Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    बाराबंकी में कॉल सेंटर से अंतर प्रांतीय सात साइबर अपराधी गिरफ्तार, 25 लोगों को बनाया था शिकार

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 07:30 PM (IST)

    बाराबंकी में पुलिस ने एक अंतर-प्रांतीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो लखनऊ सीमा पर कॉल सेंटर चला रहा था। इस गिरोह ने छह राज्यों के 25 लोगों स ...और पढ़ें

    Hero Image

    कॉल सेंटर से अंतर प्रांतीय सात साइबर अपराधी गिरफ्तार।

    संवाद सूत्र, बाराबंकी। लखनऊ सीमा पर स्थित शालीमार परिसर सहित अलग-अलग स्थानों पर किराए के मकान से काल सेंटर संचालित कर साइबर ठगी का अंतर प्रांतीय नेटवर्क वाले गिरोह का राजफाश हुआ है। साइबर ठगों ने छह प्रांत के 25 लोगों को शिकार बनाकर लाखों रुपये ठगे हैं। नौ दिन पूर्व बागपत पुलिस ने भी इसी गिरोह के सात आरोपितों को गिरफ्तार किया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साइबर अपराध की जिले में लगातार बढ़ रहीं घटनाएं और गैर प्रांत के साइबर ठगों की यहां से हो रही गिरफ्तारी के बाद स्थानीय पुलिस साइबर ठगों के इनपुट को खोज रही थी।

    इसी क्रम में साइबर, सर्विलांस और स्वाट के साथ मिलकर कोतवाली नगर पुलिस ने एक ऐसे साइबर ठगों के गिरोह का राजफाश किया है।

    एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि यह गिरोह दो साल से यहां सक्रिय था और कई प्रांतों के लोगों को साइबर फ्राड का शिकार बना चुका है। नेशनल साइबर क्राइम रिपोटिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर दिल्ली, गुजरात, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और ओडिशा के 25 लोगों से करीब पांच लाख रुपये ठगी की शिकायत दर्ज है।

    पकड़े गए साइबर ठग

    आरोपितों में अयोध्या बीकापुर के असरेवा देवकली निवासी दीपक तिवारी, मूल रूप से बागपत के दोघट निवासी अंकित कटारिया (हाल पता कोतवाली नगर की आवास विकास कालोनी), बागपत के बड़ौत आर्य नगर नेहरू रोड निवासी इमरान सलीम (हाल पता कोतवाली नगर सफेदाबाद शालीमार मन्नत), उत्तराखंड़ बागेश्वर कौसानी का मूल निवासी विपिन वर्मा (हाल पता कोतवाली नगर की आवास विकास कालोनी) को गिरफ्तार किया गया।

    वहीं, लखनऊ सहादतगंज के कटरा खुदायार निवासी अब्दुल रिजवान (हाल पता कोतवाली नगर की आवास विकास कालोनी), लखनऊ बाजारखाला पुराना हैदरगंज निवासी मोहम्मद अफजल और जहांगीराबाद बंभौर निवासी आदर्श राज सहित कोठी भानमऊ निवासी मीनाक्षी वर्मा शामिल हैं। जिनके कब्जे से 12 मोबाइल, एक लैपटाप, टैब, फर्जी एग्रीमेंट और ज्वाइनिंग लेटर सहित अन्य प्रपत्र बरामद किए गए हैं।

    बदलते रहे ठिकाने

    यह गिरोह समय-समय पर काल सेंटर का ठिकाना बदल देता था। पहले शालीमार मन्नत, फिर कंपनी बाग और मयूर विहार कालाेनी में काल सेंटर संचालित किए। वर्तमान में कालसेंटर सिविल लाइन स्थित पुराने बस अड्डा के पास किराए के कमरे में संचालित किया जा रहा था।

    ऐसे करते साइबर फ्रॉड

    यह गिरोह ओएलएक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर ऑनलाइन बेटिंग गेम व नौकरी का विज्ञापन देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। यही नहीं कई लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे देते हैं। साथ ही पुलिस अधिकारी बनकर पोर्न वीडियो देखने की धमकी देते हुए डिजिटल अरेस्ट और अन्य तरीकों से साइबर अपराध करते थे। पहले रुपये बढ़ाकर देने का लालच देकर निवेश के नाम पर ठगी करते थे। पीड़ितों से आरोपित अपने बैंक खातों में रुपये मंगाते थे।