Barabanki Bus Accident: 42 की क्षमता वाली बस में सवार थे 60 यात्री, बीच बस पर गिराता पेड़ तो और भयावह होता हादसा
बाराबंकी में एक दर्दनाक हादसे में पेड़ गिरने से एक अनुबंधित बस में सवार पांच यात्रियों की जान चली गई। बस में क्षमता से अधिक यात्री सवार थे जिससे परिवहन निगम की लापरवाही उजागर हुई है। रक्षाबंधन के कारण सरकार द्वारा महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा का दिखावा किया गया था । वन विभाग द्वारा जर्जर पेड़ों की अनदेखी भी हादसे का कारण बनी।

संवाद सूत्र, बाराबंकी। पेड़ गिरने से अनुबंधित बस पर सवार पांच यात्रियों की मौत मामले में परिवहन निगम की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है। 42 यात्रियों की क्षमता वाली यह बस ओवरलोड थी, जिसमें क्षमता से 18 यात्री अधिक सवार थे, जबकि परिवहन निगम की बसों की चेकिंग के लिए निरीक्षकों की तैनाती है जो रास्ते में टिकट व अन्य पहलुओं की चेकिंग करते हैं।
हैदरगढ़ जा रही अनुबंधित बस सतरिख थाना के राजा बाजार पहुंची थी कि अचानक सड़क किनारे लगा गूलर का एक बड़ा पेड़ अगले हिस्से पर गिर गया। हादसे में चालक और चार यात्रियों की मौत हो गई। अगर यात्रियों से खचाखच भरी बस में पेड़ बीच के हिस्से में गिरता तो हादसा और भयावह हो सकता था। 42 यात्रियों की क्षमता वाली इस अनुबंधित बस में 60 यात्री सवार थे। अधिकता होने के कारण तमाम यात्री खड़े थे।
पल्ला झाड़ रहा निगम
बसों की चेकिंग के लिए निगम में निरीक्षक तैनात होते हैं। ये बसों को बीच मार्ग में चेक करते हैं, लेकिन ओवरलोडिंग पर कभी कार्रवाई नहीं की जाती है। मात्र बिना टिकट यात्री चेक किए जाते हैं। अधिक आमदनी के लिए रोडवेज की बसों का ओवरलोड चलना आम बात है। आरएम लखनऊ आरके त्रिपाठी ओवरलोड बस के बिंदु पर गैर जिम्मेदार जवाब देते हैं कि हादसा पेड़ गिरने से हुआ है, ओवरलोड से नहीं।
36 यात्रियों का बना था स्पेशल टिकट
रक्षाबंधन के तहत बस में आठ से 10 अगस्त तक बहन बेटियों के लिए एक सहयात्री के साथ निश्शुल्क यात्रा का उपहार प्रदेश सरकार ने दिया है। इसके तहत बस में 30 महिलाएं और उनमें से छह के साथ सहयात्री निश्शुल्क यात्रा कर रहे थे, जिनका स्पेशल टिकट बनाया गया था।
चिह्नित जर्जर पेड़ भी खतरे की निशानी
सड़क किनारे लगा जो पेड़ पांच लोगों की मौत का कारण बना, वह हराभरा था। बारिश में मिट्टी की कटान और मिट्टी अधिक गिली होने से जड़ की पकड़ ढीली हो गई थी। हालांकि, सड़क किनारे हजारों ऐसे पेड़ हैं, जिनको वन विभाग सूखने, जर्जर होने अथवा गिरने जैसी स्थिति में होने के कारण खतरनाक श्रेणी में चिह्नित कर वन निगम से कटान के लिए कई बार पत्राचार कर चुका है, लेकिन इस दिशा को अनदेखा किया जा रहा है। दैनिक जागरण ने 17 जून 2025 को इस संबंध में प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर चेताया भी था।
बारिश के कारण गिरा पेड़
डीएफओ आकाश दीप बधावन ने बताया कि जो गूलर का पेड़ गिरा है, वह बिल्कुल स्वस्थ था। अधिक बारिश से मिट्टी का गीला होना और मिट्टी कटने के कारण वह गिरा है।
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