Updated: Thu, 11 Sep 2025 05:21 PM (IST)
नेपाल में अशांति के कारण भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा बाधित हुई है जिससे उत्तर प्रदेश रोडवेज को भारी नुकसान हो रहा है। देवीपाटन मंडल और बढ़नी बॉर्डर से संचालित होने वाली कई बसें प्रभावित हैं जिसके चलते प्रतिदिन लगभग पांच लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। अब तक रोडवेज को 25 लाख रुपये की चपत लग चुकी है जिससे अधिकारियों में चिंता है।
संवाद सूत्र, गोंडा। नेपाल हिंसा से यहां रोडवेज की कमाई को भी झटका लगा है। भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा के तहत देवीपाटन मंडल से 15 बसें नेपाल के नेपालगंज व 20 से अधिक बसें बढ़नी बार्डर से लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली समेत अन्य शहरों के लिए चलती थीं, जिनका संचालन फिलहाल प्रभावित है। तीन-चार बसें ही चल रही हैं, जिससे प्रतिदिन पांच लाख रुपये की चपत लग रही है। अब तक लगभग 25 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है।
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नेपाल में सात सितंबर से शुरू हुए आंदोलन से ही वहां से निकलने यात्रियों की संख्या कम होने लगी थी। नेपाल-भारत मैत्री सेवा के तहत देवीपाटन मंडल के रुपईडीहा रोडवेज डिपो नेपाल के नेपालगंज में नेपाल बस पार्क से लखनऊ व दिल्ली, जयपुर के लिए सीधी 15 बस सेवाएं संचालित करता है। इनके जरिए नेपाली हरिद्वार, वाराणसी जयपुर, दिल्ली, लखनऊ, कानपुर समेत अन्य महानगरों की ओर जाते थे।
दस दिन पहले तक नेपालगंज से प्रतिदिन चार रोडवेज बसें हरिद्वार, एक ऋषिकेश व पांच बसें दिल्ली के लिए निकलती थीं। इनके अलावा जयपुर, अजमेर के लिए पांच बसें चलती थीं। आंदोलन शुरू हुआ तो यात्री घटते चले गए। अब मात्र दो बसे दिल्ली व एक-एक बस हरिद्वार व जयपुर जा रहीं हैं। बाकी अन्य बसें यात्री न मिलने से बंद हैं। आंदोलन के बाद शुरू हुए उपद्रव से भारत-नेपाल बार्डर बंद कर दिया गया, जिसके बाद बढ़नी से विभिन्न शहरों के लिए चलने वाली बस सेवाएं प्रभावित हो गईं। बलरामपुर डिपो से चार बसें बढ़नी-कानपुर के लिए चलती थीं।
इनके अलावा गोरखपुर, बस्ती, शोहरतगढ़ समेत अन्य 15 बसें चलती थीं, जिनसे नेपाली लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी, जयपुर समेत अन्य शहरों के लिए जाते थे लेकिन इक्का दुक्का चल रही है। इससे रोडवेज प्रतिदिन पांच लाख का नुकसान उठाना पड़ रहा है। अब तक लगभग 25 लाख रुपये की चपत लग चुकी है।
नेपालगंज से 15 रोडवेज बसें दिल्ली, जयपुर समेत विभिन्न स्थानों के लिए चलती थी,जो अब बंद है इससे रुपईडीहा डिपो को ही 15 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। यही नहीं बार्डर बंद होने से बलरामपुर डिपो को अकेले पांच लाख व सिद्धार्थनगर,गोरखपुर,बस्ती समेत अन्य डिपो को भी पांच लाख का नुकसान हुआ है। रुपईडीहा व बलरामपुर के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों से मिली नुकसान की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है। -अरविंद कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, रोडवेज
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