Updated: Thu, 18 Sep 2025 03:50 PM (IST)
बरेली में दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग करने वाले बदमाश पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। सेवानिवृत्त सीओ जगदीश पाटनी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को त्वरित कार्रवाई के लिए धन्यवाद दिया। पुलिस जांच में पता चला कि फायरिंग के बाद बदमाश शहर में ही घूम रहे थे। सीसीटीवी फुटेज और बाइक के विवरण से उनकी पहचान हुई।
जागरण संवाददाता, बरेली। बदमाशों के मुठभेड़ में ढेर होने के बाद दिशा पाटनी के पिता सेवानिवृत सीओ जगदीश पाटनी कहते ने कहा, ''मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अपने और अपने परिवार की ओर से धन्यवाद ज्ञापित करता हूं, जैसा उन्होंने मुझे विश्वास दिलाया था। उसी के अनुरूप इतने कम समय में अपराधियों को ढूंढकर इतनी कठोर कार्रवाई की। मैंने आज पुन: मुख्यमंत्री से फोन पर बात कर उनका धन्यवाद ज्ञापित किया कि उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस भयमुक्त समाज की परिकल्पना को पूर्ण रुप से साकार कर रहा है।''
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फायरिंग के बाद शहर में घूमे थे रविंद्र और अरुण
बता दें, दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग के बाद बदमाश भागे नहीं, बल्कि वह पूरे दिन शहर में ही घूमते रहे। पुलिस ने जब घटना के बाद उनकी लोकेशन को ट्रेस किया तो वह इज्जतनगर क्षेत्र में कई जगहों पर ट्रेस हुए। जिस रास्ते से आए थे उन्होंने जाने के लिए उस रास्ते का इस्तेमाल नहीं किया जो इस गैंग के सदस्यों का पैटर्न भी है। आए थे झुमका की तरफ से और गए थे मिनी बाईपास, डेलापीर, विलयधाम भोजीपुरा होते हुए। पुलिस के मुताबिक, शहर के सीसीटीवी कैमरों में दोनों लोग कम से कम 500 बार ट्रेस हुए थे। इसी का फायदा पुलिस को मिला।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि 12 सितंबर को घटना से पहले के जो सीसीटीवी फुटेज देखे गए उसमें बदमाश चौपुला पुल के नीचे जेब से अपना फोन निकालकर कुछ देखते हुए दिखाई दिए। यहीं से उन्होंने ठीक उसी समय की आइपीडीआर निकाली। इससे यह स्पष्ट हो गया कि उस समय वहां पर कौन सा नेटवर्क एक्टिव था। इसी कारण से दोनों बदमाशों का सटीक नंबर भी मिल पाया।
पुलिस के मुताबिक, चारों बदमाशों विजय व नकुल (पहले दिन फायरिंग करने वाले) और अरुण व रविंद्र (दूसरे दिन फायरिंग करने वाले) को ट्रेस करने में उनकी बाइक ने काफी भूमिका निभाई। पहले दिन दोनों स्प्लेंडर से आए विजय व नकुल की बाइक पर दोनों शीशे लगे थे, जबकि दूसरे दिन अरुण और रविंद्र की अपाचे बाइक की पीछे की हेड लाइट टूटी थी। इसके बाद पुलिस ने इन्हीं दोनों बाइकों का पीछा करके चारों बदमाशों का पता लगा लिया था।
दो हरियाणा तो दो उत्तर प्रदेश के बदमाश शामिल
दिशा पाटनी के घर फायरिंग करने वाले बदमाशों में दो बदमाश हरियाणा तो दो बदमाश उत्तर प्रदेश के शामिल थे। एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए रविंद्र मूल रूप से हरियाणा के रोहतक जिले के काहनी गांव का रहने वाला था। जबकि मारा गया दूसरा बदमाश अरुण हरियाणा के सोनीपत जिले के गोदाना रोड इंडियन बस्ती के गली नंबर दो का निवासी था।
फरार दोनों बदमाश नकुल उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के लोहड्डा गांव निवासी है, जबकि, विजय तोमर उत्तर प्रदेश के ही बागपत के वाजिदपुर गांव का रहने वाला है। अभी दोनों ही फरार चल रहे हैं।
टेप से छिपाया था बाइक का नंबर
अपाचे बाइक का नंबर पुलिस को शुरूआत में छिपा हुआ दिखाइ दे रहा था। पुलिस ने जब पीछा किया तो पता चला कि दोनों बदमाशों ने जसौली से एक टेप खरीदकर इस बाइक का नंबर छिपाया था। पुलिस ने जब जसौली से पहले की फुटेज खंगाली तो बाइक का नंबर भी मिल गया।
किस समय शहर में आए और कब यहां से गए
12 सिंतबर रात रामपुर के होटल अपना पंजाब से निकलने के बाद
2:25 बजे : फतेहगंज पश्चिमी टोल प्लाजा पर दिखे -
2:45 बजे : झुमका तिराहे पर पहुंचे
3:11 बजे : दूल्हे मियां की मजार
3:24 बजे : चौपुला चौराहा
3:33 बजे : दिशा पाटनी के घर फायरिंग की
3:38 बजे : दिशा के घर फायरिंग के बाद चौपुला चौराहा
3:42 बजे : मिनी बईपास पर
3:48 बजे : इज्जतनगर तिराहा पहुंचे
3:50 बजे : डेलापीर आदिनाथ चौराहा
3:54 बजे : बेरियर टू पहुंचे
4:00 बजे : विलयधाम पहुंचे, वहां से हाईवे पर चढ़ गए
4:08 बजे : भोजीपुरा टोल पर ट्रेस हुए
4:41 बजे : एसआरएमएस स्टेडियम पहुंचे
4:38 बजे : शाही के लालकुंआ गांव की ओर दिखे
4:43 बजे : शाही के मिर्जापुर तिराहा दिखे
4:53 बजे : दुनका दिखाई दिए
5:21 बजे : रास डांडिया पहुंचे
6:38 बजे : नेशनल हाईवे पहुंच गए। यहां से रामपुर-विलासपुर मार्ग होते हुए दिल्ली पहुंच गए।
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