Fasal Bima Yojana: बलरामपुर में महज 23 हजार किसानों ने ही कराया अपनी फसल का बीमा, क्यों आगे नहीं आ रहे किसान?
बलरामपुर में प्राकृतिक आपदाओं से फसलें बर्बाद होने पर किसानों को भारी नुकसान होता है लेकिन फसल बीमा कराने वाले किसानों को कुछ राहत मिलती है। जागरूकता की कमी के कारण कई किसान बीमा नहीं कराते हैं। 2025-26 में 48156 किसानों ने आवेदन किया था जिनमें से केवल 23313 का ही बीमा हुआ।

जागरण संवाददाता, बलरामपुर। बिन मौसम बारसात, ओलाब्रिष्ट, बाढ़ समेत अन्य दैवी आपदा में फसल बर्बाद होने पर किसानों की मेहनत और पूंजी दोनों डूब जाती है। किसानों को फसल की लागत भी नहीं मिलती है। ऐसे में फसल बीमा कराने वाले किसानों का नुकसान कम होता है। प्रचार-प्रसार के अभाव में किसान फसल का बीमा कम कराते हैं। फसल बीमा को लेकर विभागीय अधिकारी गोष्ठियों में जागरूक करने का दावा करते हैं। 2025-26 में 48156 किसानों ने आवेदन किया था। इसमें से सिर्फ 23,313 किसानों की फसलों का बीमा हुआ। बताते हैं बाकी किसानों ने समय से किस्त जमा नहीं की।
जिले में 3,20,000 किसान है। धान की खेती का लक्ष्य 118303 हेक्टेयर लक्ष्य मिला था। धान की रोपाई 99,789 हेक्टेयर क्षेत्रफल में की गई। जो लक्ष्य से कम है। धान की खेती करने वाले सभी किसानों ने अपनी फसल का बीमा नहीं कराया है। 2024-25 में 32032 किसानों ने फसल का बीमा कराने के लिए आवेदन किया। इसमें से बीमा 15926 किसानों के फसल का बीमा हुआ। इसमें से फसल खराब होने पर सिर्फ 1810 किसानों को बीमा का लाभ मिला। इसी तरह रवी फसलों का बीमा कराने के लिए 11258 किसानों ने आवेदन किया। इसमें 5245 किसानों का बीमा हुआ। अभी तक इसमें कितने किसानों की फसल खराब होने पर लाभ मिला यह आंकड़ा विभाग को उपलब्ध नहीं कराया गया है।
जिन किसानाें का बैंक खाता में लेन-देन अच्छा नहीं होता है। उनकी फसल के बीमा की किस्त बैंक नहीं जमा करता है। इसलिए संख्या कम हो जाती है। बीमा करने वाली कंपनी को तीन वर्ष में बदल देने के कारण आंकड़ा मिलने में भी दिक्कत होती है। फसल बीमा के लिए किसानों को जागरूक किया जाता है। पिछले वर्ष 83,82,320 रुपये का किसानों को कंपनी ने भुगतान किया था। - उपेंद्र नाथ खरवार, प्रभारी जिलाधिकारी
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