UP Tourism : यूपी में पर्यटन विकास पर जोर, इस जिले में 20 करोड़ की लागत से 6 धार्मिक स्थलों का होगा कायाकल्प
UP Banda Tourism | बांदा जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1980.43 लाख रुपये की छह परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं में जिले के विभिन्न धार्मिक स्थलों का विकास किया जाएगा जिसमें महर्षि वेदव्यास की जन्मस्थली कुरसेजा धाम रनगढ़ किला और अन्य मंदिर शामिल हैं। इससे बांदा में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

जागरण संवाददाता, बांदा। किसी भी जिले की पहचान देने में पर्यटक स्थलों का विशेष योगदान होता है। जिन पर्यटन स्थलों की सुविधाएं बेहतर हों, वहां की जगह रमणीक हो, पर्यटकों के रुक कर वहां घूमने आदि की अच्छी जगह हो तो फिर क्या कहना। यह सब व्यवस्थाएं चार चांद लगातीं हैं।
जिले के धार्मिक स्थलों को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर पर्यटन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1980.43 लाख रुपये (लगभग बीस करोड़) की छह परियोजनाओं को विकसित करने की स्वीकृत दी है। बांदा वैसे भी ऐतिहासिक शहर है, यहां के नवाब टैंक, भूरागढ़, रनगढ़ व कालिंजर किला का विशेष स्थान है।
विभाग विकसित किए जाने वाले छह स्थलों में पहुंच मार्ग से लेकर, सोलराइजेशन, बैठने के लिए बेंच, शौचालय, बहुउद्देशीय हाल आदि का निर्माण करवाएगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
6 पर्यटन स्थलों का होगा विकास
जिले के विभिन्न पर्यटन स्थलों से विशेष पहचान है, लेकिन कुछ धार्मिक स्थल हैं, जिनकी ख्याति तो विश्व स्तर की है, लेकिन वहां पर सुविधाओं का अभाव में पहचान धूमिल होती जा रही थी। महाभारत के रचनाकार महर्षि वेदव्यास की जन्म स्थली बसधरी को विश्व पटल पर जाना जाता है। हालांकि सुविधाओं के अभाव में यहां पर कोई जाना भी नहीं पसंद कर रहा है।
यही हाल यहां के कुछ अन्य पर्यटन स्थलों का है। जनप्रतिनिधियों के प्रयास से जिले के छह धार्मिक स्थलों जिसमें पैलानी तहसील के लसड़ा के बसधरी स्थित ऋषि वेदव्यास की जन्मस्थली, तिंदवारी के कुरसेजा धाम, नरैनी रनगढ़ किला व नरैनी के बदौसा के सिद्धपीठ कारूबाबा, बबेरू के मुंडवारा स्थित भादेबाबा, बड़ोखर खुर्द स्थित सिद्धबाबा आदि स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना है। जिसकी स्वीकृति शासन से मिल गयी है। विकसित होने के बाद पर्यटकों का आर्कषण बढ़ेगा।
पैलानी के लसड़ा गांव स्थित वेदव्यास की जन्म स्थली वसुधरी का हाेगा कायाकल्प
पैलानी तहसील के ग्राम पंचायत लसड़ा के बसधरी स्थित ऋषि वेदव्यास की जन्मस्थली के सुंदरीकरण के साथ पर्यटक सुविधाओं का विकास 127.08 लाख रुपये से किया जाएगा। यहां पर प्रागंण की मरम्मत आदि के साथ बहुउद्देशीय हाल, आरामदायक बेंच, सोलर लाइटें, महिला व पुरुष के लिए अगल-अलग शौचालय ब्लाक आदि का निर्माण किया जाएगा।
अभी यहां पर महज एक छोटी से स्मृतिका लगी हुई है। इसके अलावा ऐसे विश्व विख्यात ऋषि की जन्म स्थली में कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है। इस विरान स्थान पर विकास होने से पर्यटकाें की आवक भी बढ़ेगी। ऐसा नहीं है कि यहां कोई न आता हो, यहां पर शोध छात्रा से लेकर देश-विदेश के सैलानी आते हैं, पर सुविधाएं न होने से अब इनकी आमद बेहद कम हो गयी है।
49.88 लाख रुपये से होगा कुरसेजा धाम का सुंदरीकरण
बांदा शहर से करीब 13 किलोमीटर दूर बांदा-टांडा नेशनल हाईवे किनारे स्थित है। हाईवे किनारे स्थित होने के चलते आवागमन में सुविधा रहती है। यहां श्रद्धालुओं का प्रतिदिन आना जाना बना रहता है। यहां पर वर्ष भर कन्याभोज भंडारे आदि के कार्यक्रम होते रहते हैं।
कुरसेजा धाम में दिसंबर माह में लगने वाले मेले व भंडारे में जिले के ही नहीं बल्कि देश के कई प्रदेशों से श्रद्धालु यहां आते हैं। यहां पर मंदिर मात्र था, लेकिन इधर कुछ वर्षों से इस धार्मिक स्थल का धीरे-धीरे विकास हो रहा है। यहां पर विभिन्न कार्यक्रम वर्ष भर होते रहते हैं। कुरसेजा धााम को 49.88 लाख रुपये से सोलर लाइट, बेंच व महिला पुरुष के लिए टायलेट ब्लाक बनाया जाना है।
ऐतिहासिक किले रनगढ़ पहुंचना होगा आसान
नरैनी का रनगढ़ किला केन नदी के बीच, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित एक ऐतिहासिक किला है, जो भारत का एकमात्र जलीय किला माना जाता है। यह किला गौरशिवपुर गांव के पास नदी की धारा में स्थित चट्टानों पर बना हुआ है। इसे 18वीं सदी में चरखारी नरेश ने रिसौरा रियासत की रखवाली के लिए बनाया था।
इसे पुरातत्व विभाग ने संरक्षण में लिया है। यहां का पहुंच मार्ग बेहद जर्जर हालत में हैं। इसमें चलना मुश्किल हो रहा है। रनगढ़ किले के पहुंच मार्ग समेत बेंच, सोलर लाइट आदि का निर्माण प्रस्तावित है। इनके बनने से यहां पर्यटकाें संख्या में इजाफा होगा।
नरैनी स्थित कारूबाबा धार्मिक स्थल में होगा सुंदरीकरण
नरैनी तहसील में बदौसा के पास बागै नदी के किनारे स्थित कारूबाबा धार्मिक स्थल की पहचान क्षेत्र के अलावा आसपास के जिलों में है। यहां पर श्रद्धालुओं का वर्ष भर लगा रहता है। जिले से जुड़े एमपी के श्रद्धालुओं की आमद वर्ष भर बनी रहती है। मन्नत पूरी होने पर यहां कन्या भोज व भंडारे के आयोजन करते हैं।
कारूबाबा सिद्धपीठ में लगने वाले मेले में कई जिलों के श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता है। इस धार्मिक स्थल का सुंदरीकरण 108.90 लाख रुपये से किया जाना है। यहां पर पहुंच मार्ग, मुख्य द्वार, इंटरलाकिंग, बेंच, सोलराइजेशन, शेड, शौचालय आदि का निर्माण किया जाना है।
दुधिया रोशनी से बढ़ेगी भादेबाबा की सुंदरता
बबेरू तहसील के मुंडवारा गांव में यमुना नदी किनारे स्थित भादेबाबा धार्मिक स्थल का कायाकल्प किया जाएगा। आसपास के क्षेत्र के श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र भादेबाबा स्थान पर सोलर लाइटों की दुधिया से रोशनी से जगमगा उठेगा। यहां सुविधाओं के अभाव में श्रद्धालुओं को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब यहां पर 86.20 लाख रुपये की लागत से पर्यटन विभाग बहुउद्देशीय हाल, बेंच व टायलेट ब्लाक का निर्माण करवाएगा। इससे श्रद्धालुओं को होने वाली परेशानियों से निजात मिलेगी।
सिद्धबाबा में विकसित हो ठहरने की सुविधा
शहर से सटे बड़ोखर खुर्द स्थित सिद्धबाबा धार्मिक स्थल में जिले के अलावा अन्य दूसरे जिले व मध्य प्रदेश के श्रद्धालुओं का आवागमन वर्ष भर बना रहता है। इस धार्मिक स्थल में अभी सुविधाएं न होने के बावजूद भी श्रद्धालु विशेष अनुष्ठानाें व पर्व पर आते हैं। लेकिन जब सुविधाएं बढ़ेगीं तो यहां पर भीड़ रहेगी। इस स्थल की सुंदरीकरण के लिए शासन ने 92.30 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृति दी है। यहां पर बहुउद्देशीय हाल, बेंच व टायलेट ब्लाक व सोलर लाइटें स्थापित की जानी हैं।
1980.43 लाख रुपये की छह परियोजनाओं को विकसित किया जाना है। इसकी स्वीकृति मिली है। जल्द ही यहां की सुविधाएं मिलेंगी। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अनुपम श्रीवास्तव, श्रेत्रीय पर्यटन अधिकारी
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