पाखंड का पर्दाफाश: 'बाबा' ने संपत्ति के लिए की थी पुजारी की नृशंस हत्या, 10 साल बाद मिली उम्रकैद
उत्तर प्रदेश के बरेली में एक 'बाबा' को पुजारी की नृशंस हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 'बाबा' ने संपत्ति के लालच में पुजारी की हत्या कर ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, बरेली। संपत्ति की रंजिश में बाबा चंदन गिरी ने पुजारी बाबू गिरी की हत्या कर दी और लाश मढ़ी के प्रांगण में ही बने कुएं में डाल दी। अदालत ने दोषी चंदन गिरी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वारदात छह फरवरी 2014 की है। औरंगाबाद थाना शाही निवासी मृतक बाबूराम अविवाहित थे।
उन्होंने साधु वेश धारण कर लिया था और राजू नगला थाना बहेड़ी की एक मढ़ी पर रहने लगे थे। छह फरवरी 2014 को किसी व्यक्ति ने मढ़ी प्रांगण में बने कुएं के अंदर झांक कर देखा तो उसमें एक शव पड़ा था। अगले दिन शव का पोस्टमार्टम हुआ। बहेड़ी पुलिस ने मृतक की शिनाख्त का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
शव की शिनाख्त न होने की खबर प्रकाशित हुई तो मृतक के स्वजन थाना बहेड़ी पहुंचे। मृतक के भाई रमेश दिवाकर ने अपने रिश्तेदारों के साथ थाना जाकर अपने मृतक भाई के कपड़ों से पहचान की। वादी ने पुलिस को बताया कि उनके भाई बाबूराम साधु हो गए थे और उन्होंने अपना नाम बाएं हाथ पर बाबू गिरी गुदवा लिया था।
वह कभी कभार घर पर आते थे अधिकतर मढ़ी पर ही रहते थे। पुलिस ने मृतक का मोबाइल भी बरामद कर लिया। सीडीआर से जानकारी मिली कि मृतक के मोबाइल में कोई अन्य सिम डाली गई और कुछ ही मिनट बाद सिम मोबाइल सेट से निकाल दी गई। तफ्तीश में राजफाश हुआ कि पूर्व में इस मंदिर पर चंदन गिरी उर्फ़ चंद्रपाल कश्यप निवासी पटपरा थाना अलीगंज रहता था।
मंदिर की 8-10 बीघा जमीन थी जिसकी फसल वह खुद लेता था। तीन-चार वर्ष पूर्व गांव वालों ने चंदन को पूजा पाठ के काम से निकाल दिया था। आरोपित चंदन गिरी ने गांव वालों पर बहेड़ी तहसील में मुकदमा शुरू कर दिया था। बाद में इसी मंदिर पर मृतक पूजा पाठ करने लगा था।
घटना से कुछ दिन पूर्व मढ़ी पर भंडारा हुआ जिसमें चंदन गिरी ने ना तो भोजन किया और ना भंडारे में शामिल हुआ। कुछ लोगों ने बाबू गिरी को चंदन गिरी के साथ मोटरसाइकिल पर बैठे देखा था। मंदिर की संपत्ति के लालच में चंदन गिरी ने बाबू गिरी की गला दबाकर हत्या कर दी और वारदात छुपाने के इरादे से शव को कुएं में डाल दी।
शव क्षत विक्षत अवस्था में कुएं में पड़ा मिला। सरकारी वकील हरेंद्र राठौर ने कोर्ट में नौ गवाह पेश किए। अपर सेशन जज-नौ अविनाश कुमार सिंह ने चंदन गिरी को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी को 25 हजार रुपए जुर्माना भी भुगतना होगा। जुर्माने की राशि मृतक के मां-बाप व पत्नी को मिलेगी।

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