बाराबंकी में धड़ाम हुई स्वास्थ्य व्यवस्था, जहां मिनटों में मिलता था इलाज वहीं घंटों लाइन में खड़े हो रहे मरीज
बाराबंकी जिला अस्पताल में मरीजों को डॉक्टर तक पहुंचने में डेढ़ घंटे से अधिक का समय लग रहा है जिससे तीमारदार भी परेशान हैं। पर्चा बनवाने और जांच कराने में भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। सोमवार को ओपीडी में 1763 नए पर्चे बने। फिजीशियन हड्डी रोग और चर्म रोग विभाग में अधिक भीड़ रही।

संवाद सूत्र, बाराबंकी। जिला अस्पताल की ओपीडी में चिकित्सक भले ही दो से तीन मिनट में दवाएं लिखकर चिकित्सीय परामर्श देते हैं, लेकिन चिकित्सक तक पहुंचने में मरीजों को डेढ़ घंटे से अधिक का समय लग रहा है। मरीज का इलाज कराने आ रहे तीमारदार भी बीमार हो जा रहे हैं।
टोकन लेना, पर्चा बनवाना, चिकित्सकों को दिखाना, जांच कराना और फिर दवा पाना, इस लंबी प्रक्रिया में होने वाली दौड़भाग तीमारदारों को भी बीमार बना दे रही है। जिला अस्पताल में मरीजों की दुश्वारियों में कमी नजर नहीं आ रही है।
मरीजों की संख्या में नित्य बढ़ोतरी हो रही है। सोमवार को भी जिला अस्पताल की ओपीडी में 1763 नए मरीजों के पर्चे बनाए गए। लगभग 500 से ऊपर पुराने मरीजों का इलाज किया गया।
सिर्फ पर्चा बनवाने में ही मरीज व तीमारदारों को डेढ़ घंटे कतार में लगना पड़ता है। चिकित्सक कक्ष के बाहर भी दो घंटे से अधिक समय तक मरीजों को कतारबद्ध रहना होता है।
वहीं, जांच करानी पड़ी तो पंजीकरण कराने और रक्त नमूना निकलवाने में भी एक घंटे का समय लगना तय है। फिर दवा के लिए कतार लगाना मजबूरी है।
सोमवार को सर्वाधिक भीड़ फिजीशियन, हड्डी रोग व चर्म रोग विभाग की ओपीडी में रही। नेत्र विकार के मरीज भी बढ़े हैं। बाल राेग विभाग में भी वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या अधिक रही।
क्या बोले मरीज
वरिष्ठ परामर्शदाता डा. राजेश कुशवाहा के कक्ष के सामने बुखार से पीड़ित खेमापुर वस्तौली की मीना बताती हैं कि लाइन में लगे हुए एक घंटे से अधिक का समय हो गया, अभी क्रम नहीं आया।
ओपीडी कक्ष संख्या एक चर्म रोग विभाग में लखपेड़ाबाग की शशि अपने बच्चे को लेकर लाइन में लगी थीं। वह बताती हैं कि पर्चा की लाइन में आधा घंटे से अधिक लगे रहे, अब यहां पर पाैन घंटे हो गए हैं।
ओपीडी में भीड़ कम करने के लिए फीवर क्लीनिक खोली गई है। एक दिक्कत यह भी है कि मरीज जिस चिकित्सक से उपचार करा रहा है, उसी से इलाज कराता है। इसलिए कुछ कक्षों में भीड़ रहती है। ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों का उपचार किया जा रहा है। -डॉ. जयप्रकाश मौर्य, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक।
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