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    बरेली में बनेगा हाई-टेक 'अंतरिक्ष संग्रहालय': ब्लैक होल, चंद्रयान और AI से मिलेगी ज्ञान की नई रोशनी

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 06:00 AM (IST)

    बरेली में एक हाई-टेक 'अंतरिक्ष संग्रहालय' का निर्माण किया जाएगा। इस संग्रहालय में ब्लैक होल, चंद्रयान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से संबंधित प्रदर् ...और पढ़ें

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    स्‍पेस म्‍यूज‍ियम

    जागरण संवाददाता, बरेली। शहर के विस्तारीकरण एवं धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाले प्रोजेक्टों को धरातल पर उतारने के साथ अब बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने युवाओं के सपनों को पंख लगाने वाले स्पेस म्यूजियम के विकास की योजना बनाई है। इसके लिए 20 दिसंबर तक विशेषज्ञ एजेंसियों से आवेदन मांगा गया है।

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    बीडीए उपाध्यक्ष डा. मनिकंडन ए. के अनुसार रामगंगा नगर आवासीय योजना में अंतरिक्ष संग्रहालय (स्पेस म्यूजियम) विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य युवाओंं-छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं तार्किक सोच का विकास, अंतरिक्ष विज्ञान और खगोल विज्ञान का सरल प्रचार-प्रसार करना है।

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    परियोजना के विकास के लिए विशेषज्ञ एजेंसियों से आवेदन मांगा (ईओआइ) गया है। जिसमें वह परियोजना के विकास को लेकर अपने-अपने प्रजेंटेशन 20 दिसंबर तक बीडीए कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे। बताया कि परियोजना के विकास होने से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष अभियानों की जानकारी मिलने के साथ विज्ञान को मनोरंजन के साथ जोड़ा जा सकेगा।

    ब्लैक हाेल, सूर्य, चंद्रमा और सौरमंडल समेत अन्य जानकारी भी होगी समृद्ध

    बीडीए अधिकारियों के अनुसार अंतरिक्ष संग्रहालय में में कई अनुभाग होंगे। इसमें ब्रह्मांड की उत्पत्ति, आकाशगंगा, तारे, निहारिकाएं, ब्लैक होल, डार्क मेटर, डार्क एनर्जी, सूर्य, चंद्रमा और सौरमंडल का विस्तृत विवरण होगा। साथ ही राकेट एवं उपग्रह गैलरी में- प्रक्षेपण यान के माडल, संचार, मौसम, नेविगेशन और रक्षा उपग्रह, भारत और विश्व के प्रमुख राकेट कार्यक्रम होंगे।

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    अंतरिक्ष मिशन गैलरी में- चंद्र अभियान, मंगल अभियान और गहरे अंतरिक्ष मिशन, मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ानें, अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस), भारत के प्रमुख मिशन- चंद्रयान, मंगलयान, गगनयान का विकास किया जाएगा। अंतरिक्ष यात्री अनुभाग में- अंतरिक्ष यात्रियों का जीवन, स्पेस सूट, भोजन और प्रशिक्षण प्रणाली, शून्य गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव, माइक्रोग्रेविटी प्रयोग आदि की जानकारी बहुत ही सरलता से मिल सकेगी।

    इंटरैक्टिव एवं डिजिटल जोन में- टच स्क्रीन आधारित सूचना प्रणाली, वर्चुअल राकेट लांच अनुभव, ग्रहों पर चलने का आभासी अनुभव, बच्चों के लिए खेल-आधारित सीखने की व्यवस्था होगी। प्लेनेटेरियम में-तारों, ग्रहों और नक्षत्रों पर डोम शो, खगोलीय घटनाएं-ग्रहण, उल्का वर्षा, ब्रह्मांडीय यात्रा का सजीव अनुभव होंगे। शैक्षणिक एवं सामाजिक महत्व में- विज्ञान मेले, व्याख्यान और सेमिनार, एआइ गाइड, वर्चुअल रियलिटी (वीआर), मल्टीमीडिया डिस्प्ले और सिमुलेशन आदि का विकास किया जाएगा।

    हिंदी, अंग्रेजी समेत कई अन्य भाषाओं में मिल सकेगी जानकारी, रोजगार सृजन पर जोर

    अंतरिक्ष संग्रहालय हिंदी, अंग्रेजी समेत अन्य कई भाषाओं में जानकारी मिल सकेगी। विज्ञान पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ रोजगार सृजन पर भी जोर दिया जाएगा। बीडीए के मुख्य अभियंता एपीएन सिंह के अनुसार इस परियोजना के विकास से शहर की पहचान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग भी लिया जाएगा।

     

    स्पेस स्टेशन में हाल ही में कोई भारतीय गया है और वह भी यूपी से। बीडीए पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के साथ ही अंतरिक्ष संग्रहालय के जरिए ज्ञान, कल्पना और विज्ञान के जरिए युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। यह परियोजना युवाओं-छात्रों को वैज्ञानिक बनने, नवाचार करने और देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

    - डा. मनिकंडन ए., उपाध्यक्ष बीडीए


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