हरियाणा से आई पांच लाख की मुर्रा, खाती है सेब और चना
जागरण संवाददाता बलिया ददरी मेला के नंदी ग्राम में छठ बाद पशुओं के आने से चहल-पहल बढ़ी

जागरण संवाददाता, बलिया : ददरी मेला के नंदी ग्राम में छठ बाद पशुओं के आने से चहल-पहल बढ़ी है। शुक्रवार की सुबह मेला में पशुओं के साथ हरियाणा के रोहतक की पांच लाख की रानी भैंस (मुर्रा) उतारी गई। वह मेले में आकर्षण का केंद्र बन गई है। व्यापारी ने 18 भैंसों की पहली खेप लाई है। इसमें 1.50 लाख से पांच लाख तक की भैंस हैं। सभी मुर्रा नस्ल की हैं। रानी 25 से 30 लीटर दूध एक समय देती है। उसके साथ एक माह की पड़िया भी है। वाराणसी के कज्जाकपुरा निवासी बाबू यादव ने बताया कि वह हरियाणा से भैंसों को खरीद कर मेले में बेचने के लिए हर साल आते हैं। इस नस्ल को चारा के अलावा सेब, सोयाबीन, भींगा चना व बिनौला पसंद है। इन्हें रबड़ के मैट पर सुलाया जाता है। हरियाणा से सीधे मेला में लेकर आए हैं। इन भैंसों के रख रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसकी लंबाई-चौड़ाई के अलावा उसका थन काफी अच्छा है।
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1.50 लाख की जर्सी गाय, देती 25 लीटर दूध
ददरी मेला के नंदी ग्राम में हर नस्ल के पशु उतरे हैं। गायों में जवहीं निवासी गुड्डू चौबे ने डेढ़-डेढ़ लाख की तीन गाय को अपो पंडाल में रखा हुआ है। एक दर्जन गाय हैं लेकिन यह गाय कृष्ण वर्ण व सींधी वर्ण की हैं। इन गायों को शुद्ध घी व चना दिया जाता है, इससे इन्हें थकान नहीं होती और दूध भी बेहतर होता है।
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5.36 लाख रुपये की हुई आय
नंदी ग्राम से नगर पालिका परिषद को अभी बेहतर आय नहीं आती दिख रही है। दस दिनों में नगर पालिका को 5.36 लाख रुपये की आय हुई है। मेले में इन दिनों खच्चरों की सबसे अधिक बिक्री हो रही है। बिहार के सिवान व खगड़िया से खच्चरों की खेप लगातार उतर रही है। मीरजापुर व सोनभद्र के व्यापारी इसे ज्यादा खरीद रहे हैं। व्यापारी रमेश व सुरेश ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में इनकी ज्यादा उपयोगिता है। वर्तमान समय में एक हजार खच्चर मेला में उतरे हुए हैं।
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