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इनपुट: मिस्र में माहिर होंगे बरेलवी शार्गिद

ऊंची उड़ान मंजरे इस्लाम के होनहारों का चयन एक से बढ़ाकर पांच किया गया कोटा जागरण संवाददाता, बरे

By Edited By: Published: Thu, 02 Apr 2015 03:59 PM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2015 03:59 PM (IST)
इनपुट: मिस्र में माहिर होंगे बरेलवी शार्गिद

ऊंची उड़ान

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मंजरे इस्लाम के होनहारों का चयन

एक से बढ़ाकर पांच किया गया कोटा

जागरण संवाददाता, बरेली: आला हजरत इमाम अहमद रजा खां के हाथों स्थापित मदरसा मंजर-ए-इस्लाम को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। इस्लामी जगत में आक्सफोर्ड की हैसियत रखने वाली जामे अल अजहर यूनिवर्सिटी मिस्र ने नए शिक्षण सत्र से स्कालरशिप का कोटा बढ़ा दिया है। अब एक की जगह चार छात्र आला तालीम के लिए मिस्र भेजे जा सकेंगे। मंजूरी का खत आते ही चार छात्रों का चयन कर लिया गया।

दरगाह में ही स्थापित मदरसा जामे अल अजहर यूनिवर्सिटी से संबद्ध पहले ही कर लिया गया था लेकिन महज एक छात्र को स्कालरशिप मिल पाती थी। कोटा बढ़वाने के लिए कोशिश शुरू कीं। तब यूनिवर्सिटी ने स्कालरशिप का कोटा बढ़ाने का खत मदरसा मंजरे इस्लाम के प्रबंधक के नाम जारी कर दिया। उसके आते ही मदरसे से जुड़े हर शख्स का चेहरा खिल गया। छात्रों की भीड़ में चार होनहार मिस्र भेजे जाने के लिए चुन लिए गए।

इस तरह मिली कामयाबी

दरगाह आला हजरत के साबिक सज्जादानशीन ने मिस्र के राजदूत को चिट्ठी लिखी। उसे मुफ्ती मुहम्मद सलीम नूरी के हाथों दिल्ली भेजा। अरबी में लिखी इस चिट्ठी पर अमल शुरू हो गया। आला हजरत के हाथों सौ साल पहले स्थापित मदरसे के नाम एक बड़ी कामयाबी जुड़ गई।

इन खुशनसीब का चयन

मिस्र की यूनिवर्सिटी के लिए मदरसा मंजरे इस्लाम से फारिग छात्र मौलाना मुहम्मद वसीम रजवी (बहेड़ी), मौलाना मुईद खां (पूरनपुर), मौलाना मुहम्मद गुलफाम और मौलाना मुहम्मद अकबर (मुरादाबाद) के नाम तय किए गए हैं। वह अक्टूबर माह में मिस्र जाएंगे। वहां नया शिक्षण सत्र अक्टूबर में ही शुरू होता है।

रोशन होगा भविष्य

मिस्र जाने वाले मौलाना वहां कम्प्यूटर और अंग्रेजी भाषा में भी महारत हासिल करेंगे। चार साल की तालीम हासिल करने के बाद उनके लिए विदेश में नौकरी के रास्ते खुल जाएंगे। वे जामे अल अजहर समेत तमाम संबद्ध कालेज में लेक्चरर भी बन सकेंगे।

अजहरी मियां ले चुके तालीम

जामे अल अजहर यूनिवर्सिटी मिस्र से जानशीन मुफ्ती आजम हिंद मौलाना अख्तर रजा खां अजहरी मियां भी तालीम हासिल कर चुके हैं, जिनका शुमार दुनिया के नामवर मुस्लिम विद्वानों में किया जाता है। दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मौलाना मुहम्मद अहसन रजा कादरी भी वहां तालीम ले रहे हैं।

वर्जन

जामे अल अजहर ने हमारे मदरसे का कोटा बढ़ा दिया है। कोशिश यही है कि बुजुर्गो के ख्वाब के मुताबिक मंजरे इस्लाम को तालीमी जगत में शिखर पर ले जा सकूं।

मौलाना सुब्हान रजा खां सुब्हानी मियां, साबिक सज्जादानशीन दरगाह आला हजरत एवं प्रबंधक मदरसा मंजरे इस्लाम


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