CM योगी की SIR समीक्षा का असर: 'फर्जी' और 'लापता' वोटरों पर शिकंजा, बरेली-बदायूं में 4 लाख नाम कटेंगे!
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एसआईआर समीक्षा का असर दिखने लगा है। बरेली और बदायूं में 'फर्जी' और 'लापता' वोटरों पर शिकंजा कसते हुए लगभ ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआइआर कार्यों की समीक्षा में जो चिंता जताई, कागजों पर वह साफ दिखाई दे रही है। नगरीय क्षेत्रों में सबसे अधिक मतदाताओं के नाम कटने की संभावना है। अकेले बरेली की दो विधानसभा क्षेत्रों में ही तीन लाख से अधिक वोट कट सकते हैं। वही, बदायूं की शहर विधानसभा में 88 हजार से अधिक वोट कटने के संकेत आंकड़े दे रहे हैं।
चुनाव आयोग के निर्देश पर चार नवंबर से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) का काम हो रहा है। बरेली जिले की नौ विधानसभा क्षेत्रों में 34 लाख से अधिक मतदाता है। मतदान के लिए जिले में 3499 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। प्रशासन ने सभी पोलिंग बूथों के हिसाब से बूथ लेवल आफीसर (बीएलओ) बनाकर एसआइआर का काम कराया।
अधिकारियों का दावा है कि बीएलओ ने घर-घर पहुंचकर मतदाताओं का सत्यापन किया। मतदाताओं के नाम आनलाइन पोर्टल पर अपलोड भी किए गए। गुरुवार को तय समय के अनुसार प्रशासन ने जिले में एसआइआर का काम सौ प्रतिशत पूरा करने का दावा किया है। अब तक हुए सत्यापन के आधार पर जिले में सात लाख से अधिक मतदाताओं का पता नहीं चल सका है।
यानी इतने नाम मतदाता सूची से कटने के कगार पर पहुंच गए हैं। शहरी क्षेत्रों को लेकर मुख्यमंत्री की चिंता सही साबित हो रही है। जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों से करीब आधे मतदाता बरेली शहर और बरेली कैंट (सिर्फ दो) विधानसभा क्षेत्रों में हैं। बरेली शहर विधानसभा क्षेत्र से 1.69 लाख से अधिक और कैंट से 1.38 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम कटने जा रहे हैं।
इनमें वह लोग शामिल हैं जो मृत्यु होने, कही शिफ्ट होने, पता नहीं चल पाने समेत अन्य वजहों को कारण सत्यापन में नहीं मिल पाए हैं। दोनों विधानसभा क्षेत्रों में डेढ़ लाख से अधिक लोग ऐसे हैं, जो अपने पते पर नहीं मिले हैं।
वहीं, बदायूं की शहर विधानसभा सीट पर अब तक 2.88 लाख लोगों ने गणना प्रपत्र भरकर दिए हैं। इसके अतिरिक्त सत्यापन में 88 हजार से अधिक मतदाताओं के वोट कटने की आशंका है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब भाजपा के पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि घर-घर जाकर ऐसे लोगों की तलाश करेंगे।
करीब दो घंटे देरी से पहुंचे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री के शहर पहुंचने का समय दोपहर तीन बजे का था। साढ़े तीन बजे से सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक होनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री करीब दो घंटा देरी से शहर पहुंचे। करीब एक घंटा शहर में रहने के बाद मुख्यमंत्री लखनऊ लौट गए। समीक्षा बैठक में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री डा. अरुण कुमार, जिले के प्रभारी मंत्री जेपीएस राठौर, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह समेत सभी जिलाध्यक्ष व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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