पुलिस 13 साल से कर रही थी तलाश, पप्पू बनकर पुणे में रह रहा था बदमाश… एक गलती से पकड़ा गया इनामी
13 साल से फरार एक लाख का इनामी हत्यारोपी संदीप मिश्रा बांदा में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार हो गया। वह पुणे में पप्पू तिवारी बनकर रह रहा था। बेटे की शादी ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बांदा। मटौंध थाना के भूरागढ़ गांव के पास शुक्रवार रात मुठभेड़ में गिरफ्तार हुआ एक लाख का इनामी पुणे में अपना व पत्नी का नाम बदलकर रहता रहा है। बेटे की शादी तय हुई और उसने जैसे ही अपने स्वजन से बात की तो ताक में बैठी पुलिस ने उसका नंबर ट्रैस कर लिया और लोकेशन मिलने के बाद वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया।
चित्रकूट जनपद के ग्राम खोह निवासी 49 वर्षीय संदीप मिश्रा पुत्र शिव औतार वर्ष 2012 में मंडल कारागार में हत्या के मामले में निरुद्ध हुआ था। हत्यारोपित बंदी संदीप समेत 20 बंदियों को आठ अगस्त 2012 में पुलिस कर्वी न्यायालय से पेशी के बाद कैदी वाहन से मंडल कारागार बांदा ले जा रही थी।
अतर्रा थाना के गड़रा नाला मोड़ सांई मंदिर के पास कैदी वाहन में बैठे बंदियों ने आंखों में मिर्ची पाउडर डालकर एक पुलिस कर्मी की सरकारी राइफल लूट ली थी। बाद में दस्यु सरगना ददुआ गैंग के सदस्य छोटू कोल उर्फ पिंटू निवासी ग्राम चौंंरहा मानिकपुर चित्रकूट व हत्यारोपित संदीप समेत 13 बंदी फरार हो गए थे।
घटना के बाद एसटीएफ स्पेशल टास्क फोर्स व स्थानीय पुलिस ने 2015 तक दस्यु गैंग के सदस्य छोटू कोल समेत फरार 12 बंदियों को पकड़ कर दोबारा जेल भेज दिया था। दस्यु गैंग का सदस्य छोटू अभी भी मंडल कारागार में है। एक लाख का इनामी बंदी हत्यारोपित संदीप फरार होने के बाद किसी के हाथ नहीं लगा था, जिसके चलते उसके ऊपर एडीजी जोन ने स्तर से इनाम घोषित किया गया था।
सूत्रों की मानें तो वह पुणे में अपना नाम पप्पू तिवारी व पत्नी का नाम पूजा रखकर अपनी पहचान छिपाते हुए पुलिस से बच रहा था। पुलिस लगातार इसके घर में आने- जाने वालों की टोह ले रही थी। इधर बेटे राजन की शादी तय हुई तो इसने घर में फोन किया था।
फोन करने की बात पुलिस को मालूम चली तो पुलिस ने इसके नंबर को सर्विलांस में डाल दिया। लोकेशन मिलने के बाद इसके बारे में पूरी जानकारी हो गई थी। संदीप को पकड़ने के लिए पुलिस गोपनीय तरीके से पुणे गई थी।
पुलिस को पता चला कि वहां वह जगह बदल-बदल कर 13 वर्षों से रह रहा है। पुलिस ने उसकी फोटो देखी तो इनामी हत्यारोपित की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस की गठित तीन टीमें उसकी सुरागरसी में जुट गई।
पुलिस के मुताबिक जो कहानी सामने लाई गई उसमें बीते सप्ताह शुक्रवार रात मटौंध थाना निरीक्षक संदीप सिंह व एसओजी प्रभारी आनंद सिंह की संयुक्त टीम ने भूरागढ़ बाईपास सोना मौंरग खदान में बैठकर शराब पीते समय संदीप को पकड़ा है।
बताते हैं कि संदीप ने पुलिस पर फायरिंग का प्रयास किया तो उसके साथ मुठभेड़ भी हुई है। मुठभेड़ के दौरान संपदीप के दाहिने पैर में गोली लगी है। उसे शनिवार को 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।
लूटी गई रायफल अभी भी रहस्य
पुलिस कर्मियों से लूटी गई सरकारी राइफल कहां है? अभी यह सवाल पहेली है। संदीप पुलिस को रायफल के बारे में कुछ नहीं बता रहा है। पुलिस व एसटीएफ इस गुत्थी को नहीं सुलझा पा रही है। हालांकि पुलिस अभी राइफल को बरामद करने के प्रयास में जुटी है।
एएसपी शिवराज ने बताया कि राइफल को भी बरामद करने के लिए पुलिस टीमें काम कर रही हैं। यह बात सही है कि वह पुणे में नाम बदलकर रह रहा था। जिसकी वजह से वह अभी तक बचता रहा है। संदीप से कई बार लूटी गई रायफल के बारे में जानकारी ली गई है, लेकिन वह कुछ बता नहीं रहा है। जल्द ही रायफल के बारे में भी कड़ाई से पूछताछ होगी उसके बाद रायफल भी बरामद की जाएगी।

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