Automatic Driving Test : बरेली में टेस्ट पास कराने काे सॉफ्टवेयर में की छेड़छाड़, कैमरे में कैद हुई कारस्तानी
Bareilly Automatic Driving Testing Track News बरेली में रुपये देने वालों को पास कराने के लिए सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ की गई। सुपरवाइजर की ये कारस्तानी सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। जैसे ही मामले में जांच शुरू हुई तो फुटेज देख अधिकारी हैरान रह गए।

बरेली, जागरण संवाददाता। Bareilly Automatic Driving Testing Track News : आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक (एडीटीटी) के सुपरवाइजर ने टेस्ट पास कराने वाले अभ्यर्थियों के लिए साफ्टवेयर (Software) में भी छेड़छाड़ की। यही नहीं कई लोगों का उसने अपने नाम से पंजीकृत कार से स्वयं ही टेस्ट दिया। ऐसा केवल किन्हीं एक या दो लोगों के आवेदन में नहीं बल्कि कई आवेदन में मिला है।
पूरे प्रकरण में शुरू हुई जांच के दौरान परसाखेड़ा स्थित एडीटीटी के सीसीटीवी के फुटेज देखने पर यह राजफाश हुआ है। इसे देख अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। दरअसल आमतौर पर टेस्ट देने वालों को केवल एक ही मौका दिया जाता था। इसमें फेल होने पर उन्हें लौटा दिया जाता था। वहीं जिन लोगों से रुपये लिए गए उन्हें एक बार फेल होने के बाद भी टेस्ट के कई मौके दिए गए।
इसके लिए उनसे दोबारा फीस लेने की साफ्टवेयर में टेस्ट रिसेट किया गया। इसके बाद भी उनके पास न होने पर मेसर्स राईज टैक साफ्टवेयर प्रा. लि. तथा न्यू लुक स्टेनलेस प्रा. लि. राजस्थान के सुपरवाइजर दशरथ लांबा के नाम से पंजीकृत कार से उन आवेदकों के टेस्ट देकर उन्हें पास किया गया।
एक नहीं कई आवेदकों का टेस्ट किया गया रीसेट
नियमत: एक आवेदक को केवल एक बार ही टेस्ट देने का मौका दिया जाता है। नामित फर्म के सुपरवाइजर व उसके लोगों ने दलालों से सांठगांठ कर इसका भी तोड़ निकाल लिया। जिन लोगों से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए रुपये लिए गए उनको पास करने के लिए साफ्टवेयर से छेड़छाड़ करते हुए टेस्ट को कई बार रीसेट किया गया। यह सभी गतिविधि वहां लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई। जांच में सभी बातों की पुष्टि भी हुई है।
फुटेज में कई बार बैक टू बैक टेस्ट देते दिखा सुपरवाइजर
परसाखेड़ा स्थित एडीटीटी में लगे सीसीटीवी कैमरों की जब एआरटीओ प्रशासन मनोज सिंह व आरआइ टेक्निकल मानवेंद्र प्रताप सिंह के साथ डीबीए आदित्य ने जांच की तो फुटेज में कई साक्ष्य मिले। इन सभी साक्ष्यों को लखनऊ मुख्यालय भेजा गया है।
बता दें कि सीसीटीवी फुटेज में सुपरवाइजर अपनी कार से कई लोगों के टेस्ट बैक टू बैक देते हुए दिखा है। जबकि नियम में स्पष्ट है कि ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट देने आने वाले को स्वयं चार पहिया या दो पहिया वाहन लेकर आना होता है।
कई अधिकारी, नेता के ड्राइवर भी हो चुके परीक्षा में फेल
आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक में टेस्ट के दौरान कई बड़े नेता व अधिकारी के ड्राइवर के साथ ही कई विभाग के अधिकारी भी टेस्ट में फेल हुए। इसके बाद अचानक एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के पास होने से लग रहे आरोप शक में परिवर्तित हो गए।
गड़बड़ियों के कई साक्ष्य मिलने के बाद भी जारी है टेस्ट
नामित फर्म के सुपरवाइजर व लोगों द्वारा की गई तमाम गड़बड़ियों के बाद भी उन पर रोक नहीं लगाई गई है। शुक्रवार को भी नामित फर्म द्वारा लोगों को टेस्ट कराये गए। वहीं इस प्रकरण में अधिकारियों का कहना है कि फर्म को कार्य शासन स्तर से मिला है। बिना मुख्यालय आदेश के उन्हें कार्य से नहीं रोका जा सकता है।
जांच के दौरान नामित फर्म द्वारा साफ्टवेयर से छेड़छाड़ के साक्ष्य मिले हैं। सुपरवाइजर के नाम से पंजीकृत कार से भी कई लोगों को टेस्ट कराया जाना मिला है। सभी साक्ष्यों को लखनऊ भेज कार्रवाई के लिए कहा गया है।- कमल प्रसाद गुप्ता, आरटीओ बरेली
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