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    शरीयत में नए साल का जश्न मनाना और मुबारकबाद देना नाजायज...बरेलवी मौलाना शहाबुद्दीन रजवी की नसीहत

    Updated: Mon, 30 Dec 2024 08:34 AM (IST)

    ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नए साल का जश्न मनाना शरीयत के विरुद्ध बताया है। उनका कहना है कि यह ईसाइयों का धार्मिक कार्यक्रम है और मुसलमानों को इसमें शामिल नहीं होना चाहिए। उन्होंने नए साल के जश्न से जुड़ी कई गतिविधियों को भी नाजायज बताया है जैसे कि पटाखे दागना तालियां बजाना शराब पीना जुआ खेलना आदि।

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    ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष हैं मौलाना शहाबुद्दीन रजवी।

    जागरण संवाददाता, बरेली। आंग्ल नव वर्ष पर शहर से लेकर देहात तक जोरदार से मनाने की तैयारियां चल रही हैं। इसी बीच बरेलवी मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने नए वर्ष की मुबारकबाद देना और जश्न मनाना शरीयत के अनुसार नाजायज बताया।

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    ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि दो दिन बाद नए साल का आगाज होने वाला है और नौजवान लड़के और लड़कियां जश्न मनाकर एक दूसरे को मुबारकबाद देते हैं।

    ये अंग्रेजों का नया साल

    मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा कि नया साल जनवरी से शुरू होता है जो अंग्रेज, ईसाइयों का नया साल है। ईसाइयों का मजहबी, धार्मिक कार्यक्रम है और उसे वे हर साल के पहले दिन जश्न के रूप में मनाते हैं। इसमें विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। ये ईसाइयों का धार्मिक कार्यक्रम है, इसलिए मुसलमानों को नए साल का जश्न मनाना जायज नहीं है।

    शरीयत की रोशनी में नाजायज हैं ये काम

    मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि नए साल का जश्न मनाना, एक दूसरे को मुबारकबाद देना, पटाखे दागना, तालियां बजाना, शोर मचाना, सीटियां बजाना, लाइट बंद करके हुड़दंग करना और फिर लाइट को दोबारा जलाना, नाच गाना करना, शराब पीना, जुआ खेलना, मोबाइल वाट्सएप से एक-दूसरे को मैसेज भेजकर मुबारकबाद देना, ये सारे काम शरीयत की रोशनी में नाजायज हैं। 

    इससे पहले भी मौलाना के बयान आते रहे हैं सामने

    वक्फ बोर्ड की संपत्तियां अब खुर्द बुर्द नहीं की जा सकेंगी, क्योंकि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड को लेकर एक संशोधन बिल संसद में लाने वाली है। इस बिल से वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लेकर हो रही मनमानी पर रोक लगेगी। यह कहना था बरेलवी मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी का। मौलाना ने कहा था कि बरेलवी उलमा सरकार के इस फैसले का स्वागत करती है। वक्फ कानून पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, नरसिंहा राव के कार्यकाल में भी बदले गए। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाब़ुद्दीन रजवी ने कहा कि भारत के तमाम वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, अधिकारी और सदस्य भूमाफिया के संग मिलकर वक्फ की संपत्ति को खुर्द बुर्द कर रहे हैं।

    कलावा पर दिया था ये संदेश

    कलावा और दूसरे धर्म में शादी पर भी उन्होंने संदेश दिया था। दूसरे धर्म के प्रतीक चिह्न का सहारा लेकर, पहचान छिपाकर गैर मुस्लिम युवतियों से शादी करना इस्लाम में नाजायज (अनुचित) है। बरेली में दरगाह आला हजरत से ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने यह संदेश (फतवा) दिया था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि लव जिहाद के मामलों पर रोक लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कानून लागू कर चुकी है। ऐसी स्थिति में मुस्लिम युवा दूसरे धर्म-मत की युवतियों से शादी करने से बचें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ जाएंगे।

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