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    बरात लेकर जा रही बस से कुचलकर दो दोस्तों की मौत, चचेरा भाई गंभीर

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 08:26 AM (IST)

    बांदा में एक बारात बस ने बाइक सवारों को कुचल दिया, जिसमें दो दोस्तों की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया। यह दुर्घटना कमासिन कस्बे के पास हुई, जहाँ तेज रफ्तार बस ने बाइक को टक्कर मार दी। मृतकों में निखिल और सुरेंद्र शामिल हैं, जबकि शुभम घायल है। पुलिस ने बस जब्त कर ली है और चालक की तलाश जारी है।

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    जागरण संवाददाता, बांदा। बरात लेकर जा रही प्राइवेट बस ने सामने से आ रहे बाइक सवारों को रौंद दिया। चालक के ब्रेक न लगाने से बाइक सवार 20 मीटर दूर तक घिसटते चले गए। इससे दो दोस्तों की मौत हो गई।

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    दिवंगत हुए युवक का चचेरा भाई सिर में चोट लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर करना पड़ा। दिवंगत एक युवक का कटा हाथ पुलिस को काफी दूर पड़ा मिला। हादसे के समय बाइक सवार हेलमेट नहीं लगाए थे।

    कमासिन कस्बे के ग्राम छिलोलर निवासी मूलचंद्र का 20 वर्षीय पुत्र निखिल अपने पड़ोसी दोस्त देवराज के 21 वर्षीय पुत्र सुरेंद्र उर्फ सोनी व नामदेव के 20 वर्षीय पुत्र चचेरे भाई शुभम के साथ मंगलवार शाम बाइक से बेर्रांव गांव की ओर आए थे। जहां से रात करीब साढ़े आठ बजे तीनों लोग बाइक से घर जा रहे थे।

    रास्ते में बबेरू कोतवाली के बेर्रांव गांव के पास दीनानाथ महाविद्यालय के पास कमासिन कस्बे से बारात लेकर अधांव गांव जा रही तेज रफ्तार प्राइवेट बस ने तीनों बाइक सवारों को सामने से कुचल दिया। जिसमें निखिल और सुरेंद्र की मौत हो गई।

    दिवंगत हुए निखिल का चचेरा भाई शुभम सिर में चोट लगने में गंभीर रूप से घायल हो गया। दुर्घटना करने वाला चालक आधा किलोमीटर दूर आगे बस खड़ी कर फरार हो गया। ग्रामीणों ने हादसे की जानकारी पुलिस को दी।

    बबेरू कोतवाली निरीक्षक राजेंद्र सिंह रजावत को सुरेंद्र का कटा हुआ हाथ घटनास्थल से 20 मीटर दूर पड़ा मिला है। कोतवाली निरीक्षक ने बताया कि बस के चालक का पता लगाने का प्रयास किया गया है। बस को कोतवाली के पास खड़ा कराया गया है। स्वजन की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

    घर का इकलौता चिराग था निखिल

    हादसे के बाद दिवंगत हुए सुरेंद्र के बारे में स्वजन ने बताया कि वह सूरत में रहकर मजदूरी करता था। एक माह पहले वह सूरत से घर आया था। वह छह भइयों व दो बहनों में चौथे नंबर का था। मां फूलमती का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं निखिल घर का इकलौता बेटा था। उसकी मां जयरानी का रो-रोकर बुरा हाल है।

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