उत्तमनगर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा ग्रीन फील्ड
किस जिले में कितना निर्माण 30.17 किलोमीटर निर्माण गाजीपुर में

किस जिले में कितना निर्माण
30.17 किलोमीटर निर्माण गाजीपुर में
82.54 किलोमीटर निर्माण बलिया में
3.60 किलोमीटर निर्माण छपरा में
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संग्राम सिंह, बलिया : बलिया की लखनऊ और दिल्ली से मजबूत कनेक्टिविटी होने वाली है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे (गाजीपुर-बलिया-माझीघाट) का ब्लू प्रिट तैयार कर लिया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब यह एक्सप्रेस वे सिक्स लेन नहीं बनाया जाएगा। इसे अब फोरलेन ही धरातल पर उतारेंगे। हाईवे की चौड़ाई सौ से घटाकर 60 मीटर कर दी गई है। तय हुआ है कि इसे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से भी जोड़ा जाए। गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर के आगे उत्तमनगर गांव में डबल ट्रंप बनाएंगे। यहां पर वाहन चढ़ेंगे और उतारे जाएंगे। यह बलिया शहर से करीब 34 किलोमीटर दूर पर है।
बता दें कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे एनएच-29 (गोरखपुर से वाराणसी हाईवे) पर गाजीपुर बाईपास के पास जंगीपुर से शुरू किया जाएगा, जो करिमुद्दीनपुर, चितबड़ागांव, फेफना, माल्देपुर, हल्दी, बैरिया होते ही चांददियर पहुंचेगा, फिर यहां से मांझी घाट पर इसे खत्म करेंगे। बलिया शहर के बाहर से इसे गुजारेंगे। इस तरह एनएचएआइ ने करीब 117 किमी लंबा एलाइनमेंट तय कर दिया है। इस रूट पर एनएच-29 और एनएच-19 (गाजीपुर-बलिया-छपरा हाईवे) सीधे जुड़ रहे हैं। तीन हजार करोड़ रुपये परियोजना की लागत निर्धारित कर दी गई है, जबकि जबकि जमीनों के अधिग्रहण में करीब 1630 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। शासन ने भूमि-खरीद का आदेश जारी कर दिया है। दो दिन बाद यूपिडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) की टीम बलिया आएगी, वह राजस्व विभाग के अफसरों के साथ बैठक करेंगे। वह तय हुए नए रूट के हिसाब से जमीनों का आंकलन करेंगे। इस दौरान पूर्व में एकत्र किए गए जमीनों के विवरण का परीक्षण होगा। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जमीन खरीदने की कार्रवाई शुरू करेंगे।
नाया जाएगा एक आरओबी
डिजाइन स्वीकृत
ग्रीन फील्ड परियोजना के लिए एक आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) बनाया जाएगा। इसकी भी डिजाइन स्वीकृत कर दी गई है। यह आरओबी चितबड़ागांव और फेफना के बीच बनाया जाएगा। इस आरओबी के ठीक बगल में टोंस नदी गुजरती हैं। पूरी परियोजना वाराणसी-गाजीपुर-बलिया-छपरा रेल लाइल के बगल से गुजारी जा रही है।
हरे भरे इलाकों से गुजरेगा एक्सप्रेस वे
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे का मतलब उस एक्सप्रेस वे से है, जो हरे-भरे इलाकों से निकाल दिए जाते हैं। इन्हें ग्रीन कॉरिडोर भी कहा जाता है। मतलब ऐसी जगह, जहां पर पहले कभी सड़क न रही हो, इसके लिए कोई बिल्डिग या सड़क वगैरह तोड़ने का झंझट भी नहीं होता। हाईवे के किनारे हरे-भरे पौधे भी लगाए जाएंगे। इसके लिए अलग से धनराशि स्वीकृत है।
वर्जन
परियोजना का एलाइनमेंट शासन ने स्वीकृत कर दिया है। तय हो गया है कि यूपिडा जमीन खरीद कर हमें देगी। एनएचएआइ की जिम्मेदारी हाईवे निर्माण की होगी। इसी हफ्ते जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।
-एसके पाठक, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ, आजमगढ़
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