ओम प्रकाश राजभर के फिर बिगड़े बोल, कहा- हनुमान जी राजभर जाति के थे, अहिरावण वध का दिया तर्क
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बलिया के चितबड़ागांव में एक कार्यक्रम में हनुमान जी को राजभर जाति का बताया और कहा कि अभी भी लोग राजभरों को भर (बानर) कहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 22 साल बाद हम लोग सुहेलदेव को बाहर लेकर आए हैं। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

संवाद सूत्र, बलिया। समाज कल्याण और पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर इन दिनों अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। गाजीपुर में जहां ठेकेदारों को गाली देते हुए उनका वीडियो इंटरनेट पर प्रसारित हो रहा तो वहीं बलिया के चितबड़ागांव में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में उनके बोल फिर बिगड़ गए।
ग्राम पंचायत वसुदेवा में महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा स्थापित करने के लिए भूमि पूजन के पश्चात उन्होंने हनुमान जी को राजभर जाति का बताया। इसको लेकर उन्होंने अहिरावण वध और भगवान श्रीराम-लक्ष्मण को पाताल लोक से छुड़ाने का बाकायदा तथ्य भी दिए। कहा कि अभी भी लोग राजभरों को भर (बानर) कहते हैं। इसी तरह 22 साल बाद हम लोग सुहेलदेव को बाहर लेकर आए हैं।
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पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत
वसुदेवा गांव में काली मंदिर के पास भूमि पूजन का आयोजन ग्राम पंचायत के प्रधान बालेश्वर राजभर द्वारा किया गया था। मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ग्राम पंचायत वसुदेवा पहुंचे। वहां पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने भाजपा सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दिया।
कहा कि प्रदेश सरकार गरीबों, वंचितों व पीड़ितों को न्याय दिलाने तथा उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। समारोह में अरविंद राजभर, मुनीम राजभर, रोहित राजभर, लाल बदन, हीरालाल राजभर, सुभासपा जिलाध्यक्ष सुग्रीव राजभर आदि मौजूद थे।
भृगु की धरती पर महाकुंभ कलश यात्रा का जय-जय
तीर्थराज प्रयागराज में संगम तट महाकुंभ तो 13 जनवरी से आरंभ होगा लेकिन पूर्वांचल की धरा पर अमृत कलश 17 दिसंबर को ही छलक उठा।

दैनिक जागरण की महाकुंभ यात्रा गोरखपुर से शुरू होकर भृगुनगरी की सीमा बेल्थरारोड में शनिवार को सुबह में जैसे ही प्रवेश की, लोगों ने जगह-जगह भव्य स्वागत किया।
यात्रा जिस मार्ग से गुजर रही थी, लोगों का उत्साह भी बढ़ता जा रहा था। 'महाकुंभ चलें, पुण्य फलें' का भाव हर किसी के मन में था। स्वागत में कहीं केशरिया ध्वज लहरा रहा था तो कहीं शंख की ध्वनि के साथ लोगों ने स्वागत किया गया। रसड़ा में पहुंचने के बाद शाम को कलश यात्रा मऊ जनपद की सीमा में प्रवेश कर गई।

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