Updated: Thu, 18 Sep 2025 07:24 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट के TET उत्तीर्ण करने के आदेश से शिक्षकों में बेचैनी है। शिक्षक संघ ने सांसद से मिलकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा जिसमें TET अनिवार्यता पर पुनर्विचार की मांग की गई। उनका कहना है कि इससे लाखों शिक्षक प्रभावित होंगे क्योंकि कई शिक्षक NCTE की गाइडलाइन के अनुसार योग्य नहीं हैं और पुराने शिक्षक निर्धारित आयु सीमा से अधिक हैं। उन्होंने अध्यादेश लाकर संशोधन की मांग की है।
जागरण संवाददाता, बलरामपुर। दो वर्ष के भी शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों में बेचैनी है। इस मुद्दे को लेकर उप्र जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल ने सांसद श्रावस्ती राम शिरोमणि वर्मा से मुलाकात की।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित पांच सूत्री ज्ञापन देकर इस आदेश पर पुनर्विचार कर संशोधित करने की मांग की है। संघ के जिलाध्यक्ष कमरुद्दीन अंसारी ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में लाना उचित नहीं है।
इस निर्णय से देश के लगभग 40 लाख व सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही लगभग चार लाख शिक्षक और उनके परिवार प्रभावित होंगे। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की गाइडइन एवं अधिसूचना के अनुसार कोई भी सेवारत शिक्षक शिक्षक पात्रता परीक्षा देने के लिए शर्तों को पूर्ण न करने के कारण योग्य भी नहीं है।
इसलिए अनुरोध है कि देश के शिक्षकों व उनके परिवारों को बचाने के लिए अधिसूचना एवं शिक्षा अधिकार अधिनियम के प्रभावी होने की तिथि से पूर्व तत्समय निर्धारित योग्यता एवं सेवा शतों पर नियुक्त बेसिक शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा न दिए जाने के लिए अध्यादेश लाकर संशोधित किया जाए।
जिला महामंत्री ब्रजेश कुमार चौधरी ने कहा कि टीईटी में प्रतिभाग के लिए योग्यता स्नातक एवं बीएड या बीटीसी का प्रशिक्षण आवश्यक है, जबकि वर्ष 2001 से पूर्व नियुक्त बेसिक शिक्षक इंटरमीडिएट एवं बीटीसी प्रशिक्षण योग्यताधारी है।
टीईटी में प्रतिभाग वाले अभ्यर्थियों की आयु सीमा 40 वर्ष निर्धारित है, जबकि एनसीटीई अधिसूचना एवं शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू होने से पूर्व नियुक्त समस्त बेसिक शिक्षक निर्धारित आयु सीमा से अधिक उम्र के हैं। कोषाध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि बीपीएड योग्यताधारी शिक्षक भी टीईटी में प्रतिभाग नहीं कर सकते।
मृतक आश्रित के रूप में नियुक्त शिक्षक 31 दिसंबर 1999 तक प्रशिक्षण योग्यता से शासन द्वारा प्रशिक्षण मुक्त हैं। विभाग एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2018 से बेसिक शिक्षक की योग्यता बीटीसी, डीएलएड निर्धारित की गई है, जबकि इससे पूर्व नियुक्त बीएड बेसिक शिक्षक भी टीईटी में आवेदन नहीं कर पाएंगे।
मंडलीय महामंत्री अरुण कुमार यादव, जिलाध्यक्ष श्रावस्ती राम नरेश यादव, जिला महामंत्री श्रावस्ती मुनव्वर मिर्जा, मंडली मंत्री रामकरन चौधरी आदि मौजूद रहे।
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