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    Banda News: जब कैटरीना और बन्नौ किन्नर ग्रुप हुए आमने-सामने, लात-घूंसे...दे थप्पड़..., कई जख्मी

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 10:55 PM (IST)

    बांदा के नरैनी कोतवाली में क्षेत्र के बंटवारे को लेकर किन्नरों के दो गुट आपस में भिड़ गए। मारपीट और हंगामे के बाद पुलिस ने 27 किन्नरों को शांति भंग में गिरफ्तार किया। सीओ के समझाने पर भी बात नहीं बनी। पहले भी इन गुटों में विवाद हो चुका है। एसडीएम न्यायालय ने सभी को मुचलके पर रिहा कर दिया।

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    कोतवाली परिसर के अंदर क्षेत्र के विवाद को लेकर मारपीट करते किन्नर व समझाते पुलिस कर्मी। जागरण 

    संवाद सहयोगी, जागरण नरैनी(बांदा)। क्षेत्र के बंटवारे को लेकर किन्नरों के दो गुटों में कोतवाली परिसर व सभागार में जम कर लात-घूंसे चले। मामला तूल पकड़ने से हंगामा दिन में कई घंटे तक चलता रहा। पुलिस दोनों ओर के किन्नरों को शांत कराने में पसीने-पसीने रही।

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    मामला किन्नरों का होने से पुलिस असहाय बनी रही। समझाने पर सीओ की बात भी मानने को तैयार नहीं हुए। दोनों गुटा नरैनी क्षेत्र को अपना बताकर विवाद करते रहे। इससे दोनों ओर के 27 किन्नरों का पुलिस ने बाद में शांति-भंग में चालान कर दिया। मारपीट में कई किन्नरों को चोटें आई हैं।

    Kinnar

    कोतवाली परिसर में हंगामा करते किन्नर। जागरण 


    नगर के किन्नर बन्नो गुट व अतर्रा निवासी कैटरीना ग्रुप के बीच कई थाना क्षेत्रों के बंटवारे को लेकर कई दिनों से विवाद चल रहा है। सोमवार दोपहर दोनों गुट शिकायत करने के लिए नरैनी कोतवाली परिसर पहुंचे। और दोनों पक्ष अपनी अपनी बातें पुलिस को बताने लगे। तभी मामले ने बातों- बातों में तूल पकड़ लिया। और दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी।

    कोतवाली पुलिस ने बीच- बचाव करने की कोशिश की। लेकिन मामला इतना बढ़ चुका था कि संभालना मुश्किल हो गया। सूचना पर सीओ कृष्णकांत त्रिपाठी ने कोतवाली में दोनों गुटों को समझाने की कोशिश की। लेकिन बात नहीं बनी।

    कैटरीना ग्रुप का कहना था कि नरैनी, कालिंजर, फतेहगंज, गिरवां सभी थाना क्षेत्र में हमारा ग्रुप कार्य करेगा। वहीं बन्नों ग्रुप भी इन्हीं थाना क्षेत्रों में कार्य करने की जिद में अड़ा रहा। तभी पुलिस ने कैटरीना ग्रुप के काजल, शर्मीली, रिना, शिवानी, पिंकी सहित बन्नो ग्रुप के जसमीन, गुड़िया, अंजना, वर्षा, काजल, जाहनी, महिमा, शालनी, सहित 27 लोगों का शांति भंग में चालान कर एसडीएम न्यायालय में पेश किया। वहीं एसडीएम अमित शुक्ला ने दोनों पक्षों को समझाते हुए मुचलके पर सभी को रिहा कर दिया।

    पुलिस सूझबूझ दिखाती तो न होती मारपीट

    किन्नरों के दो गुटों के बीच कोतवाली में मारपीट होने के पहले यदि पुलिस सूझबूझ दिखाती तो शायद विवाद आगे न बढ़ता। इसमें पुलिस को यह करना चाहिए था कि दोनों गुटों की शिकायत एक साथ आमने-सामने नहीं सुननी चाहिए थी। इससे टकराव होने से बच सकता था।

    दोनों गुट पुलिस कार्यालय के अंदर भी कर चुके हैं विवाद

    किन्नरों के जिन दोनों गुटों के बीच सोमवार को कोतवाली के अंदर विवाद हुआ है। इनके बीच विवाद छह माह पहले भी हुआ था। तब एक गुट ने दूसरे ग्रुप के किन्नरों पर जबरन किन्नर बनाने का गंभीर आरोप लगाया था। जिसमें आपरेशन कानपुर में कराने की बात आई थी। उस समय भी पुलिस कार्यालय के अंदर जमकर लात घूंसे चले थे। एक किन्नर को बाद में पुलिस ने जेल भेज दिया था। एक बार फिर दोनों गुटों में टकराव हुआ है।