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    Bulldozer Action on Encroachment: श्रीराम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय बाराबंकी के अवैध कब्जे पर चला प्रशासन का बुलडोजर

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 06:49 PM (IST)

    Bulldozer Action on Encroachment of ShriRam Swaroop Memorial University शनिवार सुबह से शुरू हुई पैमाइश के बाद तहसील प्रशासन ने शाम करीब चार बजे बंजर की जमीन पर चिह्नित तीन अवैध निर्माण को बुलडोजर से ध्वस्त कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस पीएससी सहित तहसील प्रशासन मौजूद रहा। शाम हो जाने के कारण कार्य पूरा न हो सका।

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    श्रीराम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में चला प्रशासन का बुलडोजर

    संवादसूत्र, जागरण बाराबंकी : मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्देश मिलते ही बाराबंकी जिला प्रशासन ने श्रीराम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय को 11 वर्ष पहले जारी बेदखली के आदेश का अनुपालन किया। शनिवार को आखिरकार एक्शन शुरू करते हुए जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलाया।

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    एक दशक पुराने इस आदेश का संज्ञान प्रशासन ने तब लिया, जब दैनिक जागरण ने दबे पड़े इन दोनों आदेशों को उजागर करते हुए प्रमुखता से खबर प्रकाशित की। शनिवार सुबह से शुरू हुई पैमाइश के बाद तहसील प्रशासन ने शाम करीब चार बजे बंजर की जमीन पर चिह्नित तीन अवैध निर्माण को बुलडोजर से ध्वस्त कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस, पीएससी सहित तहसील प्रशासन मौजूद रहा। शाम हो जाने के कारण कार्य पूरा न हो सका। रविवार को तहसील प्रशासन फिर पैमाइश और अवैध निर्माण ध्वस्त करने का कार्य शुरू करेगा।

    बिना मान्यता के तीन वर्षों से विधि पाठ्यक्रम का संचालन

    बिना मान्यता के तीन वर्षों से विधि पाठ्यक्रम संचालन के आरोप को लेकर एक सितंबर को हुए बवाल के बाद विश्वविद्यालय पर शासन-प्रशासन का शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय ने जिन दो तालाब, गांव का मुख्य मार्ग, चकमार्ग, नाली, नवीन परती और बंजर सहित राज्य सरकार की जमीन को परिसर में शामिल कर कब्जा कर लिया था।

    यह करीब 17 वर्षों से है, जबकि 30 मार्च 2015 को तहसीलदार न्यायालय से दो आदेश जारी हुए थे, जिसमें सभी गाटा संख्या व जमीन के प्रकार का उल्लेख करते हुए बेदखली का आदेश दिया गया था। ग्राम प्रधान रामनाथ ने एसडीएम नवाबगंज से शिकायत करने के बाद भी इन्होंने संज्ञान नहीं लिया था और कब्जा बढ़ता गया। आरोप है कि पांच बार शिकायत की गई, लेकिन अनसूनी कर दी।

    न्यासी पंकज अग्रवाल को 11 वर्ष पहले जारी किया गया बेदखली का आदेश

    दैनिक जागरण ने खबर प्रकाशित कर यह मामला प्रकाश में लाया। जिसके अनुसार विश्वविद्यालय ट्रस्ट के न्यासी पंकज अग्रवाल को 11 वर्ष पहले भी सरकारी जमीन से बेदखली का आदेश जारी किया गया था, जिस पर आज तक तहसील प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की थी।

    शनिवार सुबह करीब 11 बजे तहसील प्रशासन भारी पुलिस बल व तीन बुलडोजर के साथ एसआरएमयू पहुंचे। पैमाइश करते हुए शाम तक करीब चार बजे तक बंजर, चकरोड और नाली की जमीन पर तीन अवैध निर्माण भी मिले, जिसमें एनिमल हाउस, रीप्रोसेसिंग प्लांट और कैंटीन शामिल होना बताया जा रहा है। जिसको बुलडोजर से ध्वस्त करने का कार्य शुरू हुआ, अंधेरा होने के कारण ध्वस्तीकरण रोक दिया गया।

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    रविवार को भी जारी रहेगी कार्रवाई

    जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि एसआरएमयू परिसर में पैमाइश कर सरकारी जमीन पर मिले अवैध निर्माण को चिह्नित कर ध्वस्त किया जा रहा है। शनिवार को प्रक्रिया पूरी न हो पाने के कारण रविवार को यह कार्रवाई जारी रहेगी।

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