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    मौरंग का अवैध खनन व ओवरलोडिंग का खेल, एसटीएफ के निशाने पर बांदा के लाल सोने के कारोबारी

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 05:50 PM (IST)

    बांदा में मौरंग के अवैध खनन और ओवरलोडिंग में लिप्त लाल सोने के कारोबारी अब एसटीएफ के रडार पर हैं। एसटीएफ जल्द ही इन कारोबारियों पर शिकंजा कस सकती है, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। माना जा रहा है कि इस कार्रवाई से अवैध खनन पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा।

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    जागरण संवाददाता, बांदा। ओवरलोडिंग काे लेकर फतेहपुर, रायबरेली व हमीरपुर में कार्रवाई के बाद अब बांदा के मौरंग कारोबारी व लोकेटरों पर एसटीएफ की टेढ़ी नजर है। यहां भी कार्रवाई के बादल मंडरा रहे हैं। बीते दिनों से ओवरलोडिंग को लेकर हुई कार्रवाइयों के चलते मौरंग कारोबारियों, लोकेटरों व इस कारोबार से जुड़े लोगों में खलली मची है।

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    मौरंग खनन व ओवरलोडिंग में बांदा को गढ़ माना जाता है। जिले की खदानों के अलावा एमपी की खदानों से मौरंग लेकर हजारों की संख्या में यहां से ओवरलोड ट्रकों की धमाचौकड़ी होती है। इसमें लोकेटरों की अहम भूमिका होती है। सूत्रों की माने तो एसटीएफ की एक टीम ने जिले में डेरा डाल दिया है। हालांकि मौरंग कारोबारी व लोकेटर भी इन दिनों फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।


    जिले भर में वैध रूप से नौ व कई अवैध मौरंग खदानों समेत एमपी की खदानों से प्रतिदिन करीब तीन से चार हजार ओवरलोड ट्रक मौरंग लेकर परिवहन करते हैं। यह बात अलग है कि कार्रवाई के भय से इन दिनों रात में ही अंडरलोड परिवहन कर रहे हैं। दिन में इन ट्रकों का आवागमन ठप है। दरअसल बीते दिनों से ओवरलोडिंग के विरुद्ध चल रही कार्रवाई में जिले के लाल सोने के काले कारोबार से जुड़े कारोबारी व लोकेटर आदि हर कदम पर सावधानी बरत रहे हैं।

     

    हमीरपुर में एसटीएफ की कार्रवाई के बाद जिले में भी कार्रवाई के बादल मंडरा रहे हैं। सूत्रों की माने तो यहां भी एक एसटीएफ की टीम ने डेरा डाल दिया है। हालांकि इसकी भनक कारोबारियों को लग चुकी है। इससे इन दिनों लोकेटर अंडरग्राउंड हो गए हैं और मौरंग का कारोबार अब अंडरलोड ट्रकों से रात में होने लगा है। हालांकि यह चंद दिनों तक ही चलेगा। इसके बाद फिर वहीं ओवरलोडिंग का पुराना ढर्रा अपनाया जाने लगेगा। क्योंकि ओवरलोडिंग रोकने के लिए बनाए गए नियमों का तोड़ कारोबारियों के पास पहले से आ जाता है।

    सीसीटीवी व धर्मकांटा समेत चेकपोस्ट हुए फेल

    अवैध खनन व ओवरलोडिंग रोकने के लिए सीसीटीवी लगाने व धर्मकांटा स्थापित किए जाने के नियम पुराने हो चले हैं। अब नए नियम में ट्रकों में जीपीएस सिस्टम इंस्टाल किया जा रहा है। ताकि इसकी मानिटरिंग की जा सके। लेकिन यह प्रभावी रहेगी या नहीं कुछ कहा नहीं जा सकता। यदि सख्ती ट्रकों के बजाय मौरंग खदानों में दिखाई जाए तो शायद सार्थक परिणाम निकल सके। क्योंकि यह ओवरलोड ट्रक मौरंग खदानों से सीसीटीवी व धर्मकांटा से होकर गुजरते हैं। लेकिन वहां पर यह नियम तार-तार हो रहे हैं। प्रशासन के नियमों को तोड़ने में माहिर मौरंग माफिया ने सीसीटीवी व धर्मकांटा के नियम का भी काट निकाला है। यहां के सीसीटीवी कैमरे बंद रखे जाते हैं। धर्मकांटा से ओवरलोड मौरंग भरे ट्रकों को निकाला जाता है लेकिन उनका धर्मकांटा भी बंद रहता है।

     


    ओवरलोडिंग आदि को लेकर कार्रवाइयां की जा रही हैं। एसटीएफ के जिले में होने आदि की जानकारी नहीं है। खदानों में कैमरे व धर्मकांटा आदि चेक किए गए हैं।
    राज रंजन, जिला खनिज अधिकारी, बांदा

     

     

    इस समय सभी ट्रक अपने जायज प्रपत्र के साथ अंडरलोडिंग कर निकल रहे हैं। जांच की जा रही है, इनमें अभी कोई गड़बड़ी या अवैध परिवहन ओवरलोड आदि नहीं पाया जा रहा है। श्यामलाल, सहायक संभागीय अधिकारी, बांदा