बाराबंकी में लाल निशान से 47 सेंटीमीटर ऊपर पहुंची सरयू, घरों में पहुंचा बाढ़ का पानी; ग्रामीणों का पलायन शुरू
बाराबंकी में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। तीन तहसीलों के दो दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हैं जिससे खेत और रास्ते जलमग्न हो गए हैं। कई गांव पानी से घिर गए हैं और लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं। प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाने और राहत कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

संवाद सूत्र, बाराबंकी। सरयू नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। गुरुवार को 106.540 मीटर तक पहुंच गया। हालांकि, नदी की गति अब धीमी पड़ी है, लेकिन खतरे के निशान से 47 सेंटीमीटर ऊपर बह रही सरयू ने तीन तहसीलों के दो दर्जनों गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। नेपाल के बैराज से छोड़े गए पानी और पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार वर्षा के कारण सरयू नदी विकराल रूप धारण कर चुकी है। खेत, खलिहान व रास्ते जलमग्न हो चुके हैं। ग्रामीण सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के अलीनगर-रानीमऊ तटबंध के भीतर बसे आधे से ज्यादा गांव बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। यहां के सरकारी स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र तक जलमग्न हो चुके हैं, जिन्हें अब अस्थाई स्थानों पर शिफ्ट करने की बात प्रशासन कह रहा है। रामनगर तहसील क्षेत्र के करीब दो दर्जन गांवों में भी सरयू नदी का पानी घरों, खेतों और रास्तों में प्रवेश कर चुका है। यहां के सुंदरनगर, भटपुरवा जैसे गांव पहले ही जलमग्न हैं। बढ़ते पानी के बीच लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन कर रहे हैं। खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो रही हैं और पशुओं के चारे तक की समस्या खड़ी हो गई है।
सूरतगंज: बाढ़ से एक दर्जन गांव पानी से घिर गए हैं। सुंदरनगर गांव के करीब 30 परिवारों ने तटबंध पर शरण ले ली।बेलहरी, बाबापुरवा, केदारीपुर, लालपुरवा, मदरहा, क्योलीपुरवा, पूरनपुर, सुंदरनगर, बलाईपुर, संकटापुर, गुडियनपुरवा सहित एक दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। बेलहरी, लालपुरवा, मदरहा आदि गांव में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। सुंदरनगर, कोड़री व लालपुरवा के लोग अपने घरों को छोड़कर तटबंध की ओर पलायन करने को मजबूर हैं।
समझाने से नहीं माने बाढ़ प्रभावित लोग
पलायन कर तटबंध पर शरण लिए अनवर, हकीम, बरकत अली, जनकलाल, ईश्वरदीन, कल्लू, कुंवारे, सागर चौहान, राजकुमार, विनीत आदि को रामनगर तहसील प्रशासन ने समझाते हुए बाढ़ राहत केंद्र में शरण लेने को कहा। बाढ़ राहत केंद्र घर से दूर होने व जानवरों की उचित व्यवस्था न होने आदि अनेकों समस्याएं बताकर बाढ़ प्रभावित लोगों ने तटबंध पर सुरक्षित होने की बात कही। दोपहर को पहुंची एसडीएम गुंजिता अग्रवाल ने भी उन्हें समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। इसके बाद एसडीएम ने बीडीओ देवेंद्र प्रताप सिंह को तटबंध पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। तहसीलदार विपुल सिंह, सीओ फतेहपुर जगतराम कनौजिया, सीएचसी अधीक्षक राजर्षि त्रिपाठी, एडीओ पंचायत राजेंद्र प्रसाद यादव, सचिव विभा गुप्ता और आलोक कुमार आदि उपस्थित रहे।
\Bरामसनेहीघाट : \Bएसडीएम अनुराग सिंह ने बाढ़ से प्रभावित चार गांवों का निरीक्षण किया और अधिकारियों व कर्मचारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए। गुरुवार को उपजिलाधिकारी ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सरयू नदी के तट पर स्थित ढेमा, गुनौली कोयलावर, टिकरी पहुंचकर लोगों से बाढ़ के समय आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी ली। खजुरी स्थित स्कूल में बाढ़ राहत चौकी बनाई गई है। उन्होंने बताया कि गांव में बसी आबादी पूरी तरह से सुरक्षित है। आवागमन तथा रोजमर्रा के जरूरत का सामान खरीदने के लिए नाव लगा दी गई है।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं: डीएम
कलेक्ट्रेट स्थित लोक सभागार में आयोजित बैठक में डीएम शशांक त्रिपाठी ने बाढ़ से प्रभावित तहसीलों रामनगर, सिरौलीगौसपुर एवं रामसनेहीघाट के उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदारों से स्थिति की जानकारी ली। निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित ग्रामों के नागरिकों एवं उनके पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर भोजन, आवास, पेयजल एवं चिकित्सा आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि आपदा की स्थिति में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और हर प्रभावित तक मदद पहुंचाना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
जल पुलिस, आपदा राहत दल और स्वास्थ्य विभाग की टीमों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया गया है। एनडीआरएफ की टीम को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। तटबंध पर रहने वाले प्रभावितों को सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।- अरुण कुमार सिंह, एडीएम
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