Lightning Death यूपी के बाराबंकी जिले में किसान खेत में अपनी पत्नी संगीता के साथ मेड़ बांधने का काम कर रहा था। तभी सुबह गरज-चमक के साथ बारिश होने लगी और तेज आवाज के साथ बिजली गिरी। बिजली गिरने से खेत में काम कर रहे एक किसान की मौत हो गई और उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई।
जागरण टीम, (बाराबंकी)। मौसम का मिजाज बदलने के साथ गरज-चमक के साथ बारिश हुई। इस दौरान बिजली गिरने से खेत में काम कर रहे एक किसान की मौत हो गई और उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। वहीं, बारिश होने से गर्मी से राहत मिली। किसानों को खरीफ फसलों के लिए खेत तैयार करने में भी काफी मदद मिलेगी।
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कोठी थाना क्षेत्र के लखनापुर गांव निवासी राधेलाल का 32 वर्षीय पुत्र उदय सिंह गुरुवार को खेत में अपनी पत्नी संगीता के साथ मेड़ बांधने का कार्य कर रहा था। ताकि बारिश होने पर खेत का पानी खेत में ही रहे। तभी सुबह करीब साढ़े नौ बजे गरज-चमक के साथ बारिश होने लगी और तेज आवाज के साथ बिजली गिरी।
उदय सिंह की मौत, पत्नी का चल रहा इलाज
बिजली की चपेट में आकर उदय सिंह व उनकी पत्नी संगीता गंभीर रूप से झुलस गए। दोनों को परिवारजन ने सीएचसी सिद्धौर में भर्ती कराया, जहां कुछ देर बाद ही उदय सिंह की मौत हो गई। संगीता का इलाज चल रहा है। ग्राम प्रधान वीरेंद्र वर्मा की सूचना पर पुलिस व तहसील से राजस्व निरीक्षक और लेखपाल भी पहुंचे। मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना बीमा का लाभ मृतक के परिवारजन को दिलाए जाने की प्रक्रिया लेखपाल ने पूरी कराई।
असंद्रा पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के एक बेटा है। किसान की मौत से परिवार सदमे में है। वहीं, भिटौरालखन गांव के पास खेत में काम कर रही एक अन्य महिला भी बिजली गिरने से झुलस गई।
खेतों को तैयार करने में मिलेगी मदद
हरख ब्लॉक के दौलतपुर गांव के प्रगतिशील किसान पद्मश्री राम सरन वर्मा ने बताया कि खरीफ में धान की फसल रोपाई के लिए खेतों को तैयार करने में यह बारिश सहायक सिद्ध होगी। जो किसान अभी हरी खाद के रूप में ढैंचा बोना चाहते हैं, वह ढैंचा भी बो सकते हैं। ढैंचा को खेत में पलटकर धान की रोपाई करने से उत्पादन अच्छा मिलता है। रसायनिक खाद का भी प्रयोग ज्यादा नहीं करना होता है।
सड़क पर जलभराव
हल्की बारिश में ही लखनऊ-अयोध्या मार्ग किनारे कई स्थानों पर जलभराव हो गया। असेनी मोड़ के पास सड़क के पानी की निकासी के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से काफी पानी भर गया, जिससे आवागमन में लोगों को परेशानी हो रही है। इसी तरह नाका सतरिख से पैसार की ओर सड़क के दोनों ओर बने नाले सड़क से ऊंचे हैं। पानी सड़क पर भरता है।
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