'ऐसी कीमत चुकानी पड़ेगी, जो पीढ़ियां याद करेंगी', मंच से सीएम योगी ने किसे दी चेतावनी?
बलरामपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1997 से 2017 तक यह क्षेत्र उपेक्षित रहा लेकिन पिछले 11 वर्षों में विकास तेजी से हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी कि विकास में बाधा डालने वालों को भारी कीमत चुकानी होगी। बलरामपुर जिसे कभी सबसे गरीब जिला माना जाता था अब विकास के पथ पर अग्रसर है। यहाँ मेडिकल कॉलेज और माँ पाटेश्वरी विश्वविद्यालय शुरू हो चुके हैं।

श्लोक मिश्र, बलरामपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि सीमा से सटा बलरामपुर जनपद वर्ष 1997 से 2017 तक उपेक्षित रहा। पिछले 11 वर्षों में डबल इंजन की सरकार बिना भेदभाव के योजना का लाभ देने के साथ विकास तेजी से कर रही है। वहीं कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें विकास अच्छा नहीं लगता। वह उत्सव व उमंग के माहौल में उपद्रव चाहते हैं। उन्हें चेतावनी देने आया हूं कि अगर विकास में बाधा बने, तो यही विकास उनके लिए विनाश का कारण बन जाएगा। उपद्रव करने की उन्हें ऐसी कीमत चुकानी पड़ेगी, जो उनकी पीढ़ियां याद करेंगी।
सीएम ने कहा कि देश के सबसे गरीब जिले के रूप में बलरामपुर की गणना होती थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को बलरामपुर के लोगों ने चुनकर पहली बार संसद भेजा। यह मां पाटेश्वरी का पावन धाम व कर्मऋषि नानाजी देशमुख की कर्मभूमि है। बलरामपुर स्टेट के रचनात्मक कार्यों का साक्षी है। डबल इंजन सरकार ने बिना भेदभाव के गरीबों, किसानों, श्रमिकों, महिलाओं व युवाओं को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया है। आज बलरामपुर विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है।
मेडिकल कॉलेज संचालन की तैयारी पूरी
सीएम ने कहा कि बलरामपुर में मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय शुरू हो चुका है। यहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के नाम पर चिकित्सा महाविद्यालय के संचालन के लिए सरकार ने पूर्ण व्यवस्था कर दी है। पचपेड़वा के इमिलिया कोड़र में थारुओं की संस्कृति सहेजने के लिए संग्रहालय का निर्माण पूरा हो चुका है। आज राजकीय पालीटेक्निक का लोकार्पण किया है। अब जल्द ही देवीपाटन मंडल में एक स्पोर्ट्स कालेज भी देंगे।
सपा व कांग्रेस पर कसा तंज
सीएम ने कहा कि जो लोग यह समझते हैं कि अराजकता फैलाना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है, वह गलतफहमी दूर कर लें। सपा व कांग्रेस के राज में उपद्रवी आगजनी करते थे, बेटियों की इज्जत में सेंध लगाते थे, व्यापारियों के प्रतिष्ठानों में आग लगाते थे। वह समय चला गया। अब अगर ऐसा कुत्सित प्रयास किया, तो रास्ता सीधे नरक में जाने का होगा। मतांतरण पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जलालुद्दीन उर्फ छांगुर ने अपने नाम के आगे बाबा लिखकर हिंदू धर्म के लोगों की आंखों में धूल झोंका। आज वह जेल की सलाखों के पीछे है। ऐसे लोगों के पाप का घड़ा भरेगा, तो धरती माता बर्दाश्त नहीं कर पाएगी। हमें ऐसे कालनैमियों से सतर्क रहना होगा।
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