UP Weather: प्रदूषण ने बढ़ाई यूपी के लोगों की मुश्किलें, मेरठ में 272 पहुंचा AQI; नागरिकों से की गई यह अपील
Meerut Weather Update शहर का वातावरण प्रदूषित गैसों और अति सूक्ष्म कणों की परत से ढक गया है। दिल्ली और एनसीआर के शहरों में प्रदूषण की अत्यंत गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने संबंधित राज्य सरकारों को एनसीआर में पांचवीं तक की कक्षाएं आनलाइन संचालित करने के निर्देश दिए हैं। गंगानगर में दिन में भी हवा अत्यंत प्रदूषित रही।

जागरण संवाददाता, मेरठ। शहर का वातावरण प्रदूषित गैसों और अति सूक्ष्म कणों की परत से ढक गया है। दिल्ली और एनसीआर के शहरों में प्रदूषण की अत्यंत गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने संबंधित राज्य सरकारों को एनसीआर में पांचवीं तक की कक्षाएं आनलाइन संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
गंगानगर में दिन में भी हवा अत्यंत प्रदूषित रही। रात में पीएम 2.5 का स्तर 422 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया। गुरुवार शाम चार बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु गुणवत्ता सूचकांक 392 के उच्चस्तर पर आंका। यह प्रदूषण की अत्यंत गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
मेरठ में दर्ज किया गया 272 एक्यूआइ
मेरठ में इसी समय यह 272 दर्ज किया गया। आंकड़ों में भले ही खराब श्रेणी का सूचक है, लेकिन दिल्ली रोड, टीपी नगर, घंटाघर, तेज गढ़ी में धूल और धुएं का गुबार छाया रहा। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली की विषम स्थिति को देखते हुए एनसीआर में ग्रैप की स्टेज तीन लागू कर दी है।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी भुवन प्रकाश ने बताया कि 401 से 450 एक्यूआइ होने पर स्टेज थ्री लागू की जाती है। दिल्ली में शाम पांच बजे एक्यूआइ 402 अंक पर पहुंच गया।
गंगानगर में सबसे खराब स्थिति
जनपद में गुरुवार को दिन में हल्के बादल छाए रहे। जैसे दिन चढ़ता गया धुंध गहरी होती गई। गंगानगर में रात नौ बजे एक्यूआइ 358 अंक रहा। 24 घंटे में एक घंटा भी ऐसा नहीं रहा, जिसमें पीएम 2.5 की मात्रा 322 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से कम रही हो। अधिकतम मान 422 तक रहा। जयभीमनगर में रात नौ बजे एक्यूआइ 311 और पल्लवपुरम में 232 रहा।
हवा में सूक्ष्म कणों के घनत्व, स्वास्थ्य की दृष्टि से खतरनाक स्तर तक बढ़ जाने से अस्थमा, खांसी जैसे समस्यायें सामने आ रही हैं। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि ग्रैप की स्टेज थ्री के निर्देशों के कड़ाई से अनुपालन को संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं। अनुमन्य निर्माण कार्य में धूल न उड़े।
ग्रैप की स्टेज थ्री के तहत यह उपाय और प्रतिबंध कड़ाई से लागू करने के दिए निर्देश
धूल न उड़े इसके लिए सड़कों पर जल्दी-जल्दी पानी का छिड़काव, एंटी स्माग गन का प्रयोग किया जाए।
10 वर्ष से पुराने पेट्रोल और 15 साल पुराने डीजल वाहनों का संचालन प्रतिबंधित हो।
बीएस थ्री और चार लाइट मोटर व्हीकल का प्रवेश दिल्ली में न हो।
21 अक्टूबर से स्टेज टू के तहत जो प्रतिबंध लागू थे उनके साथ अब कुछ विशेष जनहित कार्यों को छोड़कर निर्माण और ध्वस्तीकरण के कार्य तत्काल प्रभाव से रोक दिए गए। डीजल जनरेटर का प्रयोग पहले ही आवासीय, कामर्शियल, औद्योगिक प्रयोग के लिए प्रतिबंधित किया जा चुका है।
खदान और इससे संबंधित कार्य
बोरिंग, ड्रिलिंग, फैब्रिकेशन, वेल्डिंग कार्य
फ्लोरिंग, टाइल्टस आदि लगाने या कटिंग का कार्य
पेंटिंग, पोलिशिंग का कार्य
पत्थरों की तुड़ाई, पाइलिंग आदि कार्य
निर्माण सामग्री की लोडिंग और अनलोडिंग का कार्य
कच्ची सड़कों पर वाहनों का संचालन बंद
सड़कों की खुदाई, पाइप लाइन बिछाने आदि कार्यों पर रोक
मेट्रो रेल और रेलवे प्रोजेक्ट, पेयजल और सीवर से संबंधित, हास्पिटल और स्वास्थ्य संबंधी कार्य, सड़क और हाईवे संबंधित कार्य किए जा सकेंगे, लेकिन इसके लिए धूल न उड़े इसके लिए समुचित प्रबंध करने के निर्देश सीपीसीबी ने दिए हैं।
नागरिकों और संस्थाओं से यह अपील
कम दूरी के लिए आवागमन के लिए अधिक से अधिक साइकिल का प्रयोग करें।
संभव हो सके वर्क फ्राम होम को बढ़ावा दिया जाए।
निर्माण और ध्वस्तीकरण समेत इन कार्यों पर रोक
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