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    इतने जूते मारुंगा कि गंजे हो जाओगे... बांदा में एसडीएम पर लेखपाल को बंधक बनाकर पीटने का आरोप

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 07:12 PM (IST)

    बांदा में एसडीएम पर चकबंदी लेखपाल को बंधक बनाकर पीटने का आरोप लगा है। लेखपाल के अनुसार, एसडीएम ने अवैध निर्माण के पक्ष में रिपोर्ट देने का दबाव बनाया और इनकार करने पर गाली-गलौज और मारपीट की। लेखपाल को कमरे में बंद कर धमकी भी दी गई। घटना के बाद लेखपालों में आक्रोश है और उन्होंने कार्रवाई की मांग की है। एसडीएम ने आरोपों को गलत बताया है।

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    बांदा में लेखपाल को बंधक बनाकर पीटा। प्रतीकात्मक

    जागरण संवाददाता, बांदा। भवन निर्माण में मनमाफिक आख्या न लगाने पर एसडीएम ने चकबंदी लेखपाल को बंधक बनाकर पीटा। धमकाते हुए कहा कि आख्या लगा दो नहीं तो इतने जूतें मारूंगा कि गंजे हो जाओगे। डेढ़ घंटे तक कमरे में बंद लेखपाल को आख्या लगाने के बाद ही मुक्त किया गया। इस घटनाक्रम के बाद जिले भर के चकबंदी लेखपाल आक्रोशित हो गए। लेखपालों ने कार्रवाई को लेकर उच्चाधिकारियों से वार्ता की। चेतावनी दी कि यदि एसडीएम पर कार्रवाई नहीं हुई तो आर - पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।

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    घटना नरैनी तहसील की है। बीते 29 अक्टूबर को नरैनी तहसील के सहायक चकबंदी कार्यालय में तैनात लेखपाल विकास सिंह को एसडीएम नरैनी अमित शुक्ल ने अपने दफ्तर बुलाया था। चकबंदी लेखपाल विकास के अनुसार ग्राम पंचायत पथरा में एक भवन निर्माण हो रहा है। यह भवन अवैध रूप से तैयार किया जा रहा है। मामले में दो पक्षों का विवाद भी चल रहा था। एसडीएम नरैनी अमित शुक्ल ने अवैध निर्माण कराने वाले राजेंद्र शुक्ल के पक्ष में आख्या लगाने को कहा था।

    लेखपाल के अनुसार उसने आख्या लगाने से मना कर दिया था, एसडीएम को बताया कि यह निर्माण कार्य अवैध तरीके से कराया जा रहा है इसमें आख्या नहीं लगाई जा सकती है। इन्कार करने से बौखलाए एसडीएम ने उन्हें गाली देना शुरू कर दिया। आरोप लगाया कि एसडीएम ने उन्हें एक तमाचा मारते हुए बगल के कमरे में बंधक बना दिया। कमरे में ताला लगा दिया गया। धमकी दी कि आख्या नहीं लगाई तो इतने जूते मारूंगा कि गंजे हो जाआगे।

    लगभग डेढ़ घंटे बाद एसडीएम ने जबरन आख्या लगवाने के बाद ही लेखपाल को मुक्त किया। विकास के अनुसार उन्होंने त्वरित घटना की सूचना सहायक चकबंदी अधिकारी तृतीय अरुण नारायण सिंह को दी लेकिन उन्होंने उच्चाधिकारियों से मामले की शिकायत करने का आश्वासन मात्र दिया। कार्रवाई न होने पर शुक्रवार को चकबंदी लेखपाल संघ ने आयुक्त और डीएम से प्रकरण को लेकर मुलाकात की।

    लेखपाल का कहना था कि प्रकरण में अफसर कार्रवाई के बजाए समझौते का दबाव बना रहे हैं। उधर इस मामले में आरोपित एसडीएम अमित शुक्ल का कहना था कि लेखपाल काम नहीं करेंगे तो उन्हें डाटा जाएगा। अभद्रता या पीटने जैसे आरोप गलत है। ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

    डीएम जे रीभा ने बताया कि मामला अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं आया है। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। दोषी होने पर कार्रवाई की जाएगी। नरैनी एसडीएम अमित शुक्ल का विवादों से गहरा नाता रहा है। कुछ माह पहले विधायक से भी इनका विवाद हो गया था। उस दौरान विधायक द्वारा एसडीएम को पीटे जाने की चर्चा सुर्खियों में रही है।