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    'पापा हमारा समय समाप्त हो गया, शायद ये आखिरी कॉल है'; अबू धाबी में 22 फरवरी को शहजादी को दी जाएगी फांसी

    Updated: Mon, 17 Feb 2025 01:13 PM (IST)

    अबू धाबी की जेल में बंद शहजादी को हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है। उसने अपने पिता को फोन करके बताया कि शनिवार को उसे फांसी दी जाएगी। इसके बाद से माता-पिता बेटी की खैर-ख्वाहिश के लिए परेशान हैं। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की ओर से भी फांसी होने की बात की कोई पुष्टि नहीं हो रही है।

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    शब्बीर व मां नाजरा को ढांढस बंधाते बुंदेखंड इंसाफ सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एएस नोमानी, इंसेट में शहजादी। ग्रामीण।

    जागरण संवाददाता, बांदा। आबूधाबी जेल में हत्या के मामले में बंद शहजादी को फांसी की सजा सुनाई गई थी। उसने फोन करके पिता को बताया कि शनिवार को उसे फांसी दी जाएगी। इसके बाद से माता-पिता बेटी की खैर ख्वाहिश के लिए परेशान हैं। दिन में बार-बार वह इधर-उधर फोन लगाते रहे। लेकिन फांसी दी गई कि नहीं इसकी कहीं से पुष्टि नहीं हो पाई। जिस नंबर से बेटी ने बात की थी। उसमें भी दोबारा बात नहीं हो पा रही है।

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    दो साल से बच्चे की हत्या के आरोप में है बंद

    मटौंध कस्बे के गोयरा मुगली गांव की शहजादी करीब दो वर्षों से बच्चे की हत्या के आरोप में आबूधाबी जेल में है। वहां उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी। दो बार फांसी दिए जाने का समय टल गया था। शुक्रवार रात 11:59 बजे शहजादी का फोन पिता शब्बीर के पास आया था। उसने बताया था कि पापा हमारा समय समाप्त हो गया है। कैप्टन ने कहा है कि अब तुम्हारे पास समय नहीं है। इसलिए शायद वह आखिरी बार बात कर रही है।

    बेटी की फांसी के लिए बढ़ रही बेचैनी

    पिता व मां नाजरा फफक कर बेटी की याद में रो पड़ते हैं। बेटी को फांसी हुई की नहीं। इसकी भी उन्हें अभी सही से जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसलिए उनकी बेचैनी बढ़ रही है। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की ओर से भी फांसी होने की बात की कोई पुष्टि नहीं हो रही है। किसी से कुछ जानकारी न मिलने से वह और परेशान हैं।

    शहजादी का फाइल फोटो।

    आरोपितों की गिरफ्तारी होती तो मिल सकती थी राहत

    शहजादी के पिता शब्बीर का आरोप है कि उसने न्यायालय के आदेश पर जिनके विरुद्ध मुकदमा मटौंध थाने में दर्ज कराया था। उसमें पुलिस ने अभी तक किसी को नहीं पकड़ा है। यदि यहां की पुलिस आगे कदम बढ़ाती। आरोपितों को पकड़ा जाता तो शायद उसकी बेटी की जिंदगी सुरक्षित हो सकती थी। शासन के आगे आने से उनकी बेटी को राहत मिल सकती थी।

    रिश्तेदारों व ग्रामीणों का लगा रहा तांता, बिलख रहे स्वजन शहजादी को लेकर उसके रिश्तेदारों व ग्रामीणों का गोयरा गांव में आना जाना बना है। दिन भर परिवार व अन्य रिश्तेदारी के लोग घर पहुंचते रहे। जहां रोना-पिटना मचा रहा। हर किसी को शहजादी की क्या स्थिति है चिंता बनी है। वह किस हाल में है। इसके बारे में आपस में चर्चा करते रहे हैं।

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    इंसाफ सेना ने बंधाया ढांढस, मदद करने का दिया भरोसा

    बुंदेलखंड इंसाफ सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ए एस नोमानी ने रविवार को ग्राम गोयरा पहुंचकर शहजादी के माता-पिता को ढांढस बंधाया। उन्हें इंसाफ दिलाने में मदद करने का आश्वासन दिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि दुबई के अबूधाबी जेल में भारत की बेटी शहजादी बंद है। उसे इंसाफ दिलाने के लिए केंद्र सरकार व विदेश मंत्रालय से लेकर पूरा विपक्ष खामोश है। जबकि सरकार को इस दिशा में जानकारी करनी चाहिए कि उसे फांसी की सजा दिए जाने के मामले में क्या सच्चाई है। यहां की बेटी किस हाल में है।