नेपाल की जेल से फरार कैदियों की घुसपैठ की आशंका, निगरानी के लिए सीमा पर SSB के साथ 400 सुरक्षाकर्मी तैनात
बलरामपुर में नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ाई गई। नेपाल में हिंसा के बाद स्थिति सामान्य हो रही है जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है। सीमा पर एसएसबी और पुलिस की संयुक्त टीम निगरानी कर रही है। नेपाल से आने-जाने वालों की पहचान की जा रही है। जेल से भागे कैदियों की घुसपैठ रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये गए हैं।

अमित श्रीवास्तव, बलरामपुर। नेपाल में भड़की हिंसा धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है। शुक्रवार से सिद्धार्थनगर की बढ़नी सीमा से मालवाहक वाहनों को नेपाल में प्रवेश की छूट मिलने से सभी ने राहत की सांस ली है। नेपाल के लोगों को अब खाने का सामान मिलने लगेगा। दूसरी तरफ हिंसा के दौरान जेल से भागे कैदियों के भारत में घुसपैठ को लेकर सीमा पर निगरानी और बढ़ा दी गई है। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के साथ 400 अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी सीमा पर तैनात किए गए हैं, जो सीमा की निगरानी कर रहे हैं। जरवा के कोयलाबास चेकपोस्ट पर सघन तलाशी के बाद ही लोगाें को आने जाने दिया जा रहा है।
जिले की करीब 85 किमी सीमा नेपाल से लगी है। खुली सीमा की निगरानी के लिए एसएसबी तैनात है। नेपाल में हिंसा के बाद से सीमा पर एसएसबी, पुलिस के साथ पीएसी ने भी मोर्चा संभाल लिया। संयुक्त टीम जंगल और नेपाल को जाने वाली पगडंडियों पर पहरेदारी कर रही है। नेपाल से आने और जाने वालों की आईडी जांच के बाद ही अनुमति दी जा रही है। नेपाल में पांचवें दिन स्थिति में सुधार होने से दोनों देश के लोगों को राहत मिली है। नगर के तुलसीपार्क निवासी विनय कुमार पांडेय ने बताया कि नेपाल के भैरहवा व नवलपरासी में दो भाई रहते हैं।
शुक्रवार को सुबह फोन पर बताया कि उम्मीद है कि दो-तीन दिन में सब कुछ सामान्य हो जाएगा। यदि न होता तो खाने को कुछ नहीं बचता। पहलवारा निवासी राजेंद्र गुप्त ने बताया कि उनके बहनोई मेवालाल गुप्त चंदरौटा में रहते हैं। हिंसा के बाद से रोज बात होती है। मालवाहक वाहनों को छूट मिलने से अब सब्जी, फल व अन्य खाद्य सामग्री आसानी से मिलने लगेगी। यह दोनों देशों के लिए अच्छा है।
सीमा पर पहरेदारी सख्त कर दी गई है। नेपाल के जेलों से फरार कैदी जिले की सीमा में घुसपैठ न कर पाएं, इसके लिए सीमा पर 400 अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। हालांकि अब तक किसी नेपाली कैदी की धरपकड़ नहीं की गई है। एसएसबी के साथ पांचों सीमावर्ती थानों की पुलिस व गांवों में ग्राम सुरक्षा समितियां भी सतर्क हैं। - विकास कुमार, पुलिस अधीक्षक
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