था वह किसी दूसरी महिला के खाते में जाते थे। अभी पुलिस आरोपित के बैंक खातों की जानकारी कर रही है जिससे उसकी पूरी पूंजी के बारे में पता चल सके।
सोशल मीडिया पर वर्दी संग कई फोटो
राजन वर्मा कोई छोटा-मोटा फर्जीवाड़ा करने वाला व्यक्ति नहीं था। सोशल मीडिया पर उसके एक दो नहीं बल्कि, कई फोटो वर्दी संग वायरल हो रहे हैं। कुछ फोटो पुलिसकर्मियों के साथ तो कुछ फोटो अन्य सिपाहियों के साथ प्रसारित हो रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिरी आरोपित ने पुलिस विभाग में इतने अंदर तक पैठ कैसे बनाई कि कई पुलिस समारोह में भी पुलिसकर्मियों के साथ है और उसे कोई पकड़ नहीं पा रहा है।
बरेली की कांस्टेबल की सैलरी खाते में भी किया फर्जीवाड़ा
जिले के एक थाने में तैनात महिला कांस्टेबल के साथ आरोपित ने फर्जीवाड़ा करने की सभी हदें पार कर दी। पहले उसे प्रेमजाल में फंसाकर प्लाट के नाम पर रुपये ठगे, बाद में उसने महिला कांस्टेबल का सैलरी खाता ही बदल दिया। जिस खाते में महिला सिपाही की सैलरी आती थी, उसे भी अपने खाते में लेने लगा।
महिला सिपाही ने पुलिस को बताया था कि जब वह बीमार थी तो आरोपित एक बैंक का फॉर्म लेकर आया और उस पर यह कहकर हस्ताक्षर करा लिया कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार जिस बैंक में पुलिसकर्मियों को खाता खोला जाना हैं, यह उसकी का फॉर्म हैं। इसलिए महिला सिपाही ने उस पर हस्ताक्षर कर दिए। आरोपित ने महिला के दो खाते खुलवा दिए। एक का एटीएम कार्ड अपने पास रखा। उसी खाते में महिला सिपाही की सैलरी आने लगी, जिसे आरोपित निकालता।
खाते से कटी किस्त तो आया समझ
जिले की महिला सिपाही ने आरोप लगाया कि आरोपित ने उनके नाम से लोन लेकर एक एमजी हेक्टर कार भी खरीद ली, जिसकी किस्त उसके खाते से कटने लगी। 23:50 लाख रुपये का लोन अभी भी चल रहा है। महिला के खाते से जब किस्त कटना शुरू हुई तो उन्हें पूरी धोखाधड़ी के बारे में जानकारी हुई। बहरहाल, सोमवार रात कोतवाली पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
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