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    बजट में 'बूम', जमीन पर 'शून्य': बरेली नगर निगम का 978 करोड़ का दांव, क्या बदलेगी शहर की सूरत

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 10:15 PM (IST)

    बरेली नगर निगम ने 978 करोड़ का बजट पेश किया है, जिसका उद्देश्य शहर का विकास करना है। हालांकि, सवाल यह है कि क्या यह बजट वास्तव में शहर की सूरत बदल पाए ...और पढ़ें

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    बरेली नगर न‍िगम

    नीलेश प्रताप स‍िंह, जागरण, बरेली। शहर की सरकार (नगर निगम कार्यकारिणी समिति) ने विकास को गति देने के लिए वित्त वर्ष 2025-2026 का पुनरीक्षित बजट पेश कर दिया है। मूल बजट-833 करोड़ के सापेक्ष में 978 करोड़ का बजट प्रस्तुत किया गया है, जिसे बोर्ड से स्वीकृति का इंतजार है। बजट में सीएम ग्रिड, एनकैप और अन्य परियोजनाओं में आय की संभावनाओं को लेकर अधिक उम्मीदें जताई गई है, मगर कई ऐसे भी मद हैं जिनमें अब भी आय के साथ खर्च भी सिफर हैं।

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    इसको लेकर नगर निगम की ओर से ठोस प्रयास करने का दावा किया जा रहा, मगर सभी प्रयास सिर्फ कर-करेत्तर से शत-प्रतिशत वसूली तक ही सिमटकर रह जा रहे हैं। महापौर डा. उमेश गौतम की अध्यक्षता में 29 नवंबर को नगर निगम कार्यकारिणी समिति ने निगम इतिहास का सबसे बड़ा पुनरीक्षित बजट 978 करोड़ की स्वीकृति दी। इसमें राज्य वित्त आयोग में 210 करोड़ से बढ़ाकर 220 करोड़ की आय प्रस्तावित की गई।

    राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनकैप) के तहत 40 करोड़ से 70 करोड़, डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में 15 करोड़ से 17 करोड़ आय होने की संभावना के चलते मद को बढ़ाया गया है, लेकिन राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम और 15वां वित्त आयोग के कई ऐसे कार्य हैं जो सिर्फ निविदाओं में ही उलझकर रह गए हैंं, इसको लेकर जिम्मेदारों की ओर से सिर्फ आवश्यक पहल किए जाने का दावा कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री की जा रही है।

    सिर्फ कर-करेत्तर से आय पर फोकस, अन्य मदों में खानापूर्ति

    नगर निगम न सिर्फ व्यय में पिछड़ रहा बल्कि आय में भी सिफर साबित हो रहा। नगर निगम की ओर से सिर्फ कर-करेत्तर में ही शत-प्रतिशत वसूली करने को लेकर पूरी ताकत झोंकी जा रही। मगर, कुत्तों के लाइसेंस फीस, खाली पड़ी भूमि समेत कई ऐसे मद हैं जिनमें आय सिर्फ सैकड़ों में ही हुई है। अब तक कर-करेत्तर में निगम की 65 करोड़ से अधिक की वसूली हो चुकी है।

    नगर निगम बरेली: कहाँ से आएगा पैसा?

    नगर निगम ने अपने 978 करोड़ के भारी-भरकम बजट को संतुलित करने के लिए इन मदों से आय की उम्मीद जताई है:

    मद (Head) प्रस्तावित आय (करोड़ में)
    राज्य वित्त आयोग (State Finance Commission) ₹ 220 करोड़
    एनकैप (NCAP - स्वच्छ वायु कार्यक्रम) ₹ 70 करोड़
    15वां वित्त आयोग (Tied Grant) ₹ 54 करोड़
    सीएम ग्रिड (CM Grid Scheme) ₹ 50 करोड़
    15वां वित्त आयोग (Untied Grant) ₹ 47 करोड़
    विज्ञापन (Advertisement) ₹ 5.5 करोड़
    एसवीएम (SBM/SVM) ₹ 5 करोड़
    रोड कटिंग निर्माण (Road Cutting) ₹ 1 करोड़

    नगर निगम बरेली: कहाँ खर्च होगा जनता का पैसा?

    नगर निगम ने विकास और प्रशासनिक कार्यों के लिए बजट को इन प्रमुख हिस्सों में बांटा है:

    मद (Head) अनुमानित व्यय (करोड़ में)
    सीएम ग्रिड (CM Grid) ₹ 50 करोड़
    डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन ₹ 17 करोड़
    राज्य वित्त आयोग (व्यय) ₹ 9 करोड़
    पर्यावरण सुरक्षा (Environment) ₹ 6 करोड़
    नगर निगम निधि ₹ 6 करोड़
    कान्हा उपवन (बेसहारा पशु प्रबंधन) ₹ 5 करोड़
    नजारत (प्रशासनिक खर्च) ₹ 2 करोड़
    सुरक्षा गार्ड एवं अन्य ₹ 1.75 करोड़

    सिर्फ कागजों पर 'विकास': टेंडरों के चक्रव्यूह में फंसे बरेली के करोड़ों के प्रोजेक्ट

    नगर निगम ने बजट तो बढ़ा दिया है, लेकिन 15वें वित्त आयोग की महत्वपूर्ण योजनाएं फाइलों और निविदाओं (Tenders) से बाहर नहीं निकल पा रही हैं। कई वार्डों में 6-6 बार टेंडर होने के बावजूद काम शुरू नहीं हो सका है।

    केस स्टडी: कहाँ अटका है काम?

    वार्ड नंबर कार्य का विवरण अनुमानित लागत वर्तमान स्थिति
    वार्ड-26 जागेश्वर धाम कॉलोनी में मुख्य मार्ग, लिंक गलियों में नाली व सीसी सड़क निर्माण। ₹ 1.59 करोड़ 6 बार निविदा निकली, पर काम अधर में।
    वार्ड-34 परतापुर चौधरी: प्राथमिक विद्यालय से रेलवे लाइन तक नाली, सड़क व टाइल्स कार्य। ₹ 1.25 करोड़ 6 बार निविदा के बाद भी नतीजा शून्य।
    वार्ड-38 बाकरगंज खड्ड में बाउंड्रीवॉल का निर्माण कार्य। ₹ 4.39 करोड़ 3 बार निविदा, पर किसी एजेंसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।

     

    शहर में प्रस्तावित विकास कार्यों को समय से पूरा करने के लिए लगातार निविदा आमंत्रित की जा रही हैं। सभी आवश्यक कार्य तय समय में पूर्ण भी हो रहे, कुछ कार्यों में एजेंसियों के नहीं आने से दोबारा टेंडर आमंत्रित किया गया है। सभी मदों से होने वाले आय-व्यय को लेकर लगातार ठोस समीक्षा की जा रही, किसी भी कार्य में लापरवाही नहीं बरती जाए इसको लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं।

    - संजीव कुमार मौर्य, नगर आयुक्त


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