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    Bareilly: महबूबा मुफ्ती का मंदिर जाना बरेलवी मौलाना को अखरा, कहा- अगर वह पूजा करेंगी तो जारी कराया जाएगा फतवा

    By Jagran NewsEdited By: Nirmal Pareek
    Updated: Mon, 29 May 2023 11:32 PM (IST)

    Bareilly श्रीनगर के माता क्षीर भवानी के मंदिर में महबूबा मुफ्ती के जाने से नाराज बरेलवी मौलाना ने उनके विरुद्ध फतवा जारी करने की धमकी दी है। बरेलवी मौलाना ने स्पष्ट कर दिया कि अगर वह शरीयत के कानूनों को नहीं मानेगी तो उनके विरुद्ध फतवा जारी किया जाएगा।

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    महबूबा मुफ्ती के मंदिर जाने के बाद मचा बवाल, फतवा जारी करने की मिली धमकी

    जागरण संवाददाता, बरेली: श्रीनगर के माता क्षीर भवानी के मंदिर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती के जाने से नाराज बरेलवी मौलाना ने उनके विरुद्ध फतवा जारी करने की धमकी दी है। बरेलवी मौलाना ने स्पष्ट कर दिया कि अगर वह शरीयत के कानूनों को नहीं मानेगी तो उनके विरुद्ध फतवा जारी किया जाएगा। इसके साथ ही मौलाना ने उन पर राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस तरह के काम करने का आरोप लगाया।

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    आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को नसीहत देते हुए कहा है कि मुसलमान होने की वजह से शरीयत का कानून उनपर भी लागू होगा। इस्लाम के तमाम नियम और कानून उनको भी अपनाने होंगे।

    मौलाना बरेलवी ने आगे कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती पिछले महीने एक मंदिर में गई थीं और वहां के धार्मिक कार्यकर्मों में भाग लिया था। जब उनको उनकी गलती का एहसास कराया तो उन्होंने शरीयत का सम्मान रखते हुए तौबा करते हुए एक अच्छी मुस्लिम महिला होने का सबूत दिया। अब वह श्रीनगर में रविवार को गांदरबल के तुलमुला में स्थित माता क्षीर भवानी के मंदिर में पहुंची और वहां पर धार्मिक कार्यकर्मों में भाग लेकर अपना योगदान दिया।

    बरेलवी मौलाना ने उनको नसीहत करते हुए कहा कि वो भविष्य में ऐसा कोई कार्य ना करें, जिस पर उनके विरुद्ध उलमा फतवा जारी करने पर मजबूर हों। मौलाना ने कहा कि हमें मालूम है कि वो एक राजनीतिक पार्टी की अध्यक्ष भी हैं, और बहुत जल्द जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में वह चुनावी राजनीति में लाभ लेने की खातिर ऐसा कुछ कर रही हैं, मगर इस्लाम ने जो सियासत का पाठ अपने अनुयायियों को पढ़ाया है उस दायरे में रहकर सियासत करें तो बेहतर होगा। इससे उनका ईमान और आस्था सुरक्षित रहेगी। साथ ही राजनीतिक मैदान में उनका भविष्य भी उज्ज्वल होगा।