यूपी को मध्य प्रदेश से जोड़ेगा 200KM लंबा ग्रीन फील्ड हाईवे, NHAI का प्लान तैयार; इन जिलों को मिलेगा सीधा फायदा
बरेली से ग्वालियर तक 200 किमी का फोरलेन ग्रीन फील्ड हाईवे बनेगा। इसके लिए डीपीआर बनाने हेतु कंपनी का चयन हो गया है और जल्द ही सर्वे शुरू होगा। इस परियोजना से बरेली-ग्वालियर के बीच आवागमन आसान होगा पर्यटन बढ़ेगा और आयात-निर्यात में भी वृद्धि होगी। एनएचएआई के अनुसार डीपीआर के बाद रूट और बजट स्पष्ट होंगे जिससे निर्माण कार्य में मदद मिलेगी।

जागरण संवाददाता, बरेली। बरेली से बदायूं, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, इटावा होते हुए ग्वालियर तक 200 किमी का फोरलेन ग्रीन फील्ड हाईवे निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। किधर से होकर निकाला जाएगा इसकी डीपीआर तैयार करने के लिए कंपनी का चयन कर लिया गया है। जल्द ही सर्वे का काम शुरू हो जाएगा। डीपीआर बनने के बाद ही प्रस्तावित बजट और मार्ग की विस्तृत जानकारी मिल सकेगी।
शहर में नाथ कारिडोर विकसित होने के बाद नाथ नगरी को आस्था के साथ पर्यटन स्थल के रूप में उभारा जा रहा है। सड़क मार्ग से दूसरे प्रदेशों का जुड़ाव बढ़ाने के लिए बरेली-सितारगंज हाईवे का निर्माण कराया जा रहा है। बरेली-नैनीताल ग्रीन बेल्ट बनाने के लिए भी कार्ययोजना बनाई जा रही है।
बरेली-मथुरा स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे घोषित कर फोरलेन का निर्माण कराया जा रहा है। बरेली से आगरा तक भी सड़क मार्ग से आवागमन आसान हो जाएगा, लेकिन फर्रुखाबाद, मैनपुरी, इटावा होते हुए ग्वालियर तक आवागमन में दिक्कतें आ रही हैं।
इसको देखते हुए बरेली से ग्वालियर तक फोरलेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराने की मंजूरी मिल चुकी है। बरेली से बदायूं, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, इटावा होते हुए ग्वालियर तक सर्वे कराकर डीपीआर बनाने के लिए कंपनी का चयन कर लिया गया है।
शासन से इसकी स्वीकृति भी मिल चुकी है। एनएचएआइ के अधिकारियों का कहना है कि डीपीआर तैयार करने के लिए संस्था का चयन हो जाने से स्थिति साफ हो गई है। डीपीआर बन जाने के बाद ही रूट की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
डीपीआर से ही पता चलेगा कि किस स्थान पर फ्लाइओवर, अंडरपास और पुल का निर्माण कराया जाएगा। रूट जो भी तय हो, लेकिन बरेली से ग्वालियर तक आवागमन आसान हो जाएगा। दोनों प्रदेशों से आयात-निर्यात में सहूलियत मिलेगी। सड़क मार्ग से आवागमन आसान हो जाने पर जहां पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी, वहीं आयात निर्यात में भी वृद्धि होगी।
बरेली-ग्वालियर फोरलेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण का रास्ता साफ हो चुका है। डीपीआर बनाने के लिए कंपनी का चयन कर लिया गया है। मार्ग में आने वाले कस्बों और गांवों का धरातल पर सर्वे करके तय किया जाएगा कि कहां ओवरब्रिज, अंडरपास, पुल और पुलिया निर्माण की आवश्यकता है। डीपीआर के आधार पर ही बजट का निर्धारण होगा। - अश्वनी चौहान, प्रोजेक्ट मैनेजर एनएचएआइ
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