Bareilly Air Pollution: दीपावली से पहले ही बिगड़ने लगी शहर की हवा, सांस के मरीज परेशान
Bareilly Air Pollution नवंबर के महज तीन दिन में ही बरेली शहर का एक्यूआई 257 पहुंच गया जो कि खराब स्थिति मानी जाती है। इस स्थिति में सबसे ज्यादा समस्या सांस के मरीजों को होती है। हर वर्ष अमूमन दीपावली के बाद ही एक्यूआई बढ़ना शुरू होता है मगर इस बार पहले से ही प्रदूषण बढ़ गया है।

जागरण संवाददाता, बरेली। दीपावली से पहले ही शहर की आबोहवा बिगड़ने लगी है। नवंबर के महज तीन दिन में ही शहर का एक्यूआई 257 पहुंच गया, जो कि खराब स्थिति मानी जाती है। इस स्थिति में सबसे ज्यादा समस्या सांस के मरीजों को होती है। शुक्रवार को भी सिविल लाइंस का एक्यूआई 133 और राजेंद्र नगर का एक्यूआई 117 था, जबकि गुरुवार को सिविल लाइंस का एक्यूआई 257 था।
हर वर्ष अमूमन दीपावली के बाद ही एक्यूआई बढ़ना शुरू होता है, मगर इस बार नवंबर के पहले दिन से ही सुबह के समय शहर के चारों ओर धुंध का गुबार बनना शुरू हो गया है। पर्यावरणविद डा. आलोक खरे ने बताया कि ठंड बढ़ने के साथ ही एक्यूआई भी बढ़ने लगता है। क्योंकि नमी बढ़ने से धूल, धुआं और गैस आसमान में अधिक ऊंचाई तक नहीं उठ पाती। तेज हवा नहीं चलने से वह एक स्थान पर ही एकत्र होना शुरू हो जाती हैं, जिससे एक्यूआई बढ़ता है।
साफ-सफाई से भी दूषित हो रही दवा
वायु प्रदूषण का दूसरा कारण शहर में होने वाले निर्माण कार्य, दीपावली से पहले घरों की साफ सफाई भी एक कारण हैं, क्योंकि निर्माण कार्य में भी काफी धूल उड़ती है, और घरों की सफाई के बाद लोग कूड़ा निकलने पर उसमें आग लगा देते हैं। इससे भी काफी प्रभाव पड़ता है।
पराली जलाने से स्थिति खतरनाक
इसी के साथ जगह-जगह पराली जलाना भी इसका एक कारण माना जाता है। दीपावली पर पटाखों से निकलने वाला धुंआ भी आसमान में अधिक ऊंचाई तक नहीं जा पाता जो एक्यूआई बढ़ाने का काम करता है। आंकड़ों के अनुसार बरेली में सबसे बुरी स्थिति सिविल लाइंस की है, यहां पर गुरुवार को 257 तक एक्यूआई पहुंच गया था।
कितना एक्यूआई ठीक और कितना खतरनाक
पर्यावरण विभाग के अनुसार, शून्य से 50 एक्यूआई अच्छा माना जाता है। इसे ग्रीन जोन में रखा गया है। स्वास्थ्य के लिए यह हानिकारक नहीं होता। 51 से 100 एक्यूआई संतुष्टि जनक माना जाता है। 101 से 200 एक्यूआई को येलो जोन में रखा गया है। यह अस्थमा, फेफड़ों की समस्या वाले मरीजों के लिए दिक्कत पैदा करता है।
वहीं 201 से 300 एक्यूआई को बुरी स्थिति में रखा गया है। यह लोगों को सांस की समस्या देता है। 301 से 400 एक्यूआई इसे बहुत बुरी स्थिति में रखा गया है। यह फेफड़ों को बीमार बनाते हैं मरीजों को सांस की दिक्कत पैदा कर देते हैं। और 401 से लेकर 500 तक एक्यूआई को खतरनाक स्थिति में रखा गया है। यह शहर के सभी लोगों को बीमार बनाने के लिए काफी है और तेजी से प्रभाव दिखाता है।
यह भी पढ़ें: UP Weather: प्रदूषण ने बढ़ाई यूपी के लोगों की मुश्किलें, मेरठ में 272 पहुंचा AQI; नागरिकों से की गई यह अपील
किस तरह से बढ़ा एक्यूआई देखिए
तिथि - एक्यूआई
तीन नवंबर - 117
दो नवंबर - 100
एक नवंबर - 85
31 अक्टूबर - 113
30 अक्टूबर - 111
29 अक्टूबर - 102
28 अक्टूबर - 97
27 अक्टूबर - 92

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।