यूपी के शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए अच्छी खबर, जल्द बढ़ेगा मानदेय
शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को मानदेय बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि सरकार ने इस पर विचार करने के लिए एक कमेटी गठित की है। मुख्यमंत्री के आश्वासन से उनकी आशाएं बढ़ गई हैं खासकर दीपावली के त्योहार के मौके पर। वे महंगाई को ध्यान में रखते हुए मानदेय में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि वर्तमान मानदेय से घर चलाना मुश्किल हो रहा है।
s_shikshamitras_and_instructors_24048028.webp)
जागरण संवाददाता, बांदा। उत्तर प्रदेश सरकार के आश्वासन के बाद से शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की उम्मीद बढ़ गई है। इनका मानदेय बढ़ाने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित की गई है। शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वस्त किया कि रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश सरकार सकारात्मक फैसला लेगी। अब कमेटी की रिपोर्ट का सभी उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।
कई वर्षों से शिक्षामित्र व अनुदेशक मानदेय बढ़ाने को लेकर मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के आश्वासन से उम्मीदें बढ़ गईं हैं। तोहफे के रूप में दीपावाली के मौके पर शिक्षामित्र व अनुदेशकों को मानदेय बढ़कर मिलने की आस है। वहीं शिक्षामित्र व अनुदेशकों ने मंहगाई को लेकर मानदेय बढ़ाने की सरकार से उम्मीद जताई है।
मंडल के चारों जिलों में 4789 शिक्षामित्र व 1405 अनुदेशक कार्यरत हैं। शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये और अनुदेशकों को नौ हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाता है। इनमें से करीब डेढ़ हजार से अधिक शिक्षामित्र टीईटी शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं। इन शिक्षामित्रों को उम्मीद है कि उनकी योग्यता और मेहनत को देखते हुए सरकार मानदेय बढ़ाने का बड़ा निर्णय करेगी। हालांकि इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के बेसिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी की अनिवार्यता कर दी है।
इस आदेश से बगैर टीईटी वाले शिक्षकों की चिंता बढ़ गई है। वे अपनी नौकरी और भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। वह लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं। वहीं, टीईटी पास शिक्षामित्रों को भरोसा है कि योग्यता आधारित नीति के तहत उन्हें वरीयता और बेहतर मानदेय मिलेगा। सभी का मानना है कि सरकार कमेटी की रिपोर्ट के बाद जल्द ही ठोस निर्णय लेगी। इससे न केवल शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा बल्कि विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता भी सुदृढ़ होगी।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि जल्द ही सरकार मानदेय में बढ़ोतरी कर शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा सकती है। वहीं शिक्षामित्र व अनुदेशक दीपावली पर इसे तोहफा के रूप में सरकार के देने का कयास लगा रहे हैं
-सरकार से उम्मीद है कि मंहगाई को ध्यान में रखकर ही मानदेय में बढ़ोत्तरी की जाएगी। क्योंकि 10 हजार रुपये माह भर में घर चलाना मुश्किल हो रहा है।
इंद्रजीत सिंह, शिक्षामित्र, भुजौली
शिक्षामित्र कितने दिनों से अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हें वर्ष 2017 से ही 17 हजार रुपये मानदेय मिलना चाहिए था। सरकार मंहगाई को देखते हुए मानदेय में बढ़ोत्तरी करेगी। उन्हें पूरी उम्मीद है।
हरीओम चौरिहा, शिक्षामित्र, महुटा, अतर्रा
समय से स्कूल पहुंचने के साथ पूरे समय तन्मयता के साथ बच्चों का भविष्य संवारने में उन्हें मेहनत का फल जरूर मिलेगा। सरकार पर पूरा भरोसा है।
अपूर्व कुशवाहा, अनुदेशक, बड़ोखर बुजुर्ग
मंहगाई के समय में नौ दस हजार रुपये किस तरह से खर्च हो जाते हैं पता ही नहीं चलता। हर माह मिलने वाले मानदेय से दो गुना से ज्यादा खर्च हो जाते हैं।
सुशील पांडेय, अनुदेशक, तुर्रा
काफी अरसे से मेहनत के अनुसार मानदेय न मिलने को लेकर सरकार से मांग की जा रही थी। नौ दस हजार रुपये में किस तरह से घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। यह समझने वाली बात है। उम्मीद है कि सरकार मानदेय बढ़ाने में मंहगाई का ध्यान रखेगी।
फूल सिंह, शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन, बांदा
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।