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    Disha Patani के घर फायर‍िंग करने वाले बदमाशों ने 'PET' को बनाया था हथि‍यार, सामने आई चौंकाने वाली बातें

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 07:51 PM (IST)

    बरेली में दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग करने वाले गोल्डी बरार गैंग के गुर्गे शहर के होटलों में ठहरे थे। पुलिस जांच में पता चला कि बदमाशों ने पीईटी परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी बनकर शहर में प्रवेश किया। उन्होंने छह सितंबर से 11 सितंबर तक शहर के चार होटलों में ठिकाना बनाया। रविंद्र हर बार अपने साथियों से अलग रुका था।

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    छह सितंबर से बरेली में थे बदमाश, रोडवेज व जंक्शन के होटलों को बनाया ठिकाना।

    जागरण संवाददाता, बरेली। दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग के लिए गोल्डी बरार गैंग के गुर्गे योजनाबद्ध तरीके से शहर में घुसे। जिस समय पूरे प्रदेश में पीईटी होनी थी उसी दौरान चारों बदमाशों ने शहर में अभ्यर्थी बनकर प्रवेश किया और छह सितंबर से लेकर 11 सितंबर तक शहर के चार होटलों को ठिकाना बनाया। हैरत की बात यह है कि रविंद्र हर बार अन्य गुर्गों से अलग ही रुका था, जबकि बाकी के तीन लोग एक साथ ही रुकते थे। पुलिस ने होटलों से सीसीटीवी फुटेज निकाला है।

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    छह सितंबर को चारों बदमाश शहर में प्रवेश करके सबसे पहले रोडवेज स्थित होटल एआर पैलेस पहुंचे। वहां से अगले दिन सात सितंबर को चेक आउट करके दोपहर 12:40 बजे कुछ दूर पर ही होटल श्रीराम पहुंचे। इस बार रूम अरुण के नाम पर बुक किया गया जिसमें उसने अपना पता इंडियन कालोनी गली नंबर दो सोनीपत लिखा। होटल के कमरा नंबर एक में अरुण के साथ उसके दो अन्य साथी विजय और नकुल भी रुके थे। रविंद्र उस दिन रामपुर चला गया था। तीन गुर्गों ने अगले दिन आठ सितंबर को 11:45 बजे श्रीराम होटल से चेक आउट कर दिया।

    इसके बाद वह रामपुर की तरफ चले गए। नौ सितंबर को बदमाशों की आवाजाही शहर में नहीं दिखी। 10 सितंबर को सुबह 06:48 बजे चारों बदमाश रामपुर रोड स्थित झुमका चौराहे पर दिखाई दिए। सुबह करीब 7:15 बजे अरुण, विजय, नकुल रेलवे जंक्शन के पास स्थित हिंद गेस्ट हाउस पहुंचे और विजय तोमर ने अपने नाम पर कमरा बुक कराया। तीनों लोग वहीं पर रुके थे। चौथा गुर्गा रविंद्र ने 9:55 बजे रोडवेज के पास स्थित प्रीत होटल में कमरा लिया। इसके बाद 11 सितंबर को उन्हें दोपहर में कमरा खाली करना था मगर वह सुबह चार बजे ही वहां से निकले और फिर वापस नहीं आए। इसके बाद उन्होंने दिशा पाटनी के घर फायरिंग की। इसके बाद झुमका होते हुए वहां से रवाना हो गए। वहां पर रविंद्र उन्हें मिला। फिर रविंद्र और अरुण वापस शहर आ गए।

    फायरिंग से एक दिन पहले रविंद्र पहुंचा था होटल प्रीत पैलेस

    दिशा के घर पर फायरिंग से एक दिन रविंद्र भी शहर में आ चुका था। 10 सितंबर को वह सुबह करीब 9:55 बजे के आस-पास होटल प्रीत पैलेस पहुंचा। वहां पर रजिस्टर में उसने अपने ही नाम से एंट्री की और कमरा नंबर नौ में रुका। इसके बाद उसने वहां पर सिगरेट पी। रात को करीब आठ बजे वह फिर से बाहर निकला और करीब 8:30 बजे वापस आया। उस वक्त वह शराब के नशे में था। सीसीटीवी से स्पष्ट है कि वह उस वक्त अपने कमरे का दरवाजा भी नहीं खोल पा रहा था। वहीं इससे इतर इसके बाकी साथ जंक्शन के मालगोदाम रोड स्थित हिंद पैलेस में रुके थे।

    नहीं किया फोन का इस्तेमाल, स्वयं लेने आता सामान

    पुलिस के मुताबिक, जांच और सीसीटीवी फुटेज से यह स्पष्ट हो गया कि रविंद्र पूरी योजना के तहत आया था। यदि उसे कुछ सामान चाहिए होता तो वह कमरे से फोन नहीं करता बल्कि स्वयं सामान लेने आता था। होटल में काम करने वाले कर्मचारियों ने कहा भी था कि यदि उन्हें कुछ जरूरत हो तो कमरे में नंबर लिखा है, उस पर फोन कर दिया करें, लेकिन उसने कोई फोन नहीं किया।

    हर होटल में किया गया गलत आईडी का इस्तेमाल

    बदमाशों ने होटलों में गलत आईडी का इस्तेमाल किया था। पुलिस को अलग-अलग चार होटलों से आठ लोगों के नाम मिले। इसमें चार नाम रविंद्र, अरुण, नकुल और विजय थे। यह सभी बदमाशों के असली नाम थे लेकिन इन्होंने जो आइडी वहां पर दी थी उस पर आधार नंबर और एड्रेस गलत था।

    इसके अलावा अन्य होटलों से निशांत, रामनिवास, सागर और अमित नाम की आइडी भी मिली जो इन्होंने फर्जी लगाई थीं। उन पर फोन नंबर इन्हीं चारों अपराधियों का लगा हुआ था। अधिकांश होटलों में यह वाट्स-एप पर ही आइडी भेजते थे। एक होटल में इन्होंने जो आइडी भेजी वह कुछ देर बाद डिलीट भी कर दी। 12 सितंबर को घटना के बाद सभी बरेली से फरार हो गए। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि अभी सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है।

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