वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने का सुनहरा मौका, 2003 की सूची में नाम नहीं तो देने होंगे ये दस्तावेज
बरेली में विधानसभा निर्वाचक नामावलियों के विशेष पुनरीक्षण की घोषणा की गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 6 जनवरी 2026 को मतदाता सूची का आलेख्य प ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, बरेली। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों का विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण के संबंध में मंगलवार को जिला निर्वाचन अधिकारी अविनाश सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक की। कलक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी संतोष बहादुर सिंह ने बताया कि जिले में अब तक 2689338 मतदाताओं के गणना प्रपत्रों को डिजिटाइज्ड किया गया है, जिसके सापेक्ष 220182 मतदाताओं को नो मैपिंग की श्रेणी में चिह्नित किया है, जिन्हें नोटिस दिया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से संशोधित तिथियों के अनुसार, अब मतदाता सूची का आलेख्य प्रकाशन छह जनवरी 2026 को किया जाएगा। दावे व आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि छह जनवरी से छह फरवरी तक निर्धारित की गई है। 06 जनवरी से 27 फरवरी तक नोटिस चरण, गणना प्रपत्रों पर निर्णय और दावे एवं आपत्तियों का निस्तारण होगा। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन छह मार्च को किया जाएगा।
जिन लोगों को नोटिस जारी किया जाएगा उनमें यदि व्यक्ति का जन्म भारत में एक जुलाई 1987 से पूर्व हुआ है लेकिन 2003 की मतदाता सूची में नाम नहीं है, तो ऐसे मतदाताओं को जन्म तिथि या जन्म स्थान को प्रमाणित करने को दस्तावेज उपलब्ध कराना होगा, जिसमें अपना व माता या पिता का जन्म तिथि या जन्म स्थान को प्रमाणित करने के लिए सूची में अंकित कोई भी दस्तावेज उपलब्ध कराना होगा। यदि माता या पिता का 2003 की मतदाता सूची में नाम है तो उन्हें माता या पिता का कोई दस्तावेज उपलब्ध कराने की आवश्यकता नहीं है।
मतदाता का जन्म भारत में दो फरवरी 2004 के बाद हुआ है तो उन्हें अपनी जन्म तिथि या जन्म स्थान का प्रमाण पत्र एवं माता या पिता में से एक का जन्म तिथि और जन्म स्थान को प्रमाणित करने के लिए सूची में अंकित कोई भी दस्तावेज उपलब्ध कराना होगा। यदि माता या पिता का 2003 की मतदाता सूची में नाम है तो उन्हें माता या पिता का कोई दस्तावेज उपलब्ध कराने की आवश्यकता नहीं है।
जिन प्रकरणों में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों द्वारा निर्वाचकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं, उनमें संबंधित निर्वाचकों को पात्रता दर्शाने के लिए निर्धारित अभिलेख प्रस्तुत करने की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें गत विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण से संबंधित मैपिंग भी सम्मिलित है। ये अभिलेख ईआरओ की जांच के लिए बीएलओ ऐप के माध्यम से अपलोड किए जाएंगे।
ऐसे निर्वाचकों द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों का सत्यापन संबंधित जारीकर्ता प्राधिकारियों से जिला निर्वाचन अधिकारियों के माध्यम से ईसीआइनेट में अभिलेख प्राप्त होने की तिथि से पांच दिनों के भीतर तथा यदि अभिलेख राज्य के भीतर किसी अन्य जिले के प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया है तो जिला निर्वाचन अधिकारी ईसीआइ नेट के माध्यम से संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी को अभिलेख भेजेंगे जो इसका सत्यापन कराकर मूल जिला निर्वाचन अधिकारी को वापस करेंगे।
जिनके नाम 2003 की सूची में नहीं, यह दे सकते दस्तावेज
किसी भी केन्द्रीय/राज्य/सार्वजनिक उपक्रम के नियमित कर्मचारी/पेंशनभोगी का जारी किया गया कोई पहचान पत्र/पेंशन भुगतान आदेश, एक जुलाई 1987 से पहले सरकार/स्थानीय प्राधिकरणों/बैंकों/डाकघर/एलआइसी /सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा भारत में जारी किया गया कोई भी पहचान पत्र/प्रमाण पत्र अभिलेख, सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट जमा कर सकते हैं।
इसके अलावा मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालयों द्वारा जारी मैट्रिकुलेशन/शैक्षणिक प्रमाण पत्र, सक्षम राज्य प्राधिकारी द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र, सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी ओबीसी/एससी/ एसटी या कोई भी जाति प्रमाण पत्र, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां भी हो), राज्य/स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा तैयार किया परिवार रजिस्टर, सरकार द्वारा जारी भूमि/मकान आवंटन प्रमाण पत्र।

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