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    बरेली नगर निगम दुकान नामांतरण नीति पर हंगामा: पार्षदों ने बहिष्कार कर बताया 'अव्यवहारिक'!

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 11:47 PM (IST)

    बरेली नगर निगम की दुकान नामांतरण नीति पर विवाद हो गया है। पार्षदों ने इस नीति का बहिष्कार करते हुए इसे 'अव्यवहारिक' बताया है। इस नीति के विरोध में पार ...और पढ़ें

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    बरेली नगर न‍िगम

    जागरण संवादददाता, बरेली। नगर निगम की दुकानों नामांतरण नीति की विसंगतियों को दूर करने को लेकर गठित कमेटी की शुक्रवार को हुई बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। कमेटी के अध्यक्ष एवं अपर नगर आयुक्त की ओर से प्रकरण न्यायालय में लंबित होने के चलते चर्चा नहीं हो सकने की बात कहने पर कमेटी के सदस्य और पार्षद राजेश अग्रवाल भड़क गए।

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    उन्‍होंने कहा कि अधिकारियों की ओर से व्यापारियों को राहत देने को लेकर तनिक भी गंभीरता नहीं दिख रही, इस पर अपर नगर आयुक्त ने आरोप को खारिज करते हुए प्रकरण के न्यायालय से जुड़े होने की बात कहते हुए समझाते हुए शीघ्र ही विधिक परामर्श के अनुसार मंथन कर निर्णय लेने का हवाला दिया। मगर, इसके बाद कमेटी ने बिना किसी निर्णय के आगे की बैठक को स्थगित कर दिया।

    नगर निगम बोर्ड की ओर निगम के दुकानों के नामांतरण-किराया निर्धारण को लेकर अपर नगर आयुक्त शशि भूषण राय की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। इसको लेकर शुक्रवार को बैठक बुलाई गई। बैठक में पार्षद राजेश अग्रवाल ने अवगत कराया की सोमवार को होने वाली नीलामी में प्रेम नगर थाने के सामने स्थित 14.15 मीटर की दुकान के प्रीमियम के रूप में 222900 रुपए सरकारी कीमत निर्धारित की है और किराए के रूप में प्रति माह 4458 रुपये तय की है।

    वर्षों से काबिज दुकानदार नामंत्रण की गलत नीति के कारण इतनी बड़ी दुकान इस बाजार की प्रीमियम के रूप में 300688 रुपए और किराए के रूप में 6013 रुपये प्रति माह देंगे जो पुराने किराएदारों के लिए अव्यवहारिक है। इसी तरह पूर्व में डूडा आफिस के सामने की दुकान सिंतबर में 16.35 मीटर की दुकान 410000 रुपए प्रीमियम और 7766 रुपए प्रति माह किराए पर आवंटित की हैं।

    यदि पुराना दुकानदार सिविल लाइन क्षेत्र में अपना नाम परिवर्तन करवाता है तो उसे 510950 प्रीमियम के रूप में रुपए देने होगें और किराए के रूप में 10219 किराया देना होता। राजेश अग्रवाल ने मीटिंग का बहिष्कार किया और कहां ऐसी मीटिंगों से कोई लाभ नहीं है जहां पहले से जिम्मेदार मन बना कर बैठे हैं। बैठक के सदस्य पर्यावरण अभियंता राजीव राठी, मुख्य निर्धारण अधिकारी पीके दुबे, पार्षद छंगामल मौर्य, गौरव सक्सेना, मुकेश सिंघल, प्रभारी राजस्व समेत अन्य अधिकारी और सदस्य रहे।

     

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