Move to Jagran APP

सूफी कलाम से दुनिया को दिया संदेश

बाराबंकी : हजरत बेदम शाह वारसी के कलामों के बिना सूफियाना महफिल अधूरी मानी जाती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 12:16 AM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 12:16 AM (IST)
सूफी कलाम से दुनिया को दिया संदेश
सूफी कलाम से दुनिया को दिया संदेश

बाराबंकी : हजरत बेदम शाह वारसी के कलामों के बिना सूफियाना महफिल अधूरी मानी जाती है। उनके Þबेखुद किये जाते हैं अंदाज ए हिजाबनाÞ जैसे कलाम आज भारत से लेकर खाड़ी देशों में सूफी महफिलों की शान बनते हैं। सूफी संत के संदेशों को अपने कलाम, भजन, ठुमरी आदि से फैलाने वाले हजरत बेदमशाह को उनकी इच्छानुसार अपने गुरु की मुकद्दस सरजमीं देवा में ही दफन किया गया। यहां नुमाइश स्थित उनकी मजार पर जायरीन अपनी अकीदत पेश करने आते हैं।

prime article banner

वारसी सिलसिले के खुसरो (कवि) कहे जाने वाले बेदम शाह को अपने गुरु हाजी वारिस अली शाह का असीम प्रेम प्राप्त था। बाबा के हाथों से अहराम पाने वालों में एक हजरत बेदम शाह वारसी ने अपनी गजल, रुबाइयात, नात शरीफ, सलाम व हम्द के साथ बसंत, दादरा, ठुमरी, मल्हार, होली और भजनों के माध्यम से सूफी दर्शन का प्रचार प्रसार किया। भारत सहित पकिस्तान दुबई और अन्य इस्लामी देशों में आज भी उनके सूफियाना कलाम लोगों की जुबान पर छाए हैं।

वर्ष 1879 में इटावा में जन्मे बेदम शाह वारसी 16 वर्ष की उम्र में प्रथम बार हाजी वारिस अली शाह के दर्शन के लिए देवा आए और उनके शिष्य बन गए। बचपन में गुलाम हुसैन के नाम से जाने जाने वाले बेदम शाह को उसी दिन अपने गुरु हाजी वारिस अली शाह के मुबारक हाथों से अहराम प्राप्त हुआ। गुलाम हुसैन की जगह बेदम शाह वारसी नाम मिला। बेदम शाह को आस्ताने पर वही मुकाम हासिल हुआ, जो दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन आलिया के यहां अमीर खुसरो को हासिल था। गुरु की महिमा पर इन्होंने लिखा -

Þबिन गुरु चाहे वन -वन फिरियो

बिन गुरु के तारे न तरियो।

हजरत बेदम शाह के 14 काव्य संग्रह (दीवान) इनके जीवन काल में ही प्रकाशित हो चुके थे। 24 नवंबर 1936 को यह कहकर बेदम शाह ने इस नश्वर संसार से प्रस्थान किया कि-

Þथका थका सा हूँ नींद आ रही है सोने दे ।

बहुत दिया है तेरा साथ ¨जदगी मैनेÞ।

दुनिया से विसाल के बाद उन्हें अपने गुरु की पाक सरजमीं देवा के शाह रोशन कब्रिस्तान में सैय्यद कुरबान अली शाह की दरगाह के निकट समाधि दी गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.