बढ़ती आबादी-बेहतर इलाज: बरेली के इन 19 इलाकों में शुरू होने जा रहे हैं नए सरकारी अस्पताल, देखें पूरी लिस्ट
बरेली में शहरी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 19 नए अर्बन आयुष्मान आरोग्य मंदिर खोले जाएंगे। इन मंदिरों में प्रसव को छोड़कर अन्य सभी स्वास्थ्य ...और पढ़ें

आयुष्मान आरोग्य मंदिर
जागरण संवाददाता, बरेली। शहरी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए 19 जगहों पर नई अर्बन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का संचालन शुरू करने की तैयारी चल रही है। इसमें प्रसव को छोड़कर बाकी सभी सुविधाएं दी जानी हैं। प्रत्येक आयुष्मान आरोग्य मंदिर से आसपास रहने वाली 15 से 20 हजार तक की आबादी को इसका फायदा मिलेगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नौ जगहों इन आरोग्य मंदिरों को शुरू करने के लिए भवनों का चयन कर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि भवन स्वामियों से वार्ता चल रही है। बाकी जगहों पर भी इन अस्पतालों को खोलने की तैयारी की जा रही है। शहरी क्षेत्रों में अभी 36 जगहों पर अर्बन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का संचालन किया जा रहा है।
50 हजार की आबादी पर एक अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) और 15 से 20 हजार की आबादी पर अर्बन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को स्थापित किया गया है। यह स्लम बस्ती या फिर उसके आसपास संचालित किया जाता है, ताकि वहां गैर संचारी रोग, टीकाकरण सहित अन्य हेल्थ प्रोग्राम के जरिये न केवल लोगों की स्क्रीनिंग की जा सके, बल्कि ओपीडी के जरिये उनका इलाज और मुफ्त दवाइयों का वितरण भी हो।
अर्बन एरिया में अभी 26 यूपीएचसी और 36 अर्बन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का संचालन भी हो रहा है, लेकिन शहरी क्षेत्र में बढ़ती आबादी के बीच यूपीएचसी और आरोग्य मंदिरों में मरीजों की संख्या काफी बढ़ रही है। ऐसे में उन्हें समुचित स्वास्थ्य स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।
इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने शहरी क्षेत्र में पीएमए-भीम के अंतर्गत 19 जगहों पर नए अर्बन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को शुरू करने का फैसला लिया है। इसमें शहर में पटेल बिहार, बाग ब्रिटान, नवाबगंज में इंदिरानगर और भट्ठा मोहल्ला, फरीदपुर में भूरे खां गौटिया और निर्धान, आंवला में कच्चा कटरा और बहेड़ी में शाहगढ़ और महादेवपुर में जगह का चयन भी कर लिया है।
इसके अलावा बाकी 10 जगहों पर भी इन अस्पतालों को संचालित करने के लिए भवन स्वामियों को वार्ता की जाती है। बता दें कि शहरी क्षेत्र में यूपीएससी और अर्बन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास अपने भवन नहीं है। इन्हें निजी भवनों में चलाया जा रहा है।
आयुष्मान मंदिरों को लेकर किराया और बिल को लेकर खत्म होगी अड़चन
शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के संचालन को लेकर लंबे समय से चली आ रही वित्तीय अड़चन अब समाप्त होने जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने 15वें वित्त आयोग से प्राप्त बजट नगर निगम के पास पहुंच गया है। अब इस फंड को जिला स्वास्थ्य समिति के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा या फिर से नगर आयुक्त सीधे जारी करेंगे, इस पर जल्द ही निर्णय लेने की तैयारी है।
शहरी क्षेत्र में 36 जगहों पर शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का संचालन किया जा रहा है। चूंकि ये अस्पताल निजी भवनों में संचालित हो रहे है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग को इनका 25-30 हजार रुपये हर महीने किराया देने के साथ ही बिजली के बिल का भुगतान भी करना पड़ रहा है। यह खर्च 15वें वित्त की धनराशि से होता है।
इस बार काफी समय से यह पेच फंसा है कि इसका भुगतान नगर निकायों के माध्यम से किया जाए या फिर जिला स्वास्थ्य समिति को इसकी धनराशि स्थानांतरित की जाएगी। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग और नगर निकायों के अधिकारियों के बीच बैठक भी हो चुकी है। जल्द ही इसका निस्तारण होने के साथ ही भवन स्वामियों को किराया और बिल के भुगतान का रास्ता भी साफ हो जाएगा।
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में ये दी जाती हैं सुविधाएं
- 151 प्रकार की दवाएं मुफ्त मिलती हैं।
- 14 तरह की पैथोलाजी जांचें की जाती हैंं।
- प्रसव पूर्व जांच और सुरक्षित प्रसव की सलाह दी जाती है।
- परिवार नियोजन सेवाएं उपलब्ध हैं।
- टीकाकरण अभियान निरंतर चलता है।
- ओपीडी सेवाएं हर दिन उपलब्ध रहती हैं।
- संचारी व गैर-संचारी रोगों का इलाज किया जाता है।
- मानसिक स्वास्थ्य और किशोर-किशोरी परामर्श दिया जाता है।
19 जगहों पर अर्बन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को शुरू किया जाएगा। कुछ जगहों पर इनके संचालन के लिए भवनों का चयन भी हो गया है। इससे शहरी क्षेत्र के स्लम एरिया के आसपास रहने वालों को और बेहतर तरीके से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिलाया जा सकेगा।
- डा. अजमेर सिंह, एसीएमओ
यह भी पढ़ें- मम्मी-पापा की टेंशन टाइ-टाइ फिस्स, जब बच्चों ने पहनी फड़फड़ाने वाली 'टाय-कैप'

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।