छांगुर और सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद बलरामपुर में प्लाटिंग की जांच शुरू, 25 जुलाई तक मांगी गई रिपोर्ट
बलरामपुर के उतरौला में अवैध मतांतरण मामले में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर की गिरफ्तारी के बाद प्रशासन सख्त हो गया है। छांगुर और उसके साथियों द्वारा की गई अवैध प्लाटिंग की जांच शुरू कर दी गई है। राजस्व निरीक्षकों और लेखपालों को 25 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। उपजिलाधिकारी ने बताया कि कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग से भविष्य में दिक्कतें आएंगी इसलिए सत्यापन जरूरी है।

संवाद सूत्र, उतरौला (बलरामपुर)। मधपुर में अवैध मतांतरण का गिरोह चलाने वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर व सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद से जांच तेज हो गई है। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छांगुर से लेनदेने करने वालों से पूछताछ और साक्ष्य लेने के बाद अब स्थानीय प्रशासन ने भी प्लाटिंग करने वालों की जांच शुरू कर दी है। इसमें छांगुर के अलावा उतरौला नगर व आसपास के गांवों में जमीन खरीद कर प्लाटिंग करने वालों की कुंडली खंगाली जा रही है। इसमें नियम विरुद्ध व कृषि भूमि पर हो रहे प्लाटिंग को देखा जाएगा।
सभी राजस्व निरीक्षकों व लेखपालों को अपने-अपने क्षेत्र में हो रही प्लाटिंग की जमीनों की वास्तविक स्थिति जानने का निर्देश दिया है। यह जांच 25 जुलाई तक पूरी कर रिपोर्ट मांगी गई है। हालांकि, प्रशासन इसे सामान्य जांच बता रहा है।
हिंदू युवतियों को मतांतरित कर विदेशी फंडिंग से करोड़ों की संपत्ति बनाने वाले छांगुर व उसके सहयोगी नीतू, नवीन ने जमीन में निवेश कर रहे थे। उतरौला नगर, मधपुर में जमीन खरीदने के साथ प्लाटिंग कर रहा था। इसकी तह तक जाने के लिए कई एजेंसियां जांच में जुटी है। एजेंसियों की जांच में कुछ बड़ा खेल न सामने आ जाए। इसी आशंका में स्थानीय प्रशासन ने प्लाटिंग करने वालों की जमीन की पड़ताल शुरू कर दिया है।
राजस्व कर्मी नगर पालिका व कई गांवों में कुछ व्यक्तियों द्वारा बिना मानक पूरा किए ,अवैध प्लाटिंग का कार्य कर रहे हैं। जो विधि विरुद्ध होने के साथ ही सरकार की मंशा के अनुरूप नहीं है। राजस्व निरीक्षक व लेखपाल अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण कर हो रही समस्त प्लाटिंग के संबंध में भूमि की प्रकृति, आकार पत्र 41 व 45 में स्वामित्व, 1359 फसली खसरा में स्वामित्व एवं प्रकृति धारा 80 की स्थिति और नक्शा स्वीकृति आदि बिंदुओं की जांच करेंगे। कोई भी प्लाटिंग अगर विधि विरुद्ध पाई जाती है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई करने के साथ आख्या मांगी गई है।
उपजिलाधिकारी सत्यपाल प्रजापति ने बताया कि तहसील क्षेत्र के तमाम स्थानों पर ऐसा पाया गया है कि कृषि भूमि पर तमाम नियमों को दरकिनार कर आवासीय प्लाट बेचा जा रहा है। ऐसे में भविष्य में उन नव विकसित आवासीय क्षेत्र में संसाधन मुहैया कराना मुश्किल होगा। नाली सड़क खड़ंजा पानी व बिजली की व्यवस्था करने में विवाद पैदा होगा। ऐसी स्थिति में सत्यापन जरूरी है। यह सामान्य प्रक्रिया है।
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